केरल को बाढ़ से उबारने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने 700 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की है. मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इसकी जानकारी दी थी.
नई दिल्ली: केरल को बाढ़ से उबारने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सरकार ने 700 करोड़ रुपये की मदद के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ठुकरा सकती है. हालिया केंद्र सरकार पहले की यूपीए सरकार द्वारा बनाई गई आपदा सहायता नीति के तहत ऐसा कर सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘मौजूदा केंद्र सरकार दिसंबर 2004 में तत्कालीन मनमोहन सरकार द्वारा बनाई गई आपदा सहायता नीति का पालन कर सकती है.’
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, ‘हम 2004 से इस नीति का पालन करते हुए विदेशी सरकारों की मदद अस्वीकार कर रहे हैं. केरल के मामले में भी हम इस नीति पर कायम हैं.’
एनडीटीवी ने भी एक वरिष्ठ मंत्रालय स्तर के अधिकारी के हवाले से बताया है कि, ‘अभी तक केंद्र किसी भी विदेशी देश से वित्तीय सहायता स्वीकार नहीं कर रही है, इसलिए यह संयुक्त अरब अमीरात द्वारा दिए गए वित्तीय मदद के प्रस्ताव पर भी लागू होता है.’ हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि इस पर अंतिम निर्णय विदेश मंत्री द्वारा ही लिया जाएगा.
गौरतलब है कि 2004 से पहले भारत ने उत्तरकाशी भूकंप (1991), लातूर भूकंप (1993), गुजरात भूकंप (2001), बंगाल चक्रवात (2002) और बिहार में आई बाढ़ जुलाई (2004) के समय विदेशी मदद ली थी. लेकिन दिसंबर 2004 में मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत ऐसे हालात से खुद निपट सकता है. भारत ने तब से इसी आपदा सहायता नीति के तहत चलने का फैसला किया था.
बीते 14 सालों में भारत ने रूस, अमेरिका और जापान से मिली मदद को अस्वीकार किया है. 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़, 2005 में जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप और 2014 में कश्मीर में आई बाढ़ के समय इन देशों ने आर्थिक मदद की पेशकश की थी लेकिन भारत ने इससे इनकार कर दिया था.
फिलहाल विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अभी तक उसे ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना दान भेज सकते हैं जो कि टैक्स फ्री होगा.
गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात और दूसरे खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में केरल के लोगों की आबादी रहती है. एक अनुमान के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात की कुल आबादी में भारतीय प्रवासी 27 प्रतिशत हैं.
सेंटर फॉर डिवेलपमेंट स्टडीज के एक अध्ययन के मुताबिक भारत से यूएई जाने वाले सबसे ज्यादा लोग केरल के होते हैं. 2014 में भारत से जितने प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात गए उनमें से 38 फीसदी लोग केरल से थे.