ज़ी हिंदुस्तान टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में तीन तलाक़ का विरोध करने वाली निदा ख़ान को फ़तवा जारी किए जाने पर हो रही लाइव बहस के दौरान क़ासमी और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट फ़राह फ़ैज़ के बीच मारपीट हो गई.
नोएडा: नोएडा फिल्म सिटी में ज़ी हिंदुस्तान टीवी चैनल पर लाइव शो के दौरान महिला के साथ कथित रूप से मार-पीट करने के आरोप में पुलिस ने मौलाना एजाज़ अरशद क़ासमी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट फ़राह फ़ैज़ उर्फ लक्ष्मी वर्मा ने क़ासमी के खिलाफ थाना सेक्टर 20 में मामला दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम सेक्टर 16ए फिल्म सिटी स्थित एक चैनल में लाइव बहस के दौरान क़ासमी और एडवोकेट फ़राह फ़ैज़ के बीच विवाद हो गया. लाइव शो के दौरान ही क़ासमी ने फ़राह पर हाथ उठाया.
पुलिस ने फ़राह की शिकायत पर मामला दर्ज कर क़ासमी को गिरफ्तार कर लिया है. थाना सेक्टर 20 के प्रभारी निरीक्षक मनीष सक्सेना ने बताया कि सेक्टर-16ए स्थित ज़ी मीडिया के एक कार्यक्रम में तीन तलाक के विरोध करने वाली निदा ख़ान को फतवा जारी किए जाने पर बहस चल रही थी. इस संबंध में फ़राह, निदा ख़ान का समर्थन कर रही थीं .
A three-member committee has been formed to investigate the matter of Mr. Ejaz Arshad. It will give its report to HZ. ML. Rabi Hasani Nadwi. Based on which, the board will take its decision regarding Mr. Ejaz.
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) July 17, 2018
बहस के दौरान मामला तब बिगड़ गया जब एडवोकेट फ़राह फ़ैज़ ने कहा कि क़ुरान ने तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक को अनुमति नहीं मिली है. इस पर दोनों में बहस होने लगी और नौबत मारपीट की आ गई.
गौरतलब है कि मौलाना मुफ्ती एजाज़ अरशद क़ासमी आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक ट्वीट करके बताया है कि मौलाना एजाज़ अरशद क़ासमी के मारपीट मामले में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठन करके जांच की जा रही है. यह कमेटी मौलाना रबी हसानी नदवी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
वहीं, एआईएआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा है कि मौलाना एजाज़ अरशद क़ासमी को बोर्ड की सदस्यता से बर्खास्त किया जाना चाहिए. हमें इस मामले में कमेटी की क्या जरूरत है! कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ लाइव टीवी डिबेट में मारपीट कैसे कर सकता है.
मालूम हो कि हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा ख़ान के खिलाफ फतवा जारी किया गया है. यह फतवा उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के ताकतवर व प्रभावशाली शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने जारी किया है.
निदा ख़ान आला हज़रत ख़ानदान की बहू हैं. साल 2015 में 16 जुलाई को उनका निकाह ख़ानदान के उस्मान रज़ा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रज़ा खां से हुआ था.
अंजुम मियां आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रज़ा खां के सगे भाई हैं. निकाह के बाद शीरान रज़ा ने 5 फरवरी 2016 को तीन तलाक देकर निदा को घर से बाहर निकाल दिया था.
निदा को जारी फतवे में कहा गया है कि, ‘अगर निदा ख़ान बीमार पड़ती हैं तो उन्हें कोई दवा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी. अगर उनकी मौत हो जाती है तो न ही कोई उनके जनाज़े में शामिल होगा और न ही कोई नमाज़ अदा करेगा.’
फतवे में यह भी कहा गया है, ‘अगर कोई निदा ख़ान की मदद करता है तो उसे भी यही सजा झेलनी होगी. उनसे तब तक कोई मुस्लिम संपर्क नहीं रखेगा जब तक वे सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांग लेती हैं और इस्लाम विरोधी स्टैंड को छोड़ती नहीं हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)