वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने को लेकर महिला पत्रकार पर केस दर्ज

इंदौर पुलिस के अनुसार, दैनिक भास्कर अख़बार में कार्यरत रहीं महिला पत्रकार के मुंबई स्थित फ्लैट पर छापा मारा गया लेकिन वह नहीं मिलीं. नीमच में परिवार और रतलाम में उनकी बहन से पूछताछ जारी.

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कल्पेश याग्निक. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंदौर पुलिस के अनुसार, दैनिक भास्कर अख़बार में कार्यरत रहीं महिला पत्रकार के मुंबई स्थित फ्लैट पर छापा मारा गया लेकिन वह नहीं मिलीं. नीमच में परिवार और रतलाम में उनकी बहन से पूछताछ जारी.

कल्पेश याग्निक. (फोटो साभार: फेसबुक)
कल्पेश याग्निक. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंदौर: दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उन्हें कथित तौर पर ख़ुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने उनकी एक पूर्व सहकर्मी के ख़िलाफ़ बीते शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया है.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैलेंद्र सिंह चौहान ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि याग्निक (55) के परिजनों के बयान और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर एक महिला पत्रकार के ख़िलाफ़ इंदौर के एमआईजी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने बताया कि यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य संबद्ध धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.

याग्निक, मध्य प्रदेश के प्रमुख हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के समूह संपादक थे. उन्होंने इस अख़बार की शहर के एबी रोड स्थित तीन मंज़िला इमारत की छत से 12 जुलाई की रात छलांग लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

चौहान ने बताया कि यह महिला पत्रकार पहले दैनिक भास्कर में ही काम करती थीं. आरोप है कि अख़बार की नौकरी से निकाले जाने के बाद वह याग्निक को मानसिक तौर पर परेशान कर रही थीं, जिससे वह तनाव में चल रहे थे.

कल्पेश याग्निक ने मौत से पहले एडीजी से की थी शिकायत

गौरतलब है कि याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा से मिलकर उन्हें आपबीती सुनाई थी कि महिला पत्रकार उन्हें कथित तौर पर धमका रही हैं.

शर्मा इस बात की पहले ही तसदीक कर चुके हैं.

एएसपी ने कहा कि मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि महिला पत्रकार उन्हें धमकी दे रही हैं कि अगर उन्होंने उन्हें अख़बार की नौकरी पर बहाल नहीं कराया तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसाकर बदनाम कर देंगी.

एडीजी के मुताबिक मुलाकात के दौरान याग्निक ने उनसे यह भी अनुरोध किया था कि अगर महिला पत्रकार पुलिस को उनके ख़िलाफ़ कोई शिकायत करती हैं तो इस शिकायत पर किसी तरह का क़ानूनी क़दम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए.

शर्मा ने कहा कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें हालांकि एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. लेकिन तब उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के ख़िलाफ़ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी.

नईदुनिया वेबसाइट के अनुसार, महिला पत्रकार की तलाश में इंदौर पुलिस ने शुक्रवार को उनके मुंबई स्थित फ्लैट में छापा मारा, लेकिन वह वहां नहीं मिलीं. पुलिस ने उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया है और उनके ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है.

नईदुनिया से बात करते हुए डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया, ‘शक है कि इस मामले में तीन और लोग शामिल हैं. उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं. महिला पत्रकार के साथ ही एक फिल्म वितरक की भी तलाश की जा रही है. इसके अलावा दो टीम नीमच में महिला पत्रकार के पिता व भाई और एक टीम रतलाम में उनकी बहन और जीजा से पूछताछ कर रही है.

वेबसाइट ने पुलिस के हवाले से लिखा है, महिला पत्रकार कल्पेश याग्निक को पिछले 11 वर्षों से प्रताड़ित कर रही थीं. उन्होंने शुरुआत में 25 लाख की मांग की. रुपये देने का आश्वासन मिलते ही मांग बढ़कर एक करोड़ हो गई. रकम को देने की बात चल ही रही थी कि महिला पत्रकार ने मांग बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दी. इतनी बड़ी राशि सुनकर कल्पेश ने पैसे देने से इनकार कर दिया था.

कल्पेश याग्निक द्वारा सौंपे पत्र को पुलिस ने माना सुसाइड नोट

नईदुनिया वेबसाइट के अनुसार, डीआईजी के मुताबिक याग्निक ने मौत के कुछ दिनों पूर्व एडीजी अजय शर्मा को छह पन्ने का सूचना पत्र दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि महिला पत्रकार उनके ख़िलाफ़ बलात्कार का केस दर्ज करवा सकती हैं.

उनके सहयोगी द्वारा अंग्रेजी में टाइप किए गए पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि महिला पत्रकार पांच करोड़ रुपये की मांग कर ब्लैकमेल कर रही हैं. पत्र में इस बात का भी ज़िक्र था कि महिला पत्रकार को प्रबंधन ने नौकरी से हटा दिया है. वह दोबारा नौकरी पर रखने की मांग कर दबाव बना रही थीं.

मालूम हो कि बीते 12 जुलाई की रात करीब 10:15 बजे कल्पेश याग्निक दैनिक भास्कर के इंदौर स्थित ऑफिस परिसर में बेहोशी की हालत में गिरे मिले. गार्ड की सूचना पर उन्हें तुरंत बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, पर देर रात डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

उस रात ख़बर फैली थी कि उन्‍हें दिल का दौरा पड़ा है. हालांकि अगले दिन 13 जुलाई को पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह ऊंचाई से गिरने और मल्‍टीपल फ्रैक्‍चर बताई गई.

इसके बाद महिला पत्रकार द्वारा उन्हें धमकी दिए जाने का मामला सामने आया और आत्महत्या के एंगल से पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जुलाई की रात डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र और एसपी अवधेश गोस्वामी सहित एफएसएल अधिकारी घटनास्थल पहुंचे. फॉरेंसिक टीम दैनिक भास्कर कार्यालय के छत (तीसरी मंज़िल) पर पहुंची तो पैराफिट वॉल पर लगे एसी के कंप्रेशर पर जूते के निशान मिले.

डीआईजी के मुताबिक, याग्निक एसी के कंप्रेशर पर पैर रखकर कूदे. पुलिस ने उनका जूता और एसी पर जमी मिट्टी की परत जब्त कर ली है. इसकी सागर स्थित फॉरेंसिक लैब से जांच कराई जा रही है.

21 जून 1963 को जन्मे कल्पेश याग्निक 1998 में दैनिक भास्कर समूह से जुड़े थे. वह समूह संपादक के पद पर कार्यरत थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)