इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के प्रमुख समाचार.
ईटानगर/गुवाहाटी/शिलॉन्ग: भारी बारिश और नदियों में उफान से पूर्वोत्तर के कई राज्य बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं. जहां नगालैंड में बाढ़ से 12 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अरुणाचल प्रदेश और असम में करीब 200 लोगों को बचाया जा चुका है.
अरुणाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित एक द्वीप में फंसे 19 लोगों को शुक्रवार को वायुसेना ने हवाई मार्ग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया जबकि असम के धेमाजी जिले से 200 से अधिक लोगों को बचाया गया.
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण धेमाजी में सियांग नदी उफान पर है. सियांग नदी चीन से निकलती है.
वहीं मेघालय के तीन जिलों में भी बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है.
सियांग नदी मूल रूप से तिब्बत से निकलती है और चीन में इसे त्सांगपो के रूप में जाना जाता है. यह लोहित और दिबांग नदी के साथ मिलकर असम में ब्रहमपुत्र नदी में तब्दील हो जाती है.
पूर्वी सियांग के जिला आयुक्त तामियो तताक ने बताया कि अरुणाचल के पूर्वी सियांग जिले में बीते गुरुवार से शुक्रवार तक फंसे हुए 19 लोगों को बचाया गया. जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायुसेना ने बचाव अभियान चलाया.
उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ईटानगर से व्यक्तिगत तौर पर बचाव अभियान पर नजर रखी. उन्होंने बताया कि लोकसभा सांसद निनोंग इरिंग और पासीघाट पश्चिम से विधायक तातुंग जमोह के साथ पुलिस और स्थानीय लोगों ने पशुओं को बचाने में मदद की.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों द्वारा बचाये गये 200 अन्य लोग पूर्वी सियांग के निकट धेमाजी में खेती के लिए चले गये थे. सियांग में पानी का स्तर बढ़ने के बाद पूर्वी सियांग और असम में सीमावर्ती धेमाजी, लखीमपुर और डिब्रूगढ़ जिलों में गुरुवार को अलर्ट जारी किया गया था.
अरुणचाल के विधायक लोंबो तेयांग ने कहा कि पूर्वी सियांग के मेबो क्षेत्र में नदी के किनारे रह रहे करीब 1000 परिवार प्रभावित हुए हैं. तेयांग ने भरोसा दिया कि सभी पुनर्निमाण के लिए एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि मेघालय में पश्चिमी गारो हिल्स, उत्तरी गारो हिल्स और दक्षिण गारो हिल्स के उपायुक्त को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. साथ ही अगले 24 घंटों में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रहने को कहा गया है.
राजस्व और आपदा प्रबंधन के एक अधिकारी ने तीनों जिलों के उपायुक्तों को भेजे गए एक जरूरी संदेश में कहा है कि ‘चीन सरकार की ओर से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण ब्रह्मपुत्र के जलस्तर अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है.’
वहीं, नगालैंड सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार उन्हें बाढ़ से निपटने के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये के तत्काल फंड्स की आवश्यकता है. अब तक बाढ़ में 12 लोगों की जान जा चुकी है, करीब 5 ,000 घर तबाह हो चुके हैं, 3000 लोग प्रभावित हैं और करीब 600 लोग रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं.
राज्य में बाढ़ की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘राहत और बचाव अभियान में राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. हम नगालैंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं….’
Spoke to Nagaland CM @Neiphiu_Rio and took stock of the situation in the wake of floods in parts of the state. Assured all possible support to the state in the rescue & relief operations. We stand shoulder to shoulder with the people of Nagaland and pray for everyone's wellbeing.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2018
इससे पहले नगालैंड के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर राज्य में बाढ़ का एक वीडियो साझा करते हुए मदद की मांग की थी.
#Nagaland needs your #help. Incessant rain has caused floods & landslides in several parts of the state & have affected many. #Relief #helpinghand #NorthEast @PMOIndia @narendramodi @HMOIndia @rajnathsingh @KirenRijiju @MDoNER_India @DrJitendraSingh pic.twitter.com/OC3fmLYCcB
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) August 29, 2018
इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रियो के साथ राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करते हुए हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया था और बताया था कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए वहां राष्ट्रीय आपदा राहत बल की टीमें भेजी जा रही हैं.
चीन ने ब्रह्मपुत्र/सियांग नदी में बाढ़ का अलर्ट जारी किया, असम में भी एहतियाती कदम गए उठाए
ईटानगर/डिब्रूगढ़/नई दिल्ली: चीन ने सांगपो नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर भारत को सतर्क किया है क्योंकि इससे निचले इलाकों में बाढ़़ आ सकती है. अरुणाचल प्रदेश के सांसद निनोंग एरिंग ने यह जानकारी दी.
दूसरी ओर असम में भी इससे निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं.
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन की तरफ यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जहां सांगपो नदी उफान पर है और इसने 150 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसीलिए चीन ने भारत के साथ सूचना साझा की है.
एरिंग ने बताया कि चीन में भारी बारिश के चलते सांगपो नदी में उफान के बाद बीजिंग ने भारत को अलर्ट जारी किया है.
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘स्थानीय अधिकारियों ने मुझे बताया कि चीन सरकार ने भारत सरकार से कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के हिस्सों में बाढ़़ आने की आशंका है. हमने अलर्ट को गंभीरता से लिया है और लोगों को आगाह किया है.’
चीन सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार सांगपो/ब्रह्मपुत्र नदी में 9020 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. सांसद ने कहा कि सियांग आज तक शांत रही है, लेकिन पूर्वी और ऊपरी सियांग जिलों के लोगों को सतर्क किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘मेरे खुद के गांव के बाढ़़ की चपेट में आ जाने का खतरा है.’
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भारतीय विशेषज्ञों ने चीन द्वारा साझा किए गए ब्योरे का विश्लेषण किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारत में बहुत ज्यादा असर नहीं होगा, यद्यपि चीन में खतरनाक स्थिति हो सकती है.
अधिकारी ने कहा कि इस साल यह पहली बार है जब चीन ने भारत के साथ नदी का ब्योरा साझा करना शुरू किया है.
चीन ने ब्योरा 15 मई से साझा करना शुरू किया था, जबकि सतलुज नदी से संबंधित ब्योरा एक जून से साझा करना शुरू किया. दोनों पक्षों द्वारा इस साल मार्च में मुद्दे पर वार्ता के बाद ब्योरा साझा करने की शुरुआत हुई.
पड़ोसी राज्य असम में के डिब्रूगढ़ और धेमाजी जिलों में भी अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केंद्रीय जल आयोग के मूसलाधार बारिश से ब्रह्मपुत्र नदी के स्तर के बढ़ने की चेतावनी जारी करने के बाद यह कदम उठाए गए हैं.
पिछले साल चीन ने कहा था कि बाढ़़ की वजह से पानी एकत्र करने वाले स्थल नष्ट हो गए. यह ऐसे समय हुआ था जब मानसून के दौरान भारत और चीन के बीच 73 दिन तक डोकलाम गतिरोध चला था.
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से शुरू होती है और फिर अरुणाचल प्रदेश पहुंचती है जहां इसे सियांग कहा जाता है. इसके बाद यह असम पहुंचकर ब्रह्मपुत्र हो जाती है तथा फिर बांग्लादेश के जरिए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.
पिछले साल चीन ने कहा था कि बाढ़़ की वजह से पानी एकत्र करने वाले स्थल नष्ट हो गए. यह ऐसे समय हुआ था जब मानसून के दौरान भारत और चीन के बीच 73 दिन तक डोकलाम गतिरोध चला था.
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से शुरू होती है और फिर अरुणाचल प्रदेश पहुंचती है जहां इसे सियांग कहा जाता है. इसके बाद यह असम पहुंचकर ब्रह्मपुत्र हो जाती है तथा फिर बांग्लादेश के जरिए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.
असम: दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या के मामले के 48 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर
गुवाहाटी: राज्य के कार्बी आंगलोंग जिले में इस साल जून में भीड़ द्वारा दो लोगों की हत्या के मामले में असम पुलिस ने शनिवार को 48 आरोपियों के खिलाफ 844 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है.
असम के पुलिस महानिदेशक कुलधर सैकिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह असम पुलिस के लिये एक बड़ी उपलब्धि है कि हम 90 दिनों के अंदर मामले में आरोप-पत्र दायर कर सके. यह आठ जून को कार्बी आंगलोंग के डोकमोका में दो लोगों की पीट पीट कर हत्या के मामले में आरोपी 48 व्यक्तियों के खिलाफ दायर की गई है.’’
दो दोस्त नीलोत्पल दास (29) और अभिजीत नाथ (30) आठ जून को डोकमोका पुलिस थाना क्षेत्र के पिकनिक स्थल कंगथिलांगसो झरने पर गए थे. उनके वापस लौटने के दौरान पंजूरी काछरी में उग्र ग्रामीणों की भीड़ ने उनकी गाड़ी रोक ली और घंटों बच्चा चोर होने के शक में उनकी पिटाई करती रही. बाद में उनकी मौत हो गई.
दास जहां स्थानीय व्यक्ति थे और मुंबई में साउंड इंजीनियर के तौर पर काम करते थे वहीं नाथ गुवाहाटी में रहकर कारोबार करते थे. आरोपियों के खिलाफ 844 पन्नों वाला आरोप-पत्र दीफू के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया.
सैकिया ने कहा, ‘जब भीड़ हत्या के खिलाफ सब जगह एक अभियान चल रहा है. यह पूरे देश के लिये एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. हम सभी के अपराध का विवरण दे सकते हैं और सभी आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. आरोप पत्र में 71 गवाहों का भी जिक्र है.’
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ‘लोगों की इच्छा के अनुरूप’ इस बर्बर कृत्य के मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की घोषणा की थी.
पुलिस ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी अलफाजोज़ तिमुंग हत्या के मामले में जमानत पर बाहर था और उसने ग्रामीणों को फोन कर दोनों की गाड़ी रोकने और उनके बच्चा चोर होने की अफवाह फैलाने को कहा था.
मेघालय: यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने राज्य में अपना कार्यालय बंद किया, 10 कर्मचारी बर्खास्त
शिलॉन्ग: सरकार के स्वामित्व वाले यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) ने कहा है कि वह मेघालय में अपने दफ्तर को बंद करने और यहां अपने दो कार्यालयों में अनुबंध पर काम कर रहे सभी कर्मियों को बर्खास्त करने के लिये ‘बाध्य’ है.
शिलॉन्ग और यूरेनियम समृद्ध वाहकाजी गांव में कंपनी के 10 अनुबंध कर्मचारी थे.
खासी छात्र संघ जैसे यूरेनियम खनन विरोधी समूह खनन पूर्व विकास परियोजनाओं के लिये यूसीआईएल को जमीन पट्टे पर दिये जाने का विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यह यूसीआईएल को खनन की इजाजत देने की चाल है.
उप महाप्रबंधक एसके शर्मा का हवाला देते हुए यूसीआईएल की तरफ से जारी संदेश में कहा गया, ‘यूसीआईएल मेघालय में अस्थायी रूप से अपने प्रतिष्ठानों को बंद करने के लिये बाध्य है.’
यूसीआईएल द्वारा राज्य में माइनिंग गतिविधियां 15 साल पहले शुरू की गयी थीं, लेकिन राज्य सरकार से माइनिंग लीज और ज़रूरी अनुमतियां अब तक नहीं मिली थीं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए अब भी प्रयास जारी थे.
राज्य में कंपनी के कर्मचारियों ने इसका विरोध दर्ज करवाया है. इस पर कंपनी ने उनसे सहयोग की उम्मीद जताने की बात करते हुए कहा है कि राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद जब वहां काम शुरू होगा, तब उनकी सेवाएं ली जाएंगी.
असम: एनआरसी पर विवादित टिप्पणी देने पर विधायक के खिलाफ मामला दर्ज
नगांव: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने के लिए असम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शिलादित्य देव के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है.
अभियोजक इनामुल हुडा ने 29 अगस्त को नगांव जिले में प्रमुख न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक मामला दायर कराया जिसमें देव पर मीडिया एवं अन्य सोशल नेटवर्किंग मंचों के जरिए लगातार एनआरसी की आलोचना करने का आरोप लगा है.
अभियोजक ने कहा कि विधायक द्वारा की गई टिप्पणी राज्य के बरसों पुराने शांतिपूर्ण माहौल को प्रभावित कर सकती है. हुडा की शिकायत सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है.
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की है. हालांकि देव की प्रतिक्रिया के लिए उनसे संपर्क नहीं किया जा सका.
भ्रष्टाचार के आरोपी 5 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी दे सकती है असम सरकार
गुवाहाटी: असम सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों समेत 15 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर करने के लिए पुलिस को अनुमति दे सकती है.
गृह विभाग में एक सूत्र ने यह जानकारी दी. इन सभी अधिकारियों के खिलाफ 2003 से 2017 के बीच भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए थे. इन 15 में से चार अधिकारी अतिरिक्त उपायुक्त रैंक के हैं.
नियम के मुताबिक पुलिस ने सरकार से राज्यभर में दर्ज करीब 11 मामलों में इन अधिकारियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर करने की कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए अनुमति मांगी है.
गृह विभाग के सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, ‘सरकार को कुछ अधिकारियों के खिलाफ अभियोग लगाए जाने के आग्रह प्राप्त हुए हैं. इस पर विचार किया जा रहा है. सरकार का जोर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने का है, ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में जरूरी मंजूरी जारी कर दी जाएगी.’
उन्होंने बताया कि कुछ मामले भूमि से जुड़े हुए हैं जिनमें असम के कुछ ऊपरी जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार के दौरान लोगों को मुआवजा देने में हुई धोखाधड़ी भी शामिल है.
सूत्र ने बताया, ‘ये मामले सीआईडी और स्थानीय पुलिस थानों समेत सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा 2003 से 2017 के बीच दर्ज किए गए. अभियोग लगाने के ज्यादातर प्रस्ताव इस साल जून-जुलाई के दौरान दिए गए.’
असम पुलिस ने असम सिविल सेवा (एससीएस) के पांच अधिकारियों, असम पुलिस सेवा (एपीएस) के एक अधिकारी और तीन वरिष्ठ कर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति मांगी है.
असम में आफस्पा की मियाद छह महीने के लिए बढ़ाई गई
गुवाहाटी: असम सरकार ने विवादित सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (आफ्स्पा) की मियाद राज्य में तुरंत प्रभाव से छह महीने के लिए बढ़ा दी है.
यह अधिनियम ‘अशांत’ इलाकों में विभिन्न अभियान चलाने के लिए सुरक्षा बलों को विशेषाधिकार और छूट देता है.
एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 की धारा तीन में दिए गए अधिकार के तहत असम के राज्यपाल ने पूरे असम राज्य को 28 अगस्त 2018 के बाद से छह महीने के लिए ‘अशांत इलाका’ घोषित किया है.
कई नागरिक समूह और मानवाधिकार कार्यकर्ता असम में से इस कानून को हटाने की मांग कर रहे हैं. उनका दावा है कि इस कानून की वजह से सशस्त्र बलों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है.
मेघालय: आधिकारिक कामों के लिए दंपत्तियों का विवाह प्रमाण पत्र देना अनिवार्य
शिलॉन्ग: मेघालय सरकार ने सभी आधिकारिक उद्देश्यों के लिए विवाहित जोड़ों द्वारा विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
पंजीकरण विभाग में अवर सचिव बी सिमिलिह ने सामाजिक कार्यकर्ता माइकल एन सीईम को लिखे एक पत्र में कहा है कि सरकार ने सभी सरकारी विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं कि लोग सभी आधिकारिक उद्देश्यों के लिए ये प्रमाणपत्र जमा करें.
अधिकारी ने कहा, ‘सरकार ने मेघालय विवाह अनिवार्य पंजीकरण अधिनियम, 2012 के तहत विवाहित पुरुष और महिला के लिए सभी आधिकारिक उद्देश्यों के लिए विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है.’
गौरतलब है कि राज्य में विवाह का पंजीकरण अनिवार्य करने के लिए आंदोलन चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने इस वर्ष की शुरुआत में मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था और उनसे इस अधिनियम को तत्काल लागू किये जाने का आग्रह किया था.
असम, मेघालय, नगालैंड में ईपीएफओ ने दी नए कर्मचारियों को बिना आधार पंजीकरण की अनुमति
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने असम, मेघालय और नगालैंड में बिना आधार के नये सदस्यों का पंजीकरण की अनुमति दी है.
इन राज्यों के 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या की कम पहुंच के कारण यह निर्णय किया गया है.
ईपीएफओ ने कार्यालय आदेश में असम, मेघालय और नगालैंड में 23 नवंबर 2018 तक बिना आधार के विशिष्ट पीएफ खाता संख्या सृजित करने की अनुमति दे दी है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने आदेश में कहा, ‘ईपीएफओ के पांस पंजीकृत प्रतिष्ठानों में नौकरी मिलने पर प्रत्येक कर्मचारी के लिये विशिष्ट पहचान संख्या (यूएएन) सृजित करने के लिये आधार की जरूरत होती है. हालांकि असम, मेघालय और नगालैंड में आधार की पहुंच कम है.’
निकाय के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ है और 10 लाख करोड़ रुपये के कोष का प्रबंधन कर रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)