रॉ के पूर्व प्रमुख के साथ पुस्तक लेखन पर आईएसआई के पूर्व प्रमुख तलब

भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी ने मिलकर ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ नाम की किताब लिखी है.

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भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत, द स्पाई क्रॉनिकल किताब का कवर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी. (फोटो साभार: यूट्यूब/ट्विटर.)

भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी ने मिलकर ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ नाम की किताब लिखी है.

भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत, द स्पाई क्रॉनिकल किताब का कवर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी. (फोटो साभार: यूट्यूब/ट्विटर.)
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत, द स्पाई क्रॉनिकल किताब का कवर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी. (फोटो साभार: यूट्यूब/ट्विटर.)

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने वहां की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी को भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ पुस्तक का लेखन करने के लिए तलब किया और उन पर सैन्य आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) दुर्रानी ने दुलत के साथ किताब ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ का सहलेखन किया है. पुस्तक का विमोचन बुधवार को हुआ है.

पाकिस्तानी सेना ने 25 मई की रात एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि दुर्रानी (77) को 28 मई को जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) में बुलाया गया है और उनसे इस किताब के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है.

बयान के अनुसार, ‘इसे सैन्य आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है जो सेना के सभी सेवारत तथा सेवानिवृत्त जवानों पर लागू होती है.’

पद से हटाए गए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने पुस्तक की विषयवस्तु पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएसए) की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी जिसके बाद दुर्रानी को तलब किया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुर्रानी ने पुस्तक में कहा है कि ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के ख़िलाफ़ अमेरिकी नेवी सील कमांडोज़ की कार्रवाई के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी को पूरी तरह से विश्वास में लिया गया था और अमेरिका तथा पाकिस्तानी सरकार के बीच इस बारे में विशेष समझौता हुआ था.

उन्होंने यह भी राय रखी कि पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले को ठीक तरह से नहीं संभाला.

मालूम हो कि हाल ही में आई इस किताब को पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत और आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी ने पत्रकार असद सिन्हा के साथ मिलकर लिखा है.

इस किताब में कश्मीर समस्या, बुरहान वानी, हाफ़िज़ सईद, करगिल युद्ध, कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी, बलूचिस्तान, सर्जिकल स्ट्राइक, ओसामा बिन लादेन का मारा जाना जैसे कई मुद्दों के अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच कई ज्वलंत मुद्दों को शामिल किया गया है.

बीते 24 मई को नई दिल्ली में इस किताब का विमोचन किया गया. हालांकि आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी वीज़ा न मिलने की वजह से इसमें शामिल न हो सके.

विमोचन कार्यक्रम में किताब को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा आदि मौजूद थे.

इस किताब को हार्पर कॉलिंस ने प्रकाशित किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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