अभिनेत्री रीता भादुड़ी का निधन

रीता भादुड़ी ने तीन दशक के अपने करिअर में बेटा, जूली, सावन को आने दो, कभी हां कभी ना जैसी फिल्मों के अलावा साराभाई वर्सेस साराभाई, छोटी बहू, कुमकुम, हसरतें, मुजरिम हाज़िर, खिचड़ी जैसे धारावाहिकों में काम किया था.

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अभिनेत्री रीता भादुड़ी. फोटो साभार: ट्विटर/@FilmHistoryPic

रीता भादुड़ी ने तीन दशक के अपने करिअर में बेटा, जूली, सावन को आने दो, कभी हां कभी ना जैसी फिल्मों के अलावा साराभाई वर्सेस साराभाई, छोटी बहू, कुमकुम, हसरतें, मुजरिम हाज़िर, खिचड़ी जैसे धारावाहिकों में काम किया था.

अभिनेत्री रीता भादुड़ी. फोटो साभार: ट्विटर/@FilmHistoryPic
अभिनेत्री रीता भादुड़ी. फोटो साभार: ट्विटर/@FilmHistoryPic

मुंबई: जानी-मानी अदाकारा रीता भादुड़ी का निधन हो गया है. उनकी उम्र 62 साल थी. सावन को आने दो, जूली, हीरो नंबर 1 और बेटा जैसी फिल्मों में अपने किरदारों से उन्होंने बॉलीवुड में एक अलग पहचान हासिल की थी.

भादुड़ी पिछले दो सप्ताह से जुहू के सुजय अस्पताल में भर्ती थीं. सोमवार को देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. अदाकारा की भतीजी मिनी भादुड़ी ने कहा, ‘उन्हें किडनी की बीमारी थी और उनके कई अंग कमजोर हो गए थे. दिल का दौरा पड़ने से सोमवार देर रात एक बजकर 45 मिनट पर उनका निधन हो गया.’

वहीं अभिनेता शिशिर शर्मा ने भी फेसबुक पर भादुड़ी के निधन की पुष्टि की.

उन्होंने लिखा, ‘बेहद दुख के साथ यह बताना चाहूंगा कि रीता भादुड़ी हमें छोड़कर चली गई हैं. उनका अंतिम संस्कार अंधेरी पूर्व के पारसी वाडा मार्ग स्थित शवदाह गृह में 17 जुलाई दोपहर 12 बजे किया गया. बेहतरीन इंसान को खोकर बेहद दुखी हूं. हममें से कई की मां. मां तुम्हारी याद आएगी.’

दोपहर में अंधेरी पूर्व के एक शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अंतिम संस्कार में शिशिर शर्मा और सतीश शाह जैसे कलाकार नज़र आए.

भादुड़ी आखिरी बार टीवी धारावाहिक निमकी मुखिया में इमरती देवी के किरदार में नजर आई थीं.

बता दें कि रीता भादुड़ी गुजराती फिल्म इंडस्ट्री से भी जुड़ी हुई थीं. हालांकि वे गुजराती नहीं थीं लेकिन गुजराती सिनेमा के सफलतम अभिनेत्रियों में से एक के रूप में जानी जाती हैं. उन्होंने गंगा से नाता बा हमार नाम की एक भोजपुरी फिल्म भी की थी.

70, 80 और 90 के दशक में उन्होंने बहुत सारी फिल्मों में सहयोगी कलाकार की भूमिका निभाई थी. 1979 में आई राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म सावन को आने दो और 1995 में आई फिल्म राजा के लिए रीता भादुड़ी को विशेष रूप से जाना जाता है.

फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, कई बार उन्हें जया बच्चन (भादुड़ी) छोटी बहन समझ लिया जाता था.

तीन दशक के लंबे करिअर में रीता ने कभी हां कभी ना, क्या कहना, दिल विल प्यार व्यार, मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं जैसी 70 से ज़्यादा फिल्में और साराभाई वर्सेस साराभाई, छोटी बहू, कुमकुम, एक नई पहचान, हसरतें, मुजरिम हाज़िर, थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है, चुनौती और खिचड़ी जैसे 30 से ज़्यादा धारावाहिकों में काम किया था.

रीता भादुड़ी सावन को आने दो‘ और राजा  जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं. इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए नामित किया गया था. 1975 में आई फिल्म जूली में उन्होंने जूली की दोस्त उषा भट्टाचार्य का किरदार निभाया था. फिल्म का एक गाना ये रातें नई पुरानी… उन्हीं पर फिल्माया गया था.

धारावाहिक कुमकुम भाग्य में भादुड़ी के साथ काम करने वाली जूही परमान ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘मैं उन्हें रीता मां कहती थी. वो बेहद प्यारी इंसान थीं. उनकी मौत की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख पहुंचा है. विश्वास नहीं होता कि वो हमें छोड़ कर चली गईं. आज भी हमारी पूरी टीम एक परिवार की तरह है.’

उनके साथ तीन फिल्मों में काम करने वाले अनिल कपूर ने ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है.

उन्होंने लिखा, ‘रीता भादुड़ी एफटीआईआई की बेहतरीन कलाकारों में से एक थीं. मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैंने उनके साथ घर हो तो ऐसा, बेटा और विरासत जैसी फिल्मों में काम किया था. उनके जाने की खबर सुनकर मैं बहुत दुखी हूं. उनके चाहने वाले, दोस्त और परिवार उन्हें हमेशा याद करते रहेंगे.’

1955 में रीता भादुड़ी का जन्म हुआ था. रीता ने फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) पुणे से पढ़ाई की थी. वह 1973 बैच की थीं. प्रख्यात कलाकार और आदित्य पंचोली की पत्नी ज़रीना वहाब ने उनके साथ ही पढ़ाई की थी.

टाइम्स आॅफ इंडिया से बात करते हुए ज़रीना वहाब ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘हमने एक बेहतरीन कलाकार और खूबसूरत इंसान खो दिया. वह हमारे बैच की सबसे सुंदर महिला थीं. उनके निधन की ख़बर से मैं सदमे में हूं. मैं पिछले पांच दिनों से उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो सकी. मैं उनके ख़राब स्वास्थ्य के बारे में नहीं जानती थी. हम उनके घर पर एक गेट टूगेदर की योजना बना रहे थे.’

रीता ने अपनी आखिरी मुलाकात को याद करते हुए ज़रीना ने कहा, ‘मैं आखिरी बार उनके साथ शिरडी गई थी. हम कहीं और जाने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा की इनपुट के साथ)