मध्य प्रदेश में पूर्व विधायक ने भाजपा से इस्तीफ़ा दिया. उत्तर प्रदेश के बलिया में पथराव के दौरान पुलिसकर्मी घायल. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बंद का ख़ास असर नहीं रहा. बिहार में विभिन्न ट्रेनें रोकी गईं. जगह-जगह चक्काजाम.
भोपाल/इंदौर/पटना/लखनऊ/बलिया/जयपुर/देहरादून: उच्चतम न्यायालय के आदेश के ख़िलाफ़ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) क़ानून (एससी/एसटी क़ानून) में संशोधन को लेकर सवर्ण संगठनों द्वारा गुरुवार को आहूत एक दिवसीय ‘भारत बंद’ कुछ राज्यों में ही व्यापक और तमाम राज्यों में मिला-जुला असर देखने को मिला.
मध्य प्रदेश में भारत बंद शांतिपूर्ण रहा है. अब तक प्रदेश के किसी भी हिस्से से कोई अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं मिली है. राज्य में पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने मोदी सरकार के इस क़दम के विरोध में भाजपा से इस्तीफा दे दिया है.
बिहार में प्रदर्शनों की वजह से आम जनजीवन प्रभावित हुआ. नोएडा में भी सवर्ण संगठनों की ओर विरोध प्रदर्शन किया गया.
उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रदर्शनों के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों पर पथराव की सूचना मिली है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा कि भारत बंद को राज्य में कुछ ख़ास नहीं रहा. जनजीवन सामान्य बना रहा.
राजस्थान में बंद का व्यापक असर देखने को मिला. गुरुवार को स्कूल, बाज़ार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. उत्तराखंड में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला.
मध्य प्रदेश: पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने भाजपा से इस्तीफ़ा
केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी (अत्याचार निरोधक) क़ानून के संबंध में उच्चतम न्यायालय का फैसला पलटे जाने के विरोध में पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है.
भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए तिवारी ने एससी/एसटी (अत्याचार निरोधक) क़ानून के संबंध में उच्चतम न्यायालय का फैसला पलटे जाने की आलोचना करते हुए कहा कि मात्र आरोप के आधार पर लोगों को बिना जांच के महीनों जेल में भेजना अत्याचार है.
उन्होंने कहा, ‘हमें कांग्रेस से कोई आशा नहीं थी, लेकिन भाजपा भी उसी तरह से काम कर रही है.’ तिवारी ने कहा कि इस मुद्दे पर आगे की रणनीति बनाने के लिये 12 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ 14 सितंबर को एक बैठक रखी गई है.
उधर, मध्य प्रदेश सरकार ने बंद के मद्देनज़र प्रदेश के अधिकांश ज़िलों में एहतियाती तौर पर धारा 144 लगा दी गई है और समूचे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे. वहीं, भिंड, शिवपुरी एवं ग्वालियर सहित कुछ अन्य ज़िलों में स्थानीय प्रशासन ने एहतियाती तौर पर स्कूलों की छुट्टी करने की घोषणा कर दी है.
‘भारत बंद’ के मद्देनज़र मध्य प्रदेश के सभी पेट्रोल पम्प मालिकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे है.
छिंदवाड़ा, कटनी, विदिशा, सीहोर, देवास, इंदौर, ग्वालियर, झाबुआ, छतरपुर, मंदसौर, सागर, उज्जैन एवं अन्य शहरों से मिली रिपोर्ट के अनुसार बंद का असर तकरीबन समूचे मध्य प्रदेश में है.
छिंदवाड़ा से मिली रिपोर्ट के अनुसार ‘भारत बंद’ के समर्थन में छिंदवाड़ा शहर के बाज़ार बंद रहे.
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने बताया, ‘बंद के आह्वान को देखते हुए अधिकांश ज़िलों में प्रशासन द्वारा एहतियाती तौर पर धारा 144 से लगा दी गई है.’
उन्होंने कहा कि विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की 34 कंपनियां प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में तैनात की गयी हैं.
प्रदेश के ग्वालियर, भोपाल एवं अन्य शहरों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिढ़ाने के लिए कई लोगों ने एक टोपी भी पहन रखी है, जिसमें लिखा है, ‘मैं हूं माई का लाल’.
गौरतलब है कि चौहान ने कथित तौर पर कहा था, ‘हमारे रहते कोई माई का लाल आरक्षण ख़त्म नहीं कर सकता’. इसी को लेकर लोगों ने यह टोपी पहनी है.
इसी बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, ‘मध्य प्रदेश शांति का टापू है. प्रदेश की शांति को किसी की नज़र न लगे, इसलिए आत्मीयता व सद्भाव बढ़ाएं. मैं सबके लिए हूं. प्रदेश के हर नागरिक के लिए द्वार खुला हुआ है. आप सबसे प्रार्थना है कि मिलकर व प्रेम से काम करें. कोई बात हो तो शांति से कहें, ताकि अपने प्रदेश की कानून व्यवस्था न बिगड़े.’
इसी दरमियान, प्रदेश में बंद का नेतृत्व कर रहे ब्रह्म समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने कहा, ‘हमारे संगठन से करीब 150 संगठन जुड़े हुए हैं, जो सवर्ण, सामान्य वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग में आते हैं.’
छिंदवाड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेश चांडक ने बताया, ‘लोगों ने काले कपड़े पहनकर इस कानून का विरोध किया है. व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने स्वेच्छा से अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं.’
वहीं, छिंदवाड़ा ज़िले के पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने बताया, ‘छिंदवाड़ा ज़िले में किसी भी संगठन ने बंद कराने की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पूरे शहर में जगह-जगह पुलिस तैनात कर दी गई है तथा थाना प्रभारियों को भी कड़े निर्देश दिए गए है. सभी गतिविधियों पर नज़र रखा गया है.’
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में करोड़ों के कारोबार पर असर
भारत बंद के दौरान प्रमुख मंडियों और बाजारों में आधे दिन तक कारोबार ठप रहा. इससे करोड़ों रुपये के कारोबार पर असर पड़ा.
अहिल्या चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया कि संबंद्ध कानून में संशोधनों के खिलाफ आधे दिन तक स्थानीय मंडियां और बाजार बंद रखने की अपील को करीब 110 कारोबारी संगठनों ने अपना समर्थन दिया.
उन्होंने बताया, ‘आधे दिन के बंद के दौरान दौरान शहर में किराना जिंसों, अनाजों, दाल-दलहनों, जेवरात, बर्तनों, लोहा उत्पादों, कपड़ों आदि के प्रमुख कारोबारी केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा.’
बिहार: प्रदर्शनों से आम जनजीवन प्रभावित
बिहार में एससी/एसटी कानून के विरोध में सवर्ण समुदायों के राष्ट्रव्यापी बंद के कारण गुरुवार को आम जनजीवन प्रभावित हुआ.
राजधानी पटना में बंद समर्थकों ने शहर के व्यस्तम डाकबंगला चौराहे के पास वीरचंद पटेल रोड स्थित भाजपा और जदयू के प्रदेश मुख्यालयों के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने जिस दल को वोट दिया उन्होंने उनके साथ धोखा किया.
पटना शहर में बंद समर्थकों ने राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेनों को रोका. मुज़फ़्फ़रपुर में बंद समर्थकों ने सीतामढ़ी, दरभंगा, छपरा और पटना जाने वाले मुख्य मार्गों राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28, 57, 77 और 102 को जाम किया तथा सड़क पर आगजनी की. बंद के दौरान जगह-जगह से हंगामे और मारपीट की खबरें हैं.
इसी के चलते मुज़फ़्फ़रपुर में अवध असम एक्सप्रेस ट्रेन कई घंटे से खड़ी है. मुज़फ़्फ़रपुर शहर में बंद समर्थकों ने भाजपा से बिहार सरकार में मंत्री