डॉक्टरों पर मरीजों के परिजन द्वारा बढ़ते हमले के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र के तकरीबन चार हज़ार डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. बॉम्बे हाईकोर्ट की दख़ल के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल ख़त्म कर दी है. हालांकि इस दौरान तकरीबन 150 मरीज़ों की मौत हो चुकी है.
महाराष्ट्र में महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) द्वारा पिछले चार दिनों से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को ख़त्म हो गई. साथी डॉक्टरों पर मरीज़ों के परिजन द्वारा हमले के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र भर में तकरीबन चार हज़ार डॉक्टर हड़ताल पर थे.
मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया है कि हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवा प्रभावित होने के कारण 135 मरीज़ों की मौत हो चुकी है. वकील ने यह भी बताया कि मुंबई के बीएल नायर अस्पताल में 34 लोगों की मौत हुई है, जबकि किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में 53 और लोकमान्य तिलक अस्पताल (सायन हॉस्पिटल) में 47 लोगों की मौत हुई है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने काम पर न लौटने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी जिसके बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल ख़त्म कर दी. हाईकोर्ट की चेतावनी के बाद एमएआरडी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि शनिवार को राज्य के डॉक्टर काम पर लौट आएंगे.
Maharashtra Association of Resident Doctors (MARD) lawyer assures court that doctors would return to their duties by 8 am tomorrow.
— ANI (@ANI) March 24, 2017
संगठन ने अदालत से यह भी कहा है कि अब भी हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जबकि संगठन ने शुक्रवार सुबह कहा था कि बिना अदालत के लिखित आदेश के हड़ताल ख़त्म नहीं किया जाएगा.
डॉक्टरों पर मरीज़ों के परिजन द्वारा हो रहे हमले के मामले में अदालत ने डॉक्टरों को उपयुक्त सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि डॉक्टर सरकार को कुछ समय दें, ताकि जरूरी सुरक्षा उपलब्ध करवा सके. अदालत ने पुलिस विभाग को भी निर्देश दिया है कि वे डॉक्टरों को जरूरी सुरक्षा उपलब्ध कराए.
In 3 BMC Hospitals of Mumbai, total 135 patients have died due to non availability of emergency services: BMC Lawyer tells Bombay High Court pic.twitter.com/gcnbmUV4kM
— ANI (@ANI) March 24, 2017
अदालत ने सुनवाई में यह भी कहा कि काम पर लौटने वाले डॉक्टरों पर किसी भी तरह की करवाई नहीं की जाएगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी डॉक्टरों से मुलाकात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की थी पर स्थिति बेकाबू होता देख उन्होंने डॉक्टरों को फटकार लगते हुए कहा था कि हड़ताल की वजह से अगर आम जनता ऐसे ही मरती रही तो किसी भी डॉक्टरों को बक्शा नहीं जाएगा.
बता दें कि सोमवार से ही राज्य के तकरीबन चार हज़ार डॉक्टर हड़ताल पर थे. मरीजों के परिजल द्वारा बढ़ते डॉक्टरों पर हमले के ख़िलाफ़ और डॉक्टरों को ज़रूरी सुरक्षा के मांग को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे.