कांग्रेस नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ की किताब के विमोचन समारोह में शौरी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसकी कश्मीर या पाकिस्तान पर कोई नीति नहीं है. वे बस एक ही बात जानते हैं कि किस तरह देश के हिंदू-मुस्लिमों को बांटा जाए.
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. अरुण शौरी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर तंज कसते हुए इसे फर्जिकल स्ट्राइक बताया है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस की ख़बर के अनुसार, अरुण शौरी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफ़ुद्दीन सोज़ की किताब के विमोचन समारोह में भाजपा पर हमला बोलते हुए मोदी सरकार को इवेंट और इलेक्शन आधारित बताया. उन्होंने कहा मोदी सरकार ने केवल इवेंट और चुनाव करवाने पर ध्यान दिया न की शासन और नीतियों पर.
उन्होंने सरकार की कश्मीर और पाकिस्तान संबंधी नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की इस बारे में कोई नीति ही नहीं है. वे बस एक ही बात जानते हैं कि किस तरह देश के हिंदू-मुस्लिमों को बांटा जाए.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा एक बड़े कदम के बतौर प्रचारित सर्जिकल स्ट्राइक को ‘फर्ज़िकल बताया. वहीं कश्मीर समस्या पर उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि वहां की स्थिति से पूरा देश प्रभावित होता है न कि केवल कश्मीरी.
केंद्र द्वारा कश्मीर पर हाल में घोषित की गई ‘ऑल आउट एक्शन’ नीति पर निशाना साधते हुए शौरी ने कहा कि इससे सीधे तौर पर समझा जा सकता है कि अब लोगों को निशाना बनाकर अधिक आक्रामक तरीक़े से हत्याएं की जायेंगी लेकिन लोगों के ख़िलाफ़ फ़ौज खड़ी करना कोई समझदारी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘कश्मीर समस्या के हल के लिए कश्मीर में सभी से बात होनी चाहिए, चाहे वो हुर्रियत ही क्यों न हो. अगर ऐसा लगता है कि हुर्रियत को पाकिस्तान नियंत्रित करता है तब तो निश्चित रूप से हमें हुर्रियत से बात करनी चाहिए और यह सब बातचीत से ही हल हो सकता है.’
उन्होंने कहा सुरक्षा एजेंसियों को हुर्रियत के उभरते नेतृत्व को पहचानकर उनसे बातचीत के प्रयास करने चाहिए.
वहीं दूसरी पर कांग्रेस कश्मीर पर बयान को लेकर विवादों में आए सैफ़ुद्दीन सोज़ से किनारा करती दिख रही है. सोमवार को उनकी किताब के विमोचन समारोह से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता दूर रहे. हालांकि जयराम रमेश वहां मौजूद थे.
एनडीटीवी के अनुसार अरुण शौरी सोज़ के पुस्तक विमोचन समारोह से दूरी बनाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि वे नहीं समझ पा रहे कि मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह कदम क्यों उठाया.
अपनी पुस्तक ‘कश्मीर: ग्लिमप्सेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ के विमोचन के मौके पर सैफ़ुद्दीन सोज ने कहा कि कश्मीर की ‘आज़ादी’ संभव नहीं है और इसे भारतीय संविधान के तहत अपने साथ समाहित करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर भारत को पहचानने की प्रयोगशाला है और हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि बातचीत की एकमात्र उम्मीद है.
किताब को लेकर हुए उनके बयान से जुड़े विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए सोज ने कहा, ‘मैं मुशर्रफ के विचार का समर्थन नहीं करता. यह सब (खबर) मीडिया ने बना दी. मुशर्रफ ने खुद अपने जनरल से कहा था कि कश्मीर की आजादी संभव नहीं है.’
मालूम हो कि सोज की इस पुस्तक के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने परवेज मुशर्रफ के उस बयान का भी समर्थन किया है कि कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने की अपेक्षा अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे.
उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी किताब का कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह मेरी किताब है, इसका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है. इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं. इसमें मैंने तथ्य सामने रखे हैं. मैंने शोध किया. यह एक शोधपरक किताब है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)