युवाओं ने कई मेट्रो स्टेशनों पर ‘होक आलिंगोन’ यानी ‘गले लगो’ का पोस्टर लेकर किया प्रदर्शन. कोलकाता मेट्रो में युवक-युवती के गले लगने पर नाराज़ लोगों ने उन्हें पीटा था.
कोलकाता: शहर में मेट्रो ट्रेन के एक डिब्बे के अंदर मोरल पुलिसिंग की कथित घटना के विरोध में दो मई को लोगों ने टॉलीगंज मेट्रो स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया गया.
मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, सोमवार को एक पुरुष ने अपनी महिला मित्र को गले लगाने का प्रयास किया, जिसका मेट्रो के डिब्बे में मौजूद लोगों ने विरोध किया.
कुछ लोगों ने कथित नज़दीकियों पर आपत्ति जताई जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई थी. बताया जा रहा है कि विरोध करने वाले लोगों में अधिकांश अधेड़ उम्र के थे.
खबरों में कहा गया कि इसके बाद भीड़ ने दोनों से धक्का-मुक्की की, उन्हें दमदम मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन से बाहर धक्का दिया और उनकी पिटाई की. हालांकि कि उस अज्ञात महिला-पुरुष ने इस संदर्भ में किसी भी तरह की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोलकाता मेट्रो के जीएम अजय विजयवर्गीय ने कहा है, ‘हम उस जोड़े पर 30 अप्रैल को हुए कथित हमले का विरोध करते हैं. उनकी ओर से इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया है, इसमें उनसे मारपीट का स्पष्ट सबूत नहीं मिला है.’
टॉलीगंज मेट्रो स्टेशन के बाहर दो मई की सुबह बड़ी संख्या में युवा एकत्रित हुए और वे अपने हाथों में तख़्तियां तथा पोस्टर लिए हुए थे जिन पर लिखा था ‘होक आलिंगोन’ (गले लगो) और ‘आई लव कोलकाता’. इन पोस्टरों के माध्यम से उन्होंने शहर में मोरल पुलिसिंग की इस घटना का विरोध किया.
बांग्लादेश से निवार्सित लेखक तस्लीमा नसरीन ने एक ट्वीट कर कहा, एक युवा जोड़ा कोलकाता मेट्रो में गले लग गया. इस घटना से कुछ असंतुष्ट बुजुर्ग लोगों को नाराज़ कर दिया. उन लोगों ने दोनों को पीटा. घृणा के दृश्यों की अनुमति है लेकिन प्रेम के दृश्यों को अश्लील समझा जाता है.
A young couple embraced in Kolkata metro. It made a bunch of frustrated old losers angry. They beat them up. Scenes of hatred are allowed. Scenes of love are considered obscene. pic.twitter.com/Jv4zNaMDe8
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 1, 2018
कोलकाता के एक कॉलेज छात्र ने कहा, ‘हम यहां मेट्रो में नैतिकता की पहरेदारी की घटना का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए हैं. हमारा शहर आनंद और प्रेम का शहर माना जाता है. हमने इससे पहले इस तरह की घटना कभी नहीं देखी. यह पूरी तरह से शर्मनाक है.’
इसी तरह का प्रदर्शन दमदम मेट्रो स्टेशन के बाहर भी किया गया. यहां हुए प्रदर्शन में शामिल अभिषेक कर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, ‘कोलकाता सहनशील और उदारवादी शहर है. यहां सभी को अपनी भावनाएं अभिव्यक्त करने की आज़ादी होनी चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)