उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई को भेजने का निर्णय किया गया है.
लखनऊ/देवरिया/गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के देवरिया शहर में स्थित बालिका गृह यौन शोषण मामले को अत्यंत गंभीर मामला मानते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की है.
योगी ने मंगलवार देर शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी गंभीरता को देखते हुए दोपहर में बैठक की थी. बालिकाओं के बयान और अन्य स्थितियों को देखते हुए तथा मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ही इसे सीबीआई को भेजने का निर्णय किया गया है.’
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने स्तर से एसआईटी का गठन किया है, जो इस पूरे प्रकरण की जांच करेगी और उसकी मदद एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) करेगी.
योगी ने कहा कि बाल कल्याण समिति ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया, इसलिए उसे निलंबित करने का फैसला किया जा रहा है.
देवरिया प्रकरण में शासन को मंगलवार शाम सौंपी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए योगी ने कहा कि 2017 में सरकार ने बालिका गृह चलाने वाली संस्था की मान्यता को समाप्त कर जिला प्रशासन को इस संस्था को बंद करने और बच्चों को अन्य संस्थाओं में ले जाने का आदेश किया था लेकिन जिला प्रशासन ने तय समय पर कार्रवाई नहीं की. इस बात को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी को हटाया गया और उन्हें आरोप-पत्र जारी किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की भूमिका की जांच भी की जाएगी क्योंकि जब जुलाई में एफआईआर हुई थी तो उसके बाद कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने बताया कि एडीजी गोरखपुर को इस बारे में जांच का आदेश दिया जा रहा है.
योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने बड़ी उदारता से इस संस्था को अनुदान दिया. लापरवाही को देखते हुए जो भी जिम्मेदार हो. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. इसलिए तय किया है कि पूरे प्रकरण को सीबीआई को सौंपेंगे.
साथ ही, इस दौरान साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ न हो, इस दृष्टि से डीजीपी क्राइम के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एसआईटी में दो महिला पुलिस अधिकारी शाामिल होंगी. तीन अधिकारियों के नेतृत्व में यह एसआईटी काम करेगी और उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ इन्हें मदद करेगी.
मालूम हो कि बीते पांच अगस्त को उत्तर प्रदेश के देवरिया शहर के एक बालिका संरक्षण गृह में कथित तौर पर जिस्मफ़रोशी का धंधा संचालित होने की ख़बर सामने आई थी.
मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने यहां से 24 लड़कियों को मुक्त कराने के बाद उसे सील कर दिया. बालिका गृह में 42 लड़कियों का रजिस्ट्रेशन कराया गया था. इनमें से 18 लड़कियों के गायब होने की भी सूचना है. उनकी तलाश की जा रही है.
पुलिस ने इस संबंध में तीन लोगों बालिका गृह की अधीक्षिका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी तथा उसके पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ़्तार किया है.
इस मामले का पता तब चला जब पांच अगस्त को एक लड़की देवरिया के महिला थाना क्षेत्र पहुंची और मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा शहर कोतवाली क्षेत्र में संचालित बाल एवं महिला संरक्षण गृह में रह रहीं लड़कियों को रात में कार से अक्सर बाहर ले जाए जाने और सुबह लौटने की बात बताई है. 10 वर्षीय यह लड़की बिहार के बेतिया की रहने वाली बताई जा रही है.
मालूम हो कि इस बालिका गृह का रजिस्ट्रेशन विभिन्न अनियमितताओं के आरोप में जून 2017 में रद्द कर दिया गया था और प्रशासन ने वहां रह रही लड़कियों को कहीं और स्थानांतरित करने को कहा था. बार-बार कहे जाने के बावजूद ऐसा नहीं किया जा रहा था.
देवरिया बालिका गृह से लापता एक युवती गोरखपुर के वृद्धाश्रम में मिली
देवरिया बालिका संरक्षण गृह की एक 21 वर्षीय युवती पुलिस को मंगलवार शाम गोरखपुर के एक वृद्धाश्रम में मिली.
अपर ज़िलाधिकारी (पूर्व), गोरखपुर प्रभु नाथ ने बताया कि 21 वर्षीय युवती को रानीडीहा क्षेत्र के एक वृद्धाश्रम में पाया गया. रजिस्टर में दर्ज ब्यौरे के मुताबिक युवती को यहां पांच अगस्त को लाया गया था. वह सदमे में थी. उसका मेडिको लीगल कराने के बाद बयान दर्ज किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चार बुजुर्ग अंत:वासियों के साथ युवती का रहना अवैध है. पड़ताल चल रही है. वृद्धाश्रम में 13 कमरे हैं.
देवरिया बालिका संरक्षण गृह से छुड़ाई गईं 24 लडकियों में से एक ने मीडिया को बताया था कि लड़कियों को गोरखपुर भेजा जाता था. वहां एक कमरे में दो पुरुषों के साथ एक लड़की भेजी जाती थी.
वृद्धाश्रम के लिपिक अंकित मिश्र ने दावा किया कि वृद्धाश्रम पिछले 30 साल से देवरिया के मां विंध्यवासिनी एनजीओ के तहत चल रहा है लेकिन जब इसकी संबद्धता जून 2017 में समाप्त की गई तो संगठन उच्च न्यायालय जाकर स्थगनादेश ले आया इसलिए यह वैध है.
एनजीओ प्रबंधक गिरिजा देवी की विधवा पुत्री कनकलता, उसकी चार वर्षीय पुत्री और अंकित मिश्र भी वृद्धाश्रम में रहते हैं.
ज़िलाधिकारी विजयेंद्र पांडियन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर को जब लड़की के मिलने की सूचना मिली तो वे वृद्धाश्रम पहुंचे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)