केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री ने कहा कि नेताओं को दलितों के घर भोजन करने के बजाय उनकी मूल समस्याओं को हल करने की कोशिश करना चाहिए. अशिक्षा, अत्याचार निवारण और दलितों के विकास पर काम होना चाहिए.
मुंबई: राजनीतिक नेताओं के दलितों के घरों में खाना खाकर सुर्खियां बटोरने के बीच केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक वर्ग को पिछड़े समुदाय को कृपा दिखाने से बचना चाहिए और दलितों के घरों पर नेताओं के खाना खाने से छुआछूत दूर नहीं होगी. पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा सही है जबकि अप्रिय घटनाओं की रिपोर्टें उनके काम पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं.
उन्होंने कहा, ‘आप किसी के घर पर भोज कर सकते हैं लेकिन आप उन पर कृपा नहीं बरसा सकते हैं जैसे भगवान राम ने शबरी के घर पर भोजन किया था. यह गलत है. हम राजनीति में लंबे अरसे से हैं और कई लोगों के घरों में भोजन किया है लेकिन किसी की जाति नहीं पूछी. उन पर दया दिखाना गलत है और यह सोचना कि दलित के साथ खाना खाने से छुआछूत खत्म हो जाएगी, ये सही नहीं है.’
उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री से पूछा गया था कि भाजपा नेता दलितों के घर पर जो भोजन कर रहे हैं क्या यह मात्र प्रतीकवाद है?
पासवान ने कहा, ‘इसके बजाय उनकी मूल समस्याओं को हल करने की कोशिश होनी चाहिए जैसे शिक्षा की कमी, अत्याचार निवारण और उनके विकास पर काम होना चाहिए.’
यह पूछे जाने पर कि चुनाव से पहले पिछड़ों और किसानों में नाराजगी को देखते हुए वह भाजपा को क्या सलाह देंगे. इस पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख ने कहा कि दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज का एक अहम वर्ग बनाते हैं.
पिछले ही दिनों, भाजपा सांसद उदित राज ने भी दलितों के घर भोजन कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे भाजपा को कोई लाभ नहीं होगा.
भाजपा सांसद ने कहा था कि दलितों के घर रात बिताने और भोजन करने से दलित परिवार सशक्त नहीं होते हैं. इस दिखावे से बेहतर है कि नेता ज़रूरतमंद दलितों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतज़ाम करें.
उन्होंने कहा था, ‘यह मेरा सामाजिक विचार है. मेरी निजी राय हो सकती है. न सिर्फ पार्टी, बल्कि पूरे देश, ‘सवर्ण समाज’ को इसके बारे में सोचना चाहिए. अब सिर्फ खाना खाने से कुछ नहीं होगा, यह दलितों को और हीन महसूस कराता है.’
उदित आगे कहते हैं, ‘रात को रुक कर और भोजन करके दिखावा करने से बेहतर है कि नेता जरूरतमंत दलितों के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार और इलाज के उपाय लेकर आएं. वरना इससे भाजपा को कुछ खास फायदा नहीं होगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)