किसानों का आरोप है कि पुणे और मुंबई में मौसम विभाग के अधिकारियों ने बीज और कीटनाशक विनिर्माता कंपनियों के साथ गठजोड़ कर किसानों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है क्योंकि किसान भविष्यवाणियों के आधार पर ही बुआई करते हैं.
मुंबई: मराठवाड़ा क्षेत्र के एक गांव के किसानों ने भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. किसानों का आरोप है कि मौसम विभाग ने बीज और कीटनाशक निर्माता कंपनियों के साथ तालमेल कायम किया हुआ है और मानसून की भविष्यवाणी के आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ कर रहा है.
परभणी ग्रामीण पुलिस स्टेशन में बीते सात अगस्त दी गई इस शिकायत में कहा गया है कि पुणे और मुंबई में मौसम विभाग के अधिकारियों ने उक्त विनिर्माता कंपनियों के साथ गठजोड़ कर किसानों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है क्योंकि किसान इन भविष्यवाणियों के आधार पर ही अपनी बुआई करते हैं.
यह शिकायत लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी की अगुवाई में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के मराठवाड़ा क्षेत्र के अध्यक्ष मानिक कदम के द्वारा दर्ज कराई गई.
कदम ने कहा कि आईएमडी निदेशक के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
शिकायतकर्ता जी. थावरे ने कहा, ‘किसानों ने आईएमडी के पूर्वानुमान के आधार पर बुआई की. लेकिन शुरुआती बारिश के बाद फिर बारिश नहीं हुई और बुआई खटाई में पड़ गई.’
पिछले साल जून में बीड जिले के एक किसान ने भी आईएमडी अधिकारियों के खिलाफ भी इसी तरह का पुलिस मामला दायर किया था.
पिछले साल यह शिकायत बीड ज़िले के मजल्गांव तहसील के दिन्दृद थाने में दर्ज कराई गई है. इसमें कहा गया है कि पुणे तथा कोलाबा मौसम विभाग के अधिकारियों ने विनिर्माताओं से सांठगांठ की और इनकी वजह से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ.
उन्होंने कहा कि आईएमडी के अधिकारियों ने किसानों को गुमराह करते हुए कहा कि खरीफ सत्र के दौरान वहां पर्याप्त बारिश होगी.
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने के लिए कोई आईएमडी अधिकारी उपलब्ध नहीं था.
पिछले साल सितंबर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बरसात होने की झूठी भविष्यवाणी करने के लिए आईएमडी के ख़िलाफ़ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एक पत्र लिखा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)