अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक़ मंसूर ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट और साबरमती आश्रम समेत कई और जगहों पर भी जिन्ना की तस्वीर लगी है और अब तक किसी को इन तस्वीरों से कोई परेशानी नहीं हुई.
नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति तारिक़ मंसूर ने यूनिवर्सिटी में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर खड़े हुए विवाद को बेकार का मुद्दा बताया है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘यहां जिन्ना की तस्वीर 1938 से लगी है. बॉम्बे हाईकोर्ट और साबरमती आश्रम समेत कई और जगहों पर भी जिन्ना की तस्वीर लगी है. अब तक किसी को इन तस्वीरों से कोई परेशानी नहीं हुई मेरा मानना है कि यह बेकार का मुद्दा है.’
Jinnah's portrait has been here since 1938. Jinnah's portrait is at many places including Bombay HC & Sabarmati Ashram. No one was worried about the portraits until now, I think it is a non-issue: Professor Tariq Mansoor, Aligarh Muslim University VC on Jinnah portrait row pic.twitter.com/XGmfxizN7c
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 9, 2018
इस बीच प्रोफेसर मंसूर ने बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की. कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर में मुहम्मद अली जिन्ना की लगी तस्वीर को लेकर उठे विवाद के बीच प्रतिष्ठित शैक्षिणक संस्थान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
बैठक के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि कुलपति ने परिसर की स्थिति के बारे में गृहमंत्री को जानकारी दी.
एएमयू की छवि बिगाड़ने की कोशिश करने वालों की साजिश से बचें छात्र
इससे पहले मंगलवार को कुलपति ने जिन्ना तस्वीर प्रकरण को लेकर परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं से कहा था कि वे एएमयू की छवि बिगाड़ने की कोशिश करने वालों की साजिश से बचें और अपनी पढ़ाई का नुकसान न करें.
हालांकि उनके इस आह्वान को छात्रसंघ ने अनसुना कर दिया है. कुलपति ने छात्र-छात्राओं को लिखे खुले पत्र में उनसे आग्रह किया कि वे एएमयू की छवि बर्बाद करने की जुगत में लगी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य से खिलवाड़ कर रही शक्तियों के जाल में नहीं फसें.
उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक हैं. ज्ञात हो कि एएमयू में विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं आगामी 12 मई को शुरू हो रही हैं.
हालांकि एएमयू छात्रसंघ ने कुलपति की इस अपील को ठुकराते हुए स्पष्ट किया कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने तक धरना जारी रहेगा.
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छात्रसंघ के अध्यक्ष मशकूर उस्मानी ने कहा कि उनकी तीन ही प्रमुख मांगें हैं. पहली, दो मई को एएमयू में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी हिंसा की न्यायिक जांच करायी जाए. दूसरी, उन कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की जाए और तीसरी, उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो, जिन्होंने एएमयू के छात्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया था.
मालूम हो कि एएमयू के यूनियन हॉल में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर गत दो मई को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा किया था. अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एएमयू के छात्रों को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र जख्मी हो गये थे.
उसके बाद से एएमयू की छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय के बाब-ए-सैयद पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि मांगें पूरी नहीं होने तक उनका धरना जारी रहेगा.
इस मामले में पुलिस हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व नगर अध्यक्ष योगेश वार्ष्णेय और उसके साथी अमित गोस्वामी को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है. दोनों एएमयू में गत दो मई को हुए बवाल के मामले में दर्ज मुकदमे में नामजद थे.
विश्वविद्यालय परिसर में शांति बनाने और छात्रों की समस्याओं को जानने के लिये वरिष्ठ अध्यापको की 16 सदस्यीय एक समन्वय समिति बनाई गयी है . विश्वविद्यालय के अधिकारी लगातार जिले के अधिकारियों के संपर्क में है और उनसे बात कर रहे है ताकि परिसर में शांति बनाने के लिये कार्ययोजना तैयार की जा सकें.
छात्रों ने किया था मानव श्रृंखला बनाने का प्रयास
एएमयू छात्रों ने मंगलवार शाम हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी कथित हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बाब ए सैय्यद द्वार से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकालकर मानव श्रृंखला बनाने का प्रयास किया. हालांकि एएमयू के वरिष्ठ अध्यापकों के समझाने पर छात्रों ने अपनी इस योजना को बदल दिया.
परिसर में शाम करीब घंटे तक तनाव का माहौल रहा क्योंकि एएमयू में प्रदर्शनकारी छात्रों ने घोषणा की कि वे विरोध में मानव श्रृंखला बनायेंगे. इसके बाद विश्वविद्यालय के पूरे क्षेत्र में पुलिस तैनात कर दी गयी और छात्रों को बताया गया कि उन्हें परिसर से कलेक्ट्रेट तक मानव श्रृंखला बनाने की इजाजत नहीं दी जायेगी.
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एएमयू इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस को तैनात कर दिया गया. एएमयू प्रशासन ने करीब 100 वरिष्ठ अध्यापकों तथा कर्मचारियों को परिसर में तैनात कर दिया और छात्रों को समझा बुझााकर परिसर के अंदर ही रहने के लिये मना लिया.
साथ ही शहर मुफ्ती मोहम्मद खालिद ने भी छात्रों से भावनात्मक अपील करते हुये कहा कि छात्र अपना विरोध प्रदर्शन परिसर के अंदर ही करें क्योंकि एक छोटी सी अप्रिय घटना पूरे शहर का माहौल बिगाड़ सकती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)