फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया कि भारत में 335 लोगों के ऐप इंस्टॉल करने के कारण उनके दोस्तों के रूप में 5,62,120 अन्य लोगों के प्रभावित होने की संभावना है.
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: जैसा कि आशंका थी फेसबुक के डेटा लीक घोटाले की आंच भारत तक पहुंच गई है, जहां करोड़ों लोग इस सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल करते हैं.
भारत में फेसबुक से जुड़े साढ़े पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं से जुड़ी जानकारी लीक होने की आशंका है. हालांकि सीधे तौर पर प्रभावित उपभोक्ताओं की संख्या काफी कम है.
इस बीच फेसबुक ने कहा है कि भारत में इस साल होने वाले चुनाव उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह अपनी सुरक्षा को चाक-चौबंद करने पर काम कर रही है.
फेसबुक ने गुरुवार को कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़े डेटा लीक प्रकरण से भारत में 5.62 लाख लोगों के संभावित प्रभावित होने की आशंका है.
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में भारत में 335 लोग ऐप इंस्टॉल करने के कारण सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. यह आंकड़ा पूरे विश्व में इंस्टॉल किए गए ऐप का 0.1 प्रतिशत है. इन 335 लोगों के दोस्तों के रूप में 5,62,120 अन्य लोगों के प्रभावित होने की आशंका है.
फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस तरह से भारत में कुल मिलाकर 5,62,455 संभावित प्रभावित उपभोक्ता हैं जो कि वैश्विक स्तर पर संभावित प्रभावितों का 0.6 प्रतिशत है.’
मालूम हो कि डेटा लीक के आरोपों के बाद भारत के संबंध में फेसबुक की ओर पहली बार आधिकारिक टिप्पणी की गई है.
टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक की ओर से कहा गया है, ‘डॉ. एलेक्ज़ेडर कोगर और उनकी कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड की ओर से विकसित किए गए ऐप से यह हमारी अनुमति के बैग़र हुआ. यह हमारी नीतियों का उल्लंघन है.’
कंपनी का कहना है कि वह जांच कर रही है कि किन उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारी लीक हुई.
टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 2 लाख 70 हज़ार लोगों ने विश्वस्तर पर व्यक्तित्व से जुड़े सवालों को लेकर बनाए गए ऐप को डाउनलोड कर अपनी और अपने दोस्तों की सूचना इसके अनुसंधानकर्ताओं को दी जिसे कैंब्रिज एनालिटिका को दे दिया है. इस प्रक्रिया को फेसबुक ने ग़लत बताया है.
देश में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं. भारत सरकार ने पिछले महीने डेटा लीक के इस मुद्दे में फेसबुक व कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 2016 का चुनाव अभियान देख रही डेटा विश्लेषण करने वाली फर्म कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने फेसबुक के पांच करोड़ उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारियों का दुरुपयोग किया था.
अमेरिका में उपभोक्ता एवं प्रतिस्पर्धा नियामक संघीय व्यापार आयोग ने इस जांच की शुरुआत की है. इस मामले के सामने आने के बाद फेसुबक को वैश्विक स्तर पर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
फेसबुक ने चार अप्रैल को स्वीकार किया था कि लगभग 8.7 करोड़ लोगों से जुड़ी जानकारी कैंब्रिज एनालिटिका के साथ अनुचित तरीके से साझी की गई. इनमें से ज़्यादातर लोग अमेरिका के हैं.
फेसबुक से जुड़े उपभोक्ताओं की जानकारी तीसरे पक्षों को लीक किए जाने के इस घोटाले से हाल ही में सोशल मीडिया कंपनी की खूब किरकिरी हुई है. कंपनी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी है.
भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी पिछले महीने फेसबुक को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
उल्लेखनीय है कि फेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने बीते चार अप्रैल को स्वीकार किया कि 8.7 करोड़ उपभोक्ताओं की जानकारी अनुचित रूप से कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा की गई.
ज़ुकरबर्ग ने इस बड़ी ग़लती माना. अब तक यह माना जा रहा था कि पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं से जुड़ी जानकारी लीक हुई है.
इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि इस साल भारत सहित कई देशों में होने वाले चुनाव उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है तथा वह भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए कमर कस रही है.
ज़ुकरबर्ग ने चार अप्रैल को संवाददाताओं से कहा, ‘अमेरिका में अलबामा में पिछले साल हुए विशेष चुनाव में हमने मनमर्ज़ी की सूचना फैलाने वाले ट्रोल को पकड़ने के लिए कुछ नए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी-एआई) टूल सफलतापूर्वक लागू किए. इस समय हमारे 15,000 लोग सुरक्षा व सामग्री समीक्षा पर काम कर रहे हैं और यह संख्या इस साल के आखिर तक 20,000 से अधिक होगी.’
ज़ुकरबर्ग ने कहा, ‘अमेरिका के साथ-साथ भारत, ब्राज़ील, पाकिस्तान व हंगरी सहित अनेक देशों में होने वाले चुनावों के मद्देनज़र हमारे लिए यह साल महत्वपूर्ण है. हमारे लिए यह काफी महत्वपूर्ण होगा.’
उल्लेखनीय है कि भारत में इस साल कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. आम चुनाव भी अगले साल होने हैं. सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो मार्क ज़ुकरबर्ग को भारत बुलाकर उनसे पूछताछ की जाएगी.
फेसबुक डेटा लीक मामले में एनालिटिका के जवाब का इंतजार करेगी सरकार
फेसबुक डेटा लीक मामले में कार्रवाई का फैसला करने से पहले केंद्र सरकार ब्रिटिश डेटा विश्लेषण कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के जवाब का इंतज़ार करेगी.
सूत्रों ने यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि इस मामले में फेसबुक को भेजे गए नोटिस का जवाब सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को मिल गया है.
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई का फैसला करने से पहले भारत सरकार कैंब्रिज एनालिटिका के जवाब का इंतज़ार करेगी.
फेसबुक के 8.7 करोड़ यूज़र्स की निजी जानकारी ब्रिटिश कंपनी से की गई थी साझा
ब्रिटेन की राजनीतिक परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने कहा कि 8 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूज़र्स का निजी डेटा अनुचित रूप से कंपनी से साझा किया गया. यह पहले के पांच करोड़ के अनुमान से कहीं अधिक है.
फेसबुक के प्रमुख तकनीकी अधिकारी माइक स्क्रोफर ने सोशल नेटवर्क के यूज़र्स के लिए नया प्राइवेसी टूल लागू करने की घोषणा करते हुए एक बयान में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि कुल मिलाकर फेसबुक पर 8 करोड़ 70 लाख लोगों की निजी जानकारी अनुचित रूप से कैंब्रिज एनालिटिका से साझा की गई. इनमें से ज़्यादातर यूज़र्स अमेरिका के थे.’
इस खुलासे से फेसबुक के लिए संकट बढ़ सकता है जो डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनावी अभियान के लिए काम कर रहे सलाहकारी समूह द्वारा निजी डेटा हैकिंग पर खुलासे के दबाव का सामना कर रहा है.
फेसबुक इस मामले में जांच का सामना कर रहा है और उसके मुख्य कार्यकारी मार्क ज़ुकरबर्ग मामले पर अगले सप्ताह संसदीय समिति के समक्ष गवाही देने के लिए राज़ी हो गए हैं.
स्क्रोफर ने कहा कि आने वाले सोमवार से नए टूल्स से यूज़र्स को प्राइवेसी और डेटा साझा करने की बेहतर समझ मिलेगी.
फेसबुक ने अलग से बयान जारी कर कहा कि नई सेवा शर्तों से डेटा साझा करने और विज्ञापन किस तरह पहुचंते है, इसके बारे में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. इन बदलावों से बाहरी व्यक्ति का यूजर डेटा तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.
स्क्रोफर ने बताया कि एक बदलाव ऐसा किया गया है जिससे फेसबुक सर्च के साथ किसी के एकदम सही लोकेशन का पता लगाने के लिए उसका फोन नंबर या ईमेल एड्रेस एंटर नहीं किया जा सकेगा.
मुझे एक और मौका दीजिए: ज़ुकरबर्ग
फेसबुक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मार्क ज़ुकरबर्ग ने कंपनी के संचालन के मामले में एक और मौका दिए जाने की गुरुवार पांच अप्रैल को मांग की. हालांकि उन्होंने यह भी माना है कि उनकी कंपनी ने अपने उपयोगकर्ताओं की सूचना तीसरे पक्ष के साथ साझा कर ग़लती की है.
वर्ष 2004 में फेसबुक की स्थापना करने वाले ज़ुकरबर्ग ने फिर से चूक की बात स्वीकार की और कंपनी की अगुवाई के लिए एक और मौका दिए जाने की मांग की है.
उन्होंने कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे एक और मौका दीजिए.’
उनसे यह पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि वे अब भी कंपनी की अगुवाई के लिए बेहतर व्यक्ति हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)