देशभर में व्हाट्सऐप से फैली बच्चे चोरी होने की अफ़वाह से बढ़ीं हिंसा की घटनाएं. तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर बच्चा चोरी के संदेह में हुआ हमला, असम में बच्चे चुराने के शक में विक्षिप्त महिला को खंबे से बांधकर पीटा.
मुंबई: महाराष्ट्र के धुले जिले में रविवार को ग्रामीणों ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का सदस्य होने के संदेह में पांच लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना धुले जिले में दोपहर करीब साढ़े 11 बजे पिम्पलनेर से 25 किलोमीटर दूर रेनपाड़ा में हुई.
पुलिस ने के मुताबिक कुछ अन्य लोगों के साथ इन पांच लोगों को रेनपाड़ा इलाके में राज्य परिवहन की बस से उतरते देखा गया. उन्होंने कहा कि जब उनमें से एक ने एक बच्ची से बातचीत करने का प्रयास किया तो साप्ताहिक रविवार बाजार में मौजूद लोगों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी. इस भीड़ में करीब 35 लोग थे.
पिम्पनेर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के हमले में पांच लोग मारे गए. उनकी अभी तक पहचान नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि घटना में दो पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं.
पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में 35 लोगों पर मामला दर्ज हुआ है और 23 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार धुले के एसपी एम रामकुमार ने बताया, ‘पीड़ित खानाबदोश समुदाय से थे और साप्ताहिक बाजार में भीख मांगने आए थे. 35 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से 12 आरोपी रेनपाड़ा गांव के रहवासी हैं. सभी लोगों पर हत्या की धारा 302 के साथ दंगा करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज़ किया गया है.’
उन्होंने यह भी कहा कि बाकी आरोपियों को सोमवार शाम तक गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
एसपी ने ये भी बताया कि आरोपी एक आदिवासी गांव से आते हैं जहां बच्चा चोरी से जुड़ा एक व्हाट्सऐप पोस्ट वायरल हुआ है. इस मैसेज के आधार पर भीड़ को लगा कि ये लोग बच्चा चोरी करने वाले गिरोह से हैं और उन्हें पीट-पीटकर मार डाला.
एक अधिकारी ने बताया कि पिम्पलनेर के अस्पताल में मृतकों के शव को रखे गये हैं और रेनपाड़ा इलाके में आईजी (नासिक रेंज) चेरिंग दोरजे तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की देखरेख में पुलिस की टीम निगरानी रख रही है.
पुलिस के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से अफवाह चल रही थी कि इलाके में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है. महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने लोगों से अपील की कि सोशल मीडिया पर प्रसारित अफवाहों पर ध्यान नहीं दें.
तमिलनाडु में ‘बच्चा चोर’ होने के संदेह में दो प्रवासी मजदूरों से मारपीट
चेन्नई: प्रवासी मजदूरों पर हमले की एक और घटना में रविवार को स्थानीय लोगों ने इस संदेह में दो लोगों को बुरी तरह पीट दिया कि वे एक बच्चे के अपहरण की कोशिश कर रहे थे.
पुलिस ने बताया कि दोनों मजदूरों को बचा लिया गया और एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
यह घटना ऐसे समय हुई है जब देश के कई हिस्सों में बच्चा चोर होने के संदेह में कई लोगों पर हमले और पीट-पीटकर मार देने की घटनाएं हो रही हैं.
इससे पहले वेल्लूर जिले में हिन्दीभाषी एक व्यक्ति को 28 अप्रैल को बच्चा चोर होने के शक में ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला था.
असम में बच्चा चोर समझकर एक महिला को किया गया प्रताड़ित
गुवाहाटी: असम के सोनितपुर में एक गांव की भीड़ ने मानसिक रूप से कमजोर एक महिला को बच्चा चोर समझकर खंभे पर बांधकर उसे प्रताड़ित किया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
सोनितपुर के पुलिस अधीक्षक पी.सिंह ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि यह घटना शुक्रवार की रात उस समय हुई जब सोनितपुर जिले के थेलामारा पुलिस थाना क्षेत्र में एक गांव के आसपास एक महिला को घूमते हुए देखा गया.
