माणिक सरकार को पश्चिम बंगाल, केरल या बांग्लादेश में शरण ले लेनी चाहिए: भाजपा मंत्री

असम की भाजपा सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने क​हा कि अगर अमित शाह राजनीति की स्नातकोत्तर कक्षा में हैं तो राहुल अभी नर्सरी के छात्र हैं.

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हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

असम की भाजपा सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि अगर अमित शाह राजनीति की स्नातकोत्तर कक्षा में हैं तो राहुल अभी नर्सरी के छात्र हैं.

हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)
हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

अगरतला: असम की भाजपा सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा की सत्ता से मुक्त होने जा रहे मुख्यमंत्री माणिक सरकार पश्चिम बंगाल, केरल या पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले सकते हैं क्योंकि भाजपा राज्य की अगली सरकार बनाने जा रही है.

अगरतला में पत्रकारों से बातचीत में शर्मा ने कहा, ‘माणिक सरकार के पास तीन विकल्प है. वह पश्चिम बंगाल जा सकते हैं, जहां सीपीआईएम की कुछ हद तक उपस्थिति है. वह केरल जा सकते हैं जहां पार्टी सत्ता में है और तीन और सालों तक सत्ता में रहेगी या फिर पड़ोसी देश बांग्लादेश जा सकते हैं.’

इतना ही नहीं शर्मा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की राजनीतिक क्षमता की तुलना करते हुए कहा कि अगर शाह स्नातकोत्तर के छात्र हैं तो राहुल अभी नर्सरी कक्षा में ही हैं.

शर्मा करीब दो दशक तक कांग्रेस में थे और करीब 15 साल तक तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. वह 2015 में भाजपा में शामिल हुए.

असम के शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री ने शाह और गांधी के कामकाज की शैली में तुलना करने संबंधी सवाल पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं कहूंगा कि अगर अमित शाह राजनीति में स्नातकोत्तर के छात्र हैं तो राहुल गांधी अब भी नर्सरी कक्षा में हैं.’

त्रिपुरा के 69 साल के मुख्यमंत्री माणिक सरकार 1998 से राज्य की सत्ता की बागडोर संभाले हुए थे. वह माकपा के पोलितब्यूरो सदस्य थे और चार बार से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं.

त्रिपुरा विधानसभा की 60 में 59 सीटों पर बीती 18 फरवरी को चुनाव हुए थे. सीपीआईएम के एक प्रत्याशी की मौत के बाद एक सीट पर चुनाव नहीं कराए गए.

त्रिपुरा में बीते 25 सालों से माकपा की सरकार है. 2013 के विधानसभा चुनाव में माकपा को 49 सीटें और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं.

त्रिपुरा में जहां हर बार कांग्रेस और वाम मोर्चा आमने-सामने होता था, इस बार वहां भाजपा सीधे मुकाबले में है.

यहां भाजपा ने क्षेत्रीय दल इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट से जारी आंकड़ों के अनुसार, ख़बर लिखे जाने तक भाजपा सात सीटों पर जीत चुकी है और 28 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं उसकी गठबंधन सहयोगी आईपीएफटी के खाते में पांच सीटें आई हैं. यह दल तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि माकपा ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है और 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)