मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नेट दिसंबर में आयोजित होगा. नीट का आयोजन हर साल फरवरी और मई तथा जेईई मेन्स की परीक्षा हर साल जनवरी और अप्रैल में कराई जाएगी. अभी तक सीबीएसई ये परीक्षाएं आयोजित कराती थी.
नई दिल्ली: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट), जॉइंट एंट्रेंस एग्ज़ाम (जेईई) मेन्स, नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (यूजीसी नेट), प्रबंधन से जुड़ी सीमैट (कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट) और फार्मेसी से जुड़ी जीपैट (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट) परीक्षाओं का आयोजन अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) कराएगी. अब तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ये परीक्षाएं कराती थी.
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि एनटीए अब नेट की परीक्षा दिसंबर में आयोजित करेगी. नीट की परीक्षा का आयोजन हर साल फरवरी और मई में किया जाएगा. इसी तरह से जेईई (मेन्स) की परीक्षा हर साल जनवरी और अप्रैल में कराई जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राएं दोनों बार परीक्षा दे सकते हैं. प्रवेश के लिए दोनों में से उच्च प्राप्तांक पर विचार किया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि इन परीक्षाओं के संदर्भ में पाठ्यक्रम, प्रश्नों के रूप और भाषा के विकल्प के बारे में कोई बदलाव नहीं किया गया है. परीक्षा की फीस में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है.
जावड़ेकर ने बताया कि ये परीक्षाएं कम्प्यूटर आधारित होंगी.
उन्होंने कहा कि इस बारे में छात्र-छात्राओं को घर पर या किसी केंद्र पर अभ्यास करने की सुविधा दी जाएगी. यह मुफ्त होगा. हर परीक्षा कई तिथियों को आयोजित होगी अर्थात 4-5 दिनों तक चल सकती है.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी परीक्षा आयोजन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सुधार है और इसे इस वर्ष से शुरू करने का निर्णय किया गया है.
इस बारे में शनिवार को वेबसाइट पर कुछ सूचनाएं डाली जाएंगी और 2-3 दिनों में पूरी सूचना डाल दी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि नीट परीक्षा में करीब 13 लाख छात्र-छात्राएं बैठते हैं, जबकि जेईई मेन्स में 12 लाख छात्र-छात्राएं तथा नेट में 12 लाख छात्र-छात्राएं बैठते हैं. सीमैट में एक लाख छात्र और जीपैट में 40 हजार छात्र-छात्राएं हिस्सा लेते हैं.
पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की अध्यक्षता में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के गठन का मंज़ूरी मिली थी.
जावड़ेकर ने कहा, एनटीए की स्थापना से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में लगभग 40 लाख छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा. इससे सीबीएसई, एआईसीटीई और अन्य एजेंसियों को इन प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की ज़िम्मेदारी से राहत मिलेगी.
अब तक मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नीट और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) सीबीएसई कराता था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)