लांस नायक रॉय मैथ्यू की कथित आत्महत्या के तकरीबन एक महीने बाद नासिक पुलिस ने न्यूज़ पोर्टल द क्विंट की पत्रकार पूनम अग्रवाल के ख़िलाफ़ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.
पिछले महीने द क्विंट वेबसाइट की ओर से जारी किए गए एक स्टिंग आॅपरेशन में लांस नायक रॉय मैथ्यू सेना में जारी सहायक सिस्टम पर सवाल उठाते हुए नज़र आए थे. इसके बाद देवलाली कैंटोनमेंट की एक बैरक में उनका शव छत से लटकता हुआ मिला था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों से पता चला है कि सेना ने नासिक पुलिस को एक लिखित शिकायत दी है, जिसमें पत्रकार पूनम अग्रवाल पर कार्रवाई करने की बात कही है. सेना ने शिकायत में यह भी कहा है कि पूनम बिना अनुमति सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र (देवलाली कैंप) में घुसकर चोरी से यह स्टिंग आॅपरेशन करके वीडियो बनाया था.
देवलाली कैंप थाने में पत्रकार के ख़िलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (सरकारी गोपनीयता अधिनियम) की धारा 3 (जासूसी) और 7 (पुलिस अधिकारियों या सशस्त्र बलों के सदस्यों के काम में हस्तक्षेप) के अलावा आईपीसी के तहत अनधिकृत क्षेत्र में प्रवेश करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.
थाने के प्रभारी विनायक लोकड़े ने बताया कि उन पर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर सेना के नियमों का उल्लंघन करने और वहां वीडियो शूट करने के लिए मामला दर्ज किया गया है. सेना के अधिकारियों की शिकायत पर पत्रकार के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 451 (आपराधिक रूप से प्रवेश करना), 500 (मानहानि) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अग्रवाल पर आरोप है कि अधिकारियों की अनुमति के बगैर देवलाली शिविर के हेग लाइंस में उन्होंने प्रवेश किया और परिसर की वीडियोग्राफी की और 24 फरवरी को रॉय मैथ्यू तथा अन्य जवानों की फिल्म बनाई जिसमें बताया जाता है कि उन्होंने मनमाफिक जवाब वाले सवाल पूछे थे.
पुलिस ने पत्रकार पूनम अग्रवाल का भी बयान दर्ज किया है. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान पूनम ने देवलाली कैंटोनमेंट में उन्हें प्रवेश दिलाने वाले लोगों की जानकारी दी है. इसके अलावा उस बातचीत की जानकारी भी दी जो उन्होंने अन्य जवानों से की थी. पुलिस ने उनसे मूल वीडियो का फुटेज और जवानों से बातचीत की कॉपी को जांच के लिए ले लिया है. इधर, न्यूज़ पोर्टल ने इस वीडियो का हटा लिया है.
पूनम अग्रवाल कहती हैं, ‘इस रिपोर्ट आॅनलाइन प्रकाशित होने के बाद मैंने सेना से इसका लिंक साझा किया था. उस समय उन्होंने मेरे किसी प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस जाने के बारे में कोई सवाल नहीं उठाया था. तब कहा गया था कि सेना इस आरोप की जांच करेगी. मुझे लगता है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने के बारे में सेना की ओर से बाद में सोचा गया.’
पूनम ने दावा किया कि रॉय मैथ्यू ने इसलिए आत्महत्या की क्योंकि सेना ने मामले की जांच शुरू कर दी थी. इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में द क्विंट से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन इस न्यूज़ पोर्टल से कोई जवाब नहीं मिल सका.
लोकड़े ने बताया कि महिला पत्रकार पूनम अग्रवाल और सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी दीपचंद के ख़िलाफ़ लांस नायक नरेश कुमार जाटव ने शिकायत दर्ज कराई है जो देवलाली के स्कूल ऑफ आर्टिलरी में काम करते हैं.
पुलिस ने कहा कि सेना के क्षेत्र में पत्रकार को लेकर दीपचंद आए और स्टिंग ऑपरेशन कराया.
ब्रिटिश राज के समय से सेना में चली आ रही सहायक व्यवस्था पर आलोचना करने वाले स्टिंग आॅपरेशन का वीडियो 24 फरवरी को न्यूज़ पोर्टल द क्विंट ने जारी किया था. इसमें रॉय मैथ्यू सहायक सिस्टम की आलोचना करते पाए गए थे. नासिक पुलिस ने तब आपराधिक दंड संहिता की धारा 174 (आत्महत्या पर पुलिस की जांच और रिपोर्ट) का मामला दर्ज किया था. मूल रूप से केरल के रहने वाले रॉय महाराष्ट्र में नासिक के देवलाली छावनी में एक कर्नल के सहायक के रूप में तैनात थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)