सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी का मामला, छह राज्यों को नोटिस

याचिका में कोर्ट से गोरक्षा दलों पर पाबंदी लगाने और गोरक्षा क़ानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक क़रार देने की मांग की गई है.

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(फोटो: पीटीआई)

याचिका में कोर्ट से कथित गोरक्षा दलों पर पाबंदी लगाने और गोरक्षा क़ानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक क़रार देने की मांग की गई है.

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फाइल फोटो (पीटीआई)

कथित गोरक्षा को लेकर बढ़ रही अराजकता और हिंसा के बीच सुप्रीम कोर्ट ने छह राज्यों को नोटिस जारी करके तीन हफ़्ते में जवाब मांगा है. गोरक्षकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इन सभी राज्यों को नोटिस जारी किया.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘गोरक्षा के सिलसिले में हालिया कुछ घटनाओं के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और पांच अन्य राज्यों को नोटिस जारी किया है. ये राज्य हैं-उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और झारखंड. याचिका में मांग की गई है कि गोरक्षा दलों के इस अभियान पर रोक लगाई जाए. मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी.’

आज तक के समाचार पोर्टल के मुताबिक, ये याचिका कांग्रेस नेता शहज़ाद पूनावाला और तहसीन पूनावाला ने दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि गोरक्षा का दावा करने वाले ज़्यादातर समूह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. खुद प्रधानमंत्री भी ये बात मान चुके हैं. लेकिन फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारें दलितों और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा पर उतारू इन संगठनों पर पाबंदी लगाएं और सोशल मीडिया पर इन संगठनों की ओर से पोस्ट किए जा रहे कंटेंट पर भी पाबंदी लगाई जाए.’

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याचिका में शहज़ाद और तहसीन चाहते हैं कि कोर्ट गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गौ-हत्या के ख़िलाफ़ लागू क़ानूनों के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करे. याचिका में अलवर और दादरी में गोरक्षा अभियान के चलते हुई दो हत्याओं और गुजरात में दलितों पर हुए हमले का भी ज़िक्र किया गया है.

पिछले कुछ समय में इन राज्यों में कथित गोरक्षकों के क़ानून अपने हाथ में लेने की ख़बरें आई थीं. पिछले हफ़्ते राजस्थान के अलवर में गोरक्षा दल के लोगों ने गाय ले जा रहे किसानों की बुरी तरह पिटाई की थी. इसके चलते पहलू खान नाम के एक किसान की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. अब यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है.

बीबीसी हिंदी वेबसाइट के मुताबिक, ‘सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से अलवर में गोरक्षकों द्वारा एक मुस्लिम शख़्स की हत्या के मामले में तीन हफ़्ते के भीतर जवाब देने के लिए कहा है. राजस्थान के अलावा कोर्ट ने अन्य राज्यों से भी गोरक्षा से जुड़े वाकयों पर जवाब मांगा है. कांग्रेस नेता शहज़ाद पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र और हरियाणा सरकार गोरक्षकों को प्रोत्साहित कर रही है.’

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वेबसाइट के मुताबिक, शहज़ाद पूनावाला ने अपनी याचिका में गोहत्या और उससे जुड़ी हिंसा के 10 गंभीर मामलों का ज़िक्र करते हुए गोरक्षकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार इन्हें नियंत्रित करने में बिल्कुल अप्रभावी साबित हो रही है और भाजपा शासित राज्यों में गोरक्षकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.’