महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को दो अन्य युवकों ने भी जान देने की कोशिश की. बुधवार को मुंबई बंद रखने का आह्वान. औरंगाबाद के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद.
औरंगाबाद/मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक प्रदर्शनकारी की सोमवार को आत्महत्या कर लेने के बाद मंगलवार को शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो उठा. इसमें एक कॉन्स्टेबल की मौत हो गई, जबकि दूसरा जख़्मी हो गया. प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को भी फूंक दिया.
औरंगाबाद ज़िले में एक युवक के आत्महत्या करने के बाद आज मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था.
नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के तेज़ होते ही आंदोलन की अगुवाई कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा ने बुधवार को मुंबई बंद का आह्वान किया है.
पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद जिले के कायगांव निवासी 27 वर्षीय काका साहब शिंदे एक पुल से गोदावरी नदी में कूद गया था. उसे नदी से निकालकर अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
शिंदे की मौत के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में नए सिरे से प्रदर्शन शुरू हो गया है और विपक्ष के नेताओं ने भाजपा नीत राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की है. परभनी जिले के गंगाखेद तहसील में प्रदर्शनकारियों ने अहमदनगर-औरंगाबाद राजमार्ग जाम कर दिया और पुलिस वाहन एवं बस समेत कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया.
आरक्षण की मांग करने वाले एक मराठा नेता ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है. मराठा समूह के संयोजक रविंद्र पाटिल ने बताया, ‘जब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस मराठा समुदाय से माफी नहीं मांग लेते हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. हम औरंगाबाद और राज्य के अन्य हिस्सों में आज बंद रखेंगे.’
समुदाय के नेताओं का कहना है कि फड़णवीस के आश्वासनों के बावजूद अबतक कुछ भी ठोस नहीं हुआ है.
प्रदर्शनकारियों ने मराठा समुदाय के लोगों के लिए तत्काल आरक्षण की घोषणा तथा शिंदे के परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की. राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का मामला बेहद विवादास्पद मुद्दा है. राज्य की आबादी में करीब 30 फीसदी मराठा हैं.
शिंदे की मौत ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में नए सिरे से प्रदर्शनों को भड़का दिया है. औरंगाबाद ज़िले के ग्रामीण इलाकों में अप्रिय घटना को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. पुलिस ने बताया कि कायगांव में प्रदर्शनकारियों ने शिंदे को ‘शहीद’ बताने वाले नारे लगाए.
इस बीच प्रदर्शन कर रहे मराठा समुदाय के दो अन्य युवकों ने मंगलवार को आत्महत्या करने का प्रयास किया. दोनों अस्पताल में भर्ती. जयंत सोनावणे नाम के युवक ने नदी में कूदकर जान देने की कोशिश की, तो वहीं औरंगाबाद के देवगांव रानागरी निवासी जगन्नाथ सोनावणे उर्फ़ गुड्डू ने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. दोनों युवक अभी अस्पताल में भर्ती हैं.
यहां दादर में हुई एक बैठक में मोर्चा के नेताओं ने बुधवार को मुंबई बंद का आह्वान करने का फैसला किया. मुंबई से सटे वाशी में सकल मराठा समाज की एक अन्य बैठक में बुधवार को नवी मुंबई और पनवेल में बंद का आह्वान करने का फैसला किया गया.
पुलिस ने बताया कि उस्मानाबाद के पुलिस कॉन्स्टेबल शाम अतगांवकर को कायगांव में तैनात किया गया था. उनकी वहां पथराव के बाद मचे हंगामे के बाद मौत हो गई. उनकी मौत की वजह का अभी पता नहीं है. इसके अलावा पथराव में एक अन्य कॉन्स्टेबल भी जख्मी हुआ है.
उन्होंने बताया कि कायगांव में प्रदर्शनकारियों ने दमकल की एक वैन को भी आग लगा दी.
वहीं औरंगाबाद के गंगानगर में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में अपना सर मुंडवा कर अपना विरोध जाहिर किया.
Maharashtra: Maratha Kranti Morcha workers tonsured their heads in Aurangabad's Gangapur during their protest demanding reservation for Maratha community in govt jobs & education. pic.twitter.com/OT8KnMWCXP
— ANI (@ANI) July 24, 2018
मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने औरंगाबाद के गंगापुर में एक ट्रक को भी आग के हवाले कर दिया. औरंगाबाद के डीएम उदय चौधरी ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने मराठा क्रांति मोर्चा की ज्यादातर मांगें स्वीकार कर ली है. साथ ही आरक्षण की मांग की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को भेजी जाएगी. हम मृतक युवक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देंगे.’
#WATCH: Maratha Kranti Morcha workers set ablaze a truck in Aurangabad's Gangapur as a mark of their protest demanding reservation for Maratha community in government jobs & education. #Maharashtra pic.twitter.com/OIdBJlSLpo
— ANI (@ANI) July 24, 2018
काकासाहेब के अंतिम संस्कार में पहुंचे शिवसेना के औरंगाबाद सांसद चंद्रकांत खैरे की गाड़ी पर स्थानीय लोगों ने हमला भी किया.
Aurangabad: Locals attacked the vehicle of Shiv Sena MP Chandrakant Khaire when he went to attend funeral of the youth who drowned in Godavari river in the district y'day during 'jal samadhi agitation held' for reservation for Maratha community in govt jobs&education.#Maharashtra pic.twitter.com/73uQo6lgc1
— ANI (@ANI) July 24, 2018
नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार, मराठा संगठनों के प्रदर्शन का सबसे ज़्यादा प्रभाव मराठवाड़ा क्षेत्र में हुआ है. स्कूल और कॉलेज को बंद रखा गया है.
महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मराठा समाज के संगठनों ने राज्य के विभिन्न इलाकों में सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है. पिछले साल समुदाय मुंबई में 7-8 लाख की भीड़ जुटाकर आरक्षण की मांग की थी.
मराठा समुदाय के संगठनों ने मुख्यमंत्री से मांग की थी कि जब तक मराठा आरक्षण पर फैसला नहीं हो जाता तब तक कोई भी सरकारी नौकरियों में भर्ती न हो.
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल में कहा था कि वह 72,000 सरकारी नौकरियों की घोषणा कर सकती है. सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए 16 प्रतिशत पद आरक्षित रखने का सीएम का फैसला के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है.
प्रदर्शनकारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे शिवसेना सांसद से धक्का-मुक्की
महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में शिवसेना के एक सांसद से मंगलवार को उस समय धक्का-मुक्की की गई जब वह काका साहब शिंदे के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे. शिंदे ने आरक्षण के लिए मराठा समुदाय के प्रदर्शन के दौरान जान दे दी थी.
औरंगाबाद से शिवसेना के लोकसभा सांसद चंद्रकांत खैरे शिंदे के पैतृक गांव कायगांव में मंगलवार को उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वहां मौजूद कुछ लोगों ने कथित तौर पर उनसे धक्का-मुक्की की. शिंदे की मौत से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.