नॉर्थ ईस्ट डायरी: नगालैंड में शिक्षा की स्थिति से नाराज़ 1 लाख छात्र नहीं देंगे उपचुनाव में वोट

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और असम के प्रमुख समाचार.

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नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो. (फोटो: पीटीआई)

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और असम के प्रमुख समाचार.

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नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो (फोटो: पीटीआई)

कोहिमा: नगालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए 28 मई को होने वाले उपचुनाव में राज्य के करीब एक लाख विद्यार्थी वोट नहीं देंगे.

द मोरुंग एक्सप्रेस की खबर के अनुसार ऑल नगालैंड कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन (एएनसीएसयू) ने यह कदम प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सुधार की उनकी मांगों के पूरा न होने के खिलाफ उठाया है.

ज्ञात हो कि एएनसीएसयू शिक्षकों की नियुक्ति, स्कॉलरशिप और कोहिमा साइंस कॉलेज के अतिक्रमण सहित शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न सुधारों की मांग कर रहा है.

शनिवार 19 मई को कोहिमा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एएनएससीयू के अध्यक्ष केपी अवोमी ने बताया एएनसीएसयू के अंदर आने वाले 42 कॉलेजों के तकरीबन 1 लाख विद्यार्थी शिक्षा सुधार न होने के विरोध स्वरूप आगामी उपचुनाव में मतदान नहीं करेंगे.

अवोमी ने कहा, ‘हमने कई बार मुख्यमंत्री को लिखा, उनसे अपॉइंटमेंट लेने की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया, इसलिए हम यह कदम उठाने के लिए मजबूर हो गये हैं.’

मतदान न करने के अलावा छात्र वोटिंग के दिन विरोध पर सड़क पर उतरने की भी योजना बना रहे हैं.

यूनियन का कहना है कि राज्य में न उच्च शिक्षा और न ही स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में कोई सुधार देखने को मिल रहा है.

अवोमी ने कहा, ‘हम बदलाव की बात कर रहे हैं, लेकिन कोई बदलाव नहीं है. स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के लिए कोई नई नीति नहीं बनाई गयी है. हमारी विभिन्न मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

छात्र यूनियन की यह भी मांग है कि मंत्रियों, विधायकों और अन्य सरकारी अफसरों से कथित तौर पर संबंधित शिक्षकों को 30 दिनों के भीतर हटे जाए, साथ ही एक नोडल सेल विभाग बनाया जाए, जिससे राज्य के विद्यार्थी विभिन्न छात्रवृत्ति का लाभ ले सकें.

इसके अलावा यूनियन का यह भी आरोप है कि जोत्सोमा में कोहिमा साइंस कॉलेज की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है.

मालूम हो कि नेफियू रियो के इस्तीफे के कारण नगालैंड लोकसभा सीट पर चुनाव की जरूरत पड़ी. मौजूदा मुख्यमंत्री रियो ने नगालैंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इस साल फरवरी में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

त्रिपुरा: अवैध निर्माण कहकर सरकार ने गिरवाए विपक्षी दलों के दफ्तर

Agartala: Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb speaks with the media, as Deputy Chief Minister Jishnu Dev Barman looks on, in Agartala on Wednesday. PTI Photo (PTI3_21_2018_000122B)
मुख्यमंत्री बिप्लब देव और उपमुख्यमंत्री जिश्नु देब बर्मन (फोटो: पीटीआई)

अगरतला: 7 मई से अब तक त्रिपुरा में राज्य सरकार द्वारा कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कई दफ्तरों को गिरा दिया गया है. सरकार का दावा है कि ये सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करके बनाए गए थे.

कांग्रेस माकपा सहित विभिन्न क्षेत्रीय दलों के दफ्तरों के 300 के करीब नोटिस भेजे गए हैं, जिन पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है.

