देश में तीन साल में बलात्कार के 1.10 लाख से ज़्यादा मामले दर्ज: गृह मंत्रालय

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 2016 में बलात्कार के 38,947 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 34,651 और 2014 में 36,735 मामले दर्ज किए गए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 2016 में बलात्कार के 38,947 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 34,651 और 2014 में 36,735 मामले दर्ज किए गए थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नयी दिल्ली:  सरकार ने आज बताया कि 2014 से 2016 के दौरान देश भर में बलात्कार के 1,10,333 मामले दर्ज किए गए.

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2016 में बलात्कार के 38,947 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 34,651 और 2014 में 36,735 मामले दर्ज किए गए थे.

उन्होंने बताया कि 2014 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,39,457 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 3,29,243 मामले और 2016 में 3,29,243 मामले दर्ज किए गए.

 इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रिजिजू ने कहा, ‘सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के उपाय करने के लिए सलाह जारी की है.’

उन्होंने बताया कि इस दौरान महिला अपराधों में एफआईआर अनिवार्य रूप से दर्ज हो, ऑनलाइन शिकाय़त दर्ज किए जाने का सिस्टम विकसित हो, पुलिस में महिलों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाए, पुलिस को जेंडर सेंसिटिव बनाया जाए, विशेष महिला पुलिस वॉलिंटियर्स की तैनाती हो, पीड़ित मुआवजा निधि सक्रिय करना, मानव तस्करी रोकथाम की इकाई स्थापित करने पर जोर दिया गया है. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के लिए एक अलग पोर्टल शुरू किया गया है.’

रिजिजू ने कहा, ‘सरकार ने 24*7 हेल्पलाइन नंबर 112 के आधार पर कॉल / एसएमएस / ईमेल / पैनिक बटन के माध्यम से सुलभ एक ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली’ विकसित करने के लिए एक परियोजना भी शुरू की है. गृह मंत्रालय जांच में सुविधा के लिए यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डेटाबेस पर भी काम कर रहा है.’

भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनकी धराणा और दोषपूर्ण पद्धति पर आधारित था.

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया, ‘2015 से 2017 की अवधि के दौरान वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में 199 सुरक्षा बल कर्मी शहीद हुए हैं.’

उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से मुकाबला करने के लिए सरकार का समग्र दृष्टिकोण है जिसमें वह विभिन्न उपायों के माध्यम से राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय नीति और कार्ययोजना कार्यान्वित की गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)