उमर ख़ालिद पर हमले के कथित आरोपी हिरासत में

दरवेश शाहपुर और नवीन दलाल नाम के दो युवकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर जेएनयू के छात्रनेता पर हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है.

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New Delhi: Jawaharlal Nehru University (JNU) student Umar Khalid speaks to the media moments after he was shot at, during an event at the Constitution Club in New Delhi on Monday, Aug 13, 2018. Khalid escaped unhurt. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI8_13_2018_000097B)
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (फोटो: पीटीआई)

दरवेश शाहपुर और नवीन दलाल नाम के दो युवकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर जेएनयू के छात्रनेता पर हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है.

New Delhi: Jawaharlal Nehru University (JNU) student Umar Khalid speaks to the media moments after he was shot at, during an event at the Constitution Club in New Delhi on Monday, Aug 13, 2018. Khalid escaped unhurt. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI8_13_2018_000097B)
13 अगस्त को हमले के बाद मीडिया से बात करते उमर ख़ालिद (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर ख़ालिद पर हमला करने का दावा करने वाले दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दरवेश शाहपुर और नवीन दलाल से फिलहाल पूछताछ चल रही है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों को कब हिरासत में लिया गया.

ये दोनों व्यक्ति हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं और बताया जा रहा है कि उन्हें हरियाणा से ही हिरासत में लिया है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने सिख क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा के गांव का दौरा किया था. इन दोनों ने वहां 17 अगस्त को आत्मसमर्पण करने की बात कही थी, हालांकि ये वहां मिले नहीं.

15 अगस्त को फेसबुक पर अपलोड किये गये एक वीडियो में दोनों ने खालिद पर हमला करने का दावा किया और यह भी कहा कि यह हमला देश के नागरिकों को ‘स्वतंत्रता दिवस का तोहफा’ है.

पुलिस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि कर रही है और उस आईपी एड्रेस की तलाश कर रही है जहां से इस वीडियो को पोस्ट किया गया था.

वीडियो संदेश में शाहपुर ने कहा, ‘हम अपने संविधान का आदर करते हैं. लेकिन हमारे संविधान में पागल कुत्तों को दंडित करने का कोई प्रावधान है. पागल कुत्तों से हमारा मतलब जेएनयू गिरोह से है जो देश को कमजोर बना रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. हरियाणा में हमारे बड़े बुजुर्गों ने हमें सिखाया है कि ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहिए.’

वीडियो में उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वे किसी को परेशान नहीं करें और वे (दोनों) सिख क्रांतिकारी के गांव में आत्मसमर्पण करेंगे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

ज्ञात हो कि खालिद पर 13 अगस्त को उस वक्त हमला हुआ था, जब वे दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये जा रहे थे. हमले में वह बाल-बाल बचे.

14 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अपनी स्पेशल सेल को यह मामला सौंप दिया, जो खालिद एवं दो अन्य जेएनयू छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के मामले की भी जांच कर रही है.

पुलिस ने बताया कि उन्हें यह ‘सूचना’ नहीं थी कि सोमवार के कार्यक्रम में खालिद भी हिस्सा लेने वाले हैं.

जांच से संबंधित एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल हुए हथियार को जब्त कर लिया है और शुरुआती फॉरेंसिक जांच में यह पता चला है कि खालिद के खिलाफ जब इस पिस्तौल का इस्तेमाल हुआ था तब वह जाम हो गया था.

उन्होंने बताया कि पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि गोली चली थी या नहीं क्योंकि घटनास्थल पर उन्हें कोई कारतूस नहीं मिला था. पुलिस ने घटना के संबंध में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है.

हमले के बाद द वायर  से बात करते हुए उमर ने उनके खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार को इस हमले का जिम्मेदार बताया था.

उन्होंने कहा, ‘मैं एक बात बहुत ज़िम्मेदारी से बोलना चाहता हूं कि दो साल में मेरे ख़िलाफ़ जो बेबुनियाद बातें बोली गईं. जिस तरह से मुझे बार-बार देशद्रोही बोला गया और मेरे ख़िलाफ़ दुष्प्रचार चलाया गया यह (हमला) उसी का नतीजा है. यह दुष्प्रचार उन लोगों द्वारा चलाया गया जो ख़ुद को देश का ज़िम्मेदार नागरिक बताते हैं, सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता और बड़े-बड़े न्यूज़ चैनल का एंकर बताते हैं.

ये तमाम लोग इस तरह का दुष्प्रचार फैला तो रहे हैं लेकिन अभी तक कोर्ट में कुछ भी साबित नहीं हुआ है. मैं नहीं कह रहा है कि वे लोग शामिल हैं पर जो माहौल पैदा किया गया है जिसमें कुछ लोगों को अलग-अलग तरीके से टारगेट कर उन पर हमले लिए जा रहे हैं. इस ट्रेंड के बारे में हमें सोचना चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)