मालूम हो कि 17 अप्रैल को हुई एक कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार द्वारा जारी के पत्र में कहा गया था कि एक फील्ड सर्वे के बाद यह पाया गया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के दफ्तर सरकारी या विभागीय जमीन पर बनाए गए हैं, इसलिए उन्हें यह पत्र मिलने के एक हफ्ते के अंदर ख़ाली करने का निर्देश दिया जाता है.

स्थानीय ख़बरों के अनुसार पुलिस ने 7 मई को अगरतला के ओल्ड मोटर स्टैंड के पास कुछ पार्टी ऑफिस ढहा दिए थे. इसके बाद विभिन्न दलों ने सरकार के इस फैसले पर अपनी नाराजगी जताई थी.

हालांकि उन्होंने यह माना कि दफ्तर सरकारी जमीन पर बने हैं पर इस कार्रवाई के तरीके पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई.

माकपा के प्रदेश सचिव बिजन धर का कहना था, ‘यह सच है कि ये निर्माण सरकारी जमीन पर बहुत साल पहले हुआ था पर इन्हें गिराने का फैसला राज्य में विपक्ष को दबाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. हमारी मांग है कि सरकार यह फैसला वापस ले.’

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बिराजित सिन्हा ने भी यह माना कि उन्हें सरकार का नोटिस मिला लेकिन सरकार के इसे लागू करने के तरीके का उन्होंने विरोध किया था.

उन्होंने बताया, ‘हमारे करीब 35 दफ्तरों को सरकारी नोटिस मिला है. हालांकि यह सच है कि इनमें से कई सरकारी जमीन पर बनाए गए हैं लेकिन सरकार ने यह नोटिस ऑल पार्टी मीटिंग बुलाये बिना भिजवाए हैं.’

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस अभियान के तहत 14 मई तक पश्चिम त्रिपुरा और ढलाई जिलों में 11 के करीब भवन गिराए जा चुके हैं.

पश्चिम त्रिपुरा कांग्रेस के 3  और माकपा के 1 दफ्तर के अलावा भाजपा के भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध 3 ट्रेड यूनियनों के दफ्तर गिरा दिए गए. वहीं ढलाई जिले में माकपा के 3 पार्टी ऑफिसों के अलावा भाजपा द्वारा किराये पर लिया गया एक शेड भी गिरा दिया गया.

विभिन्न दलों के सरकार के इस अभियान को रोकने की मांग के बावजूद स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा इस अभियान को पूरा करने के लिए कड़े आदेश दिए गए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा नेता माणिक सरकार ने इसे ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपाल चंद्र रॉय ने कहा है कि सरकार का यह अभियान त्रिपुरा लैंड रेवेन्यू और लैंड रिफॉर्म एक्ट के सेक्शन 14-15 का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी न केवल राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेगी बल्कि कानूनी मदद भी लेगी.

असम: अमित शाह के दौरे से पहले किसान नेता गिरफ्तार

अखिल गोगोई (फोटो: द वायर)
अखिल गोगोई (फोटो: द वायर)

गुवाहाटी: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रविवार के दौरे से पहले आरटीआई कार्यकर्ता और किसान संघ के नेता अखिल गोगोई को उनके समर्थकों के साथ हिरासत में ले लिया गया.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.

शाह रविवार को राज्य की राजधानी में पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के तीसरे सम्मेलन में शामिल होंगे.

अधिकारी ने बताया कि गोगोई की अध्यक्षता में कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के कई सदस्य अमित शाह को काले झंडे दिखाने के लिए रविवार सुबह शहर के कई हिस्सों में एकत्रित हुए थे.

श्रीमंत संकरदेव कलाक्षेत्र के पास से गिरफ्तार किए गए गोगोई का कहना है कि उनके समर्थक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शाह इसी जगह के पास बैठक में हिस्सा लेंगे.

असम: भाजपा विधायक को परिवार समेत को मिला ‘संदिग्ध नागरिक’ होने का नोटिस

गुवाहाटी: असम के बरखोला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक और उनके परिवार के सदस्यों को विदेशी नागरिकों से संबंधित न्यायाधिकरण ने नोटिस जारी किया है.

न्यायाधिकरण ने ‘संदिग्ध नागरिक’ होने के संदेह में नोटिस जारी किया है. न्यायाधिकरण ने भाजपा विधायक किशोर नाथ, उनकी पत्नी नीलिमा नाथ, चार भाइयों और एक अन्य संबंधी को नोटिस जारी किया है.

नोटिस के अनुसार किशोर नाथ और उनके परिवार के सदस्यों को कहा गया है कि वे न्यायाधिकरण न्यायाधीश के समक्ष पेश होकर साबित करें कि वे भारत के नागरिक हैं.

विधायक ने कहा कि वह और उनका परिवार भारत के मूल निवासी हैं तथा वह अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

सूत्रों ने बताया कि नाथ ने विधानसभाध्यक्ष को इस नोटिस से अवगत करा दिया है.

अरुणाचल प्रदेश: सेना ने चीन सीमा के पास तक सड़क बनाई

Border roads Organisation PTI
प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई

इटानगर: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित ताकसिंग तक सड़क बना दी है.

बीआरओ ने एक बयान में कहा है कि इसने तामा चुंग-चुंग ताकसिंग सड़क का विस्तार नौ मई को लेमीकिंग से आबे तक पूरा कर दिया. इस कार्य को पूरा करने में नौ साल लगे.

यह सड़क अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित ताकसिंग सर्कल और लेमिकिंग को 80 किमी लंबे मार्ग से जोड़ती है.

23 सीमा सड़क कार्य बल (बीआरटीएफ) के कमांडर कर्नल तनीश कुमार ने बयान में कहा कि बीआरओ की एक टीम मुआयना करने हाल ही में लेमिकिंग से ताकसिंग तक गई.

असम: संदिग्ध मानव तस्करों से 10 लोगों को छुड़वाया, दो गिरफ्तार

रंगिया (असम): रंगिया रेलवे स्टेशन से रेलवे सुरक्षा बल ने दो संदिग्ध मानव तस्करों के चंगुल से पांच नाबालिग लड़कों और पांच युवकों को मुक्त कराया तथा दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है .

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. आरपीएफ अधिकारी ने बताया कि उन्हें साथ लेकर जा रहे दो लोगों को पकड़ लिया गया है.

उन्होंने बताया कि नाबालिग लड़के जलपाईगुड़ी के लिये ट्रेन से रवाना होने वाले थे, जहां से उन्हें नेपाल ले जाना था , जबकि पांच अन्य को लुधियाना भेजा जाना था. इन सभी की उम्र 20 साल के आसपास थी.

आरपीएफ के अधिकारी अशोक दास ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने पर आरपीएफ कर्मियों ने उन्हें रंगिया रेलवे स्टेशन से मुक्त कराया गया. दो संदिग्ध तस्कर उन्हें कथित रूप से राज्य से बाहर ले जाने वाले थे.

दास ने बताया कि नाबालिग लड़के कामरूप जिले के छायगांव पुलिस थाना अंतर्गत बमुनीगांव गांव से हैं, जबकि पांचों युवक सोनितपुर जिले के बिस्वनाथ चरियाली गांव से हैं. दोनों संदिग्ध तस्करों की पहचान बक्सा जिले के बिष्णुपुर धनबिल गांव के रहने वाले रजीब मदाही और हेमंत मदाही के तौर पर हुई है.

उन्होंने बताया कि उनके पास से रेलवे टिकटों के अलावा आधार कार्ड की फर्जी प्रतियां, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, दो मोबाइल हैंडसेट और नेपाल का एक सिमकार्ड बरामद हुआ है.

उन्होंने बताया कि पूछताछ के बाद आरपीएफ ने सभी 10 लोगों और संदिग्ध मानव तस्करों को पुलिस के हवाले कर दिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)