कोलकाता स्थित जाधवपुर विश्वविद्यालय में छह विषयों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाएं ख़त्म करने के फैसले के ख़िलाफ़ छात्र-छात्राएं छह जुलाई से कर रहे हैं प्रदर्शन. भाजपा ने विश्वविद्यालय में गतिरोध के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ज़िम्मेदार ठहराया.
कोलकाता: जाधवपुर विश्वविद्यालय में छह अंतर-स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा रद्द किए जाने के विरोध में कला संकाय छात्रसंघ (एएफएसयू) के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी है. छात्र-छात्राएं छह जुलाई से लगातार भूख हड़ताल पर हैं.
दरअसल विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने मानविकी के तहत आने वाले छह विषयों के लिए प्रवेश परीक्षाएं खत्म करने का फैसला किया और यह ऐलान किया था कि वह अंग्रेजी, तुलनात्मक साहित्य, बंगाली, इतिहास, राजनीति विज्ञान एवं दर्शनशास्त्र में अंकों के आधार पर ही दाखिला लेगी.
इस बीच, शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात की ताकि इस गतिरोध का समाधान निकाला जा सके. राजभवन के सूत्रों ने बताया कि पार्थ ने रविवार दोपहर त्रिपाठी से मुलाकात की और इस मुद्दे पर उनसे चर्चा की.
राज्यपाल से मुलाकात में हुई बातों की जानकारी पार्थ चटर्जी ने मीडिया को नहीं दी, लेकिन सूत्रों ने कहा कि यह विश्वविद्यालय में गतिरोध सुलझाने की कोशिशों के दौरान दिखाई देगी.
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार इस प्रकरण में भाजपा ने विश्वविद्यालय में जारी गतिरोध के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संघ के साथ बातचीत शुरू करने की अपील की है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, विश्वविद्यालय में जारी विवाद का समाधान खोजना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है, क्योंकि इस विवाद के लिए मुख्य रूप से वे ही जिम्मेदार है. सरकार और शिक्षामंत्री द्वारा दिए गए बयान से ही संदेह पैदा हुआ है.
उन्होंने कहा, सबसे पहले विश्वविद्यालय और कुलपति से मसले पर बातचीत शुरू होनी चाहिए. वे राज्य के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों से संपर्क कर छात्र संघों के साथ उनकी मांग को लेकर बातचीत कर सकते हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने शनिवार को चांसलर और राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मौजूदा हालात पर दिशानिर्देश की मांग की, जबकि जाधवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने त्रिपाठी से मुलाकात करने के लिए समय मांगा और शिक्षकों के एक वर्ग ने पूरी प्रवेश प्रक्रिया से दूरी बनाए रखने के रुख का समर्थन किया.
वहीं छात्र-छात्राओं ने रविवार दोपहर तक सकारात्मक जवाब न मिलने पर प्रदर्शन जारी रखने की धमकी दी थी. छात्र-छात्राओं का कहना है हमें कुलपति की ओर से भूख हड़ताल ख़त्म करने के लिए एक पत्र मिला है लेकिन हम अपनी मागें पूरी होने तक भूख हड़ताल जारी रखेंगे.
भूख हड़ताल ख़त्म करने के कुलपति के अनुरोध को छात्र-छात्राओं ने ठुकराया
सोमवार को जाधवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने छात्रसंघ के आंदोलनकारी छात्रों से मुलाकात कर उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का अनुरोध किया. दास ने कहा कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के आदेशों को लागू करना उनका कर्तव्य है लेकिन वह छात्र-छात्राओं के हितों को ध्यान में रखते हुए समाधान खोजना चाहते हैं.
विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने मानविकी के तहत आने वाले छह विषयों के लिए प्रवेश परीक्षाएं खत्म करने का फैसला किया और यह ऐलान किया था कि वह अंग्रेजी, तुलनात्मक साहित्य, बंगाली, इतिहास, राजनीति विज्ञान एवं दर्शनशास्त्र में अंकों के आधार पर ही दाखिला लेगी.
एएफएसयू की अध्यक्ष सोमाश्री चौधरी ने कहा कि छह जुलाई की देर रात से ही चल रही कला संकाय के 20 छात्रों की बेमियादी भूख हड़ताल जारी रहेगी, क्योंकि कार्यकारी परिषद का फैसला वापस लेने की समयसीमा रविवार दोपहर 12 बजे तक ही थी.
उन्होंने कहा, ‘हम सोमवार सुबह एक बैठक में अपने भविष्य के कदम पर फैसला करेंगे. कक्षा के बहिष्कार पर भी विचार किया जाएगा. हमारी मांगें पूरी होने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.’
इस बीच, जाधवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने रविवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति केसरीनाथ त्रिपाठी को पत्र लिखकर इस गतिरोध से अवगत कराएगा.
दूसरी ओर, विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के नौ शिक्षकों ने रविवार को कुलपति को एक पत्र सौंपकर कहा कि वे संकाय सदस्यों के तौर पर प्रवेश प्रक्रिया से खुद को अलग करना चाहते हैं. इससे पहले, अंग्रेजी विभाग और तुलनात्मक साहित्य विभाग के शिक्षकों ने भी प्रवेश प्रक्रिया से दूर रहने की इच्छा व्यक्त की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)