जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुजात बुखारी की हत्या को आतंकवादी हमला बताया. एक लेफ्टिनेंट जनरल ने दावा किया कि हत्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ.
श्रीनगर/क्रीरी: जम्मू कश्मीर पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी और उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) की हत्या के सिलसिले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया हैं.
बीते 15 जून को कश्मीर के महानिरीक्षक (आईजी) स्वयं प्रकाश पाणि ने जल्दबाजी में बुलाये गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संदिग्ध की पहचान जुबैर क़ादरी के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि क़ादरी हमले के बाद एक पीएसओ की पिस्तौल चुराकर भागते हुए वीडियो में नज़र आ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘पिस्तौल बरामद किए जाने और अपराध स्थल पर उसकी मौजूदगी के बारे में उससे पूछताछ की जा रही है. अब तक वह कोई ठोस जवाब नहीं दे पाया है.’
पाणि ने बताया कि राज्य पुलिस ने अंग्रेज़ी दैनिक ‘राइज़िंग कश्मीर’ के संपादक शुजात बुख़ारी की हत्या की जांच के लिए उपमहानिरीक्षक (मध्य कश्मीर) वीके विर्दी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
पाणि ने पत्रकार की हत्या को एक ‘आतंकवादी हमला’ बताया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन अन्य हमलावरों की पहचान की जा रही है.
गौरतलब है कि बुख़ारी और उनके दो अंगरक्षकों की 14 जून की शाम इफ़्तार से थोड़ा पहले श्रीनगर के लाल चौक के निकट प्रेस एनक्लेव में राइज़िंग कश्मीर के कार्यालय के बाहर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों की भी हत्या कर दी गई थी.
इस बीच लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट (15वीं कोर के कमांडर) ने कहा कि उनका आकलन है कि बुखारी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर गोली मारी गई है.
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘मेरा आकलन है कि आईएसआई के इशारे पर इस काम को अंजाम दिया गया है. बाकी जांच में पता चल जायेगा.’
पुलिस ने एक वीडियो स्क्रीन जारी की है जिससे यह पता चलता है कि एक दाढ़ी वाला व्यक्ति संपादक के वाहन के आंतरिक हिस्से का मुआयना कर रहा है. इस वीडियो को वहां एक राहगीर ने बनाया था.
बुखारी को बारामुला ज़िले के उनके पैतृक गांव क्रीरी में 15 जून को सुपुर्द-ए-ख़ाक़ किया गया. भारी बारिश के बीच उनके जनाज़े में हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें उनके दोस्त और प्रशंसक भी शामिल थे.
शुजात ने 1997 से 2012 तक अंग्रेज़ी दैनिक ‘द हिंदू’ के साथ कश्मीर संवाददाता के तौर पर काम कर चुके थे.
वह कश्मीर घाटी में शांति के लिये कई सम्मेलन आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. वह पाकिस्तान के साथ ट्रैक टू प्रक्रिया का भी हिस्सा थे.
शांति प्रक्रिया बाधित करने के लिए की गई हत्या: पीयूसीएल
मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) ने वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि हत्या का मक़सद शांति प्रक्रिया को बाधित करना है.
मानवाधिकार समूह ने कहा है कि सैन्य तरीके से समाधान के मुखर आलोचक बुख़ारी ने कश्मीर में संघर्ष विराम का समर्थन किया था.
पीयूसीएल की एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘वह सभी पक्षों की हिंसा के ख़िलाफ़ थे और बातचीत के ज़रिये शांति कायम करने के पक्षधर थे. उन्होंने संघर्ष विराम का समर्थन किया था.’
बुख़ारी के हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा: हंसराज अहीर
कोलकाता: गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार और राइज़िंग कश्मीर के संपादक शुजात बुख़ारी की हत्या में शामिल लोग क़ानून की गिरफ़्त से नहीं बच पाएंगे.
बुख़ारी की हत्या की निंदा करते हुए मंत्री ने कहा कि इस अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ मिसाल दिए जाने योग्य कार्रवाई की जाएगी.
अहीर ने कोलकाता में बीते शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘यह बेहद दुखद घटना है. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने पहले ही मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. आरोपी बच नहीं पाएगा. अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.’
अहीर शहर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्वी ज़ोन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए थे. बैठक में सीआरपीएफ, एसएसबी, ईडी, ड्रग्स कंट्रोल के साथ- साथ पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के भी पुलिस अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं.