2016 में दलितों के ख़िलाफ़ जातिगत भेदभाव के 40 हज़ार से ज़्यादा मामले दर्ज हुए

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने सदन में बताया कि 2015 के मुक़ाबले 2016 में दलितों के ख़िलाफ़ जातिगत भेदभाव के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.

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भीमा कोरेगांव हिंसा के ख़िलाफ़ मुंबई में दलित समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने सदन में बताया कि 2015 के मुक़ाबले 2016 में दलितों के ख़िलाफ़ जातिगत भेदभाव के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.

भीमा कोरेगांव हिंसा के ख़िलाफ़ मुंबई में दलित समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)
जनवरी महीने में महारष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के ख़िलाफ़ मुंबई में दलित समुदाय का विरोध प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को बताया कि वर्ष 2016 में देश भर में दलितों के खिलाफ भेदभाव और अपमान से जुड़े 40,774 मामले दर्ज किए गए.

लोकसभा में अर्जुन लाल मीणा के प्रश्न के लिखित उत्तर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने यह जानकारी दी.

मंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में देश में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ भेदभाव और अपमान से जुड़े 40,774 मामले दर्ज किए गए.

उन्होंने कहा कि इस दौरान राजस्थान में ऐसे 5,134 मामले दर्ज किए.

सदस्य ने पूरे देश विशेष रूप से राजस्थान से संबंधित आंकड़े की जानकारी मांगी थी.

मंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2015 में ऐसे 38,564 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें राजस्थान में 5,911 मामले दर्ज किए गए.