राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य में फिल्म पद्मावती को तभी रिलीज़ किया जा सकता है जब राजपूत करणी सेना इसे मंजूरी दे दे.
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है. बीते बुधवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में लगे फिल्म के सेट में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने बुधवार को कहा, ‘फिल्म को तभी रिलीज़ किया जाएगा जब श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (एसआरआरकेएस) की कमेटी और समाज के दूसरे ज्ञानवान लोग देख लें. राज्य में फिल्म की रिलीज़ से पहले उनकी आपत्तियों पर भी गौर किया जाएगा.’
बुधवार को चतुर्वेदी ने करणी सेना, राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ और राजस्थान वैश्य महासभा के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. जिसके बाद उन्होंने ये बयान दिया.
उन्होंने कहा, ‘प्रतिनिधिमंडल को इस बात का आश्वासन दिया गया है कि राज्य में फिल्म की शूटिंग पर रोक रहेगी. सरकार का निर्णय है कि राजस्थान में अब फिल्म पद्मावती की शूटिंग की अनुमति नहीं होगी. जहां तक रिलीज़ की बात है तो यह तभी हो सकता है जब फिल्म को लेकर इन संगठनों की आपत्तियों का निदान हो जाए.’
27 जनवरी को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ महल में फिल्म की शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना ने फिल्म के सेट पर न सिर्फ़ हंगामा किया बल्कि संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट भी की थी. हालांकि घटना के बाद भंसाली और करनी सेना के बीच सुलह की बात सामने आई थी.
फिल्म पद्मावती दरअसल राजपूत रानी पद्मावती और मुग़ल बादशाह अलाउद्दीन ख़िलजी पर आधारित है. करनी सेना ने आरोप लगाया है कि फ़िल्म में रानी पद्मावती और अलाउदीन ख़िलजी के बीच प्रेम दिखाया गया है और अंतरंग दृश्य फिल्माए गए हैं. करनी सेना ने संजय लीला भंसाली पर राजपूतों के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है.
उधर, भंसाली की टीम का कहना है कि फ़िल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं है. हम तथ्य को लेकर संवेदनशील है. फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ र रनवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं.