चंडीगढ़ में शादी से पहले दूल्हे को कराना पड़ सकता है डोप टेस्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पाया था कि ज़्यादातर पारिवारिक विवादों का कारण नशा है. इसलिए चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा को शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट कराने का सुझाव दिया था. चंडीगढ़ ने इस पर हामी भर दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पाया था कि ज़्यादातर पारिवारिक विवादों का कारण नशा है. इसलिए चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा को शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट कराने का सुझाव दिया था. चंडीगढ़ ने इस पर हामी भर दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: खेल के मैदान में उतरने से पहले खिलाड़ियों के डोप टेस्ट की बात तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन अब केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में घोड़ी चढ़ने से पहले यानी शादी से पहले दूल्हे को भी डोप टेस्ट देना होगा.

पंजाब नशे की समस्या से लंबे समय से जूझ रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है. हालांकि, पंजाब में नशा मुक्ति अभियान की सरकारी पहलों की स्थिति का तो पता नहीं, लेकिन पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ ने इससे निपटने के लिए कमर कस ली है.

पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, इस केंद्रशासित प्रदेश के अफसरों ने हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को इस बारे में जानकारी दी है कि प्रशासन शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट कराने की योजना बना रहा है.

अधिकारियों का कहना है कि अगर दूल्हा इसके लिए तैयार होता है तो वे टेस्ट के लिए आवश्यक मेडिकल उपकरण भी उपलब्ध कराएंगे.

इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि सामने आने वाले ज्यादातर पारिवारिक विवादों की वजह पति द्वारा नशा करना रहा.

इसलिए, बीते वर्ष अप्रैल में अदालत ने पंजाब, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को नोटिस जारी करते हुए पूछा था, ‘हर सिविल अस्पताल में इस तरह की व्यवस्था क्यों नहीं की जा सकती जिसमें दूल्हों का डोप टेस्ट हो सके. क्योंकि अधिकतर पारिवारिक विवादों में कोर्ट ने नोटिस किया है कि विवादों की वजह शादी से पहले इस बात की जांच न करना है कि वे नशे का सेवन तो नहीं करते.’

बहरहाल, जनसत्ता के मुताबिक, चंडीगढ़ की ओर से पैरवी कर रहे वकील सुकांत गुप्ता ने अदालत को बताया कि ऐसे टेस्ट कराने में कोई समस्या नहीं है, बशर्ते कि दूल्हा सहमत हो.

गौरतलब है कि अगर चंडीगढ़ में इस व्यवस्था पर मुहर लगती है तो ऐसा करने वाला चंडीगढ़ देश का पहला क्षेत्र बनेगा.

वहीं, मामले में पंजाब और हरियाणा के वकीलों को भी अपना पक्ष रखना है जो कि उन्होंने अब तक नहीं रखा है. मामले पर 18 सितंबर को अगली सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि यह मामला अदालत में कुछ इस तरह पहुंचा था कि होशियारपुर के एक व्यक्ति ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. व्यक्ति पर उसकी पत्नी ने दहेज के लिए मारपीट का आरोप लगाया था.

महिला ने यह भी कहा था कि उसका पति ड्रग का नशा करता है. जिस पर अदालत ने आरोपी का डोप टेस्ट कराने का आदेश दिया था.

इसी के आलोक में अदालत ने दूल्हों के डोप टेस्ट कराने की व्यवस्था पर विचार करने का आदेश दिया था.