सिंह ने कहा,‘कुछ लोगों ने उससे पूछताछ की, लेकिन अपनी मानसिक स्थिति के कारण वह ठीक से जवाब नहीं दे सकी जिससे लोगों में यह आशंका पैदा हुई कि वह ‘सोपाधोरा’ (बच्चे उठाने वाली) है. इसके बाद लोगों ने उसे एक खंभे पर बांध दिया और उसे प्रताड़ित किया.’
मालूम हो कि स्थानीयों के अनुसार बच्चों को डराने के लिए ऐसी कहानियां सुनाई, जिसमें सोपाधोरा नाम का किरदार बच्चों को उठाकर ले जाता है.
उन्होंने बताया कि हालांकि स्थानीय लोगों और ग्राम रक्षा पार्टी (वीडीपी) के कर्मियों ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया और पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची.
सिंह ने कहा,‘हमारी टीम तुरंत पहुंची और महिला को बचाया. वह मामूली रूप से घायल हुई है और उसका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.’
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया.
एसपी ने कहा, ‘हमने एक मामला दर्ज कर लिया है और वीडियो बनाने वाले तीन लोगों की पहचान की है. कुछ अन्य लोगों की भी पहचान की गई है. हम कार्रवाई करेंगे और सभी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.’
उन्होंने बताया कि पुलिस महिला को बचाने का प्रयास करने वाले सभी लोगों को पुरस्कृत करेगी.
देश के विभिन्न राज्यों में फैली है अफवाह
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में बच्चा चोर गैंग के सक्रिय होने की सोशल मीडिया पर अफवाह फैली हुई है.
बीते हफ्ते त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में बच्चा चोर होने के संदेह में त्रिपुरा सूचना एवं संस्कृति विभाग के एक सदस्य सहित तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या की दी गई थी.
इससे पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में भी बच्चा चोर गिरोह का सदस्य समझ कर माड़ा थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने बहरूपिये का स्वांग करने वाले एक युवक की बेहरमी से पिटाई की थी. यह युवक पड़ोस के किसी गांव में साड़ी पहनकर नाचने-गाने जा रहा था, जब रास्ते में लोगों ने बच्चा चोर गिरोह का सदस्य समझ कर बुरी तरह पीट दिया. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस वहां पहुची और युवक को भीड़ के चंगुल से बचाया.
गुजरात से भी बच्चा चोरी की अफवाह पर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. कुछ दिन पहले गुजरात के कई शहरों में अफवाह के चलते पीट-पीट कर मारने के मामले सामने आए हैं. अहमदाबाद में बच्चा चुराने के शक में एक भीड़ ने 40 वर्षीय महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
इसी उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के पिलखुआ क्षेत्र में बीते 18 जून को ग्रामीणों ने गोहत्या के शक में दो मुस्लिम व्यक्तियों को पीटकर घायल कर दिया था. इनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर ज़िले में ग्रामीणों ने बीते 23 जून को बच्चा चोर होने के संदेह में एक विक्षिप्त व्यक्ति को कथित रूप से पीट-पीटकर मार डाला था. बिहार के पूर्णिया में भी डायन होने के आरोप में एक महिला के अपने ही परिजनों ने उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी.
जून महीने में ही झारखंड के गोड्डा ज़िले के बनकट्टी गांव में मवेशी चोरी के आरोप में सिराबुद्दीन अंसारी और मुर्तजा की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. इसी तरह महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले के वैजापुर तालुका के चंदगांव गांव में बीते आठ जून को लुटेरे होने के संदेह में ग्रामीणों की भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
हाल ही में पश्चिम बंगाल में बच्चा चोर होने के संदेह में मालदा जिले में व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा पिछले महीने असम के कार्बी आंगलांग जिले में बच्चा चुराने के शक में संगीतकार और उसके दोस्त की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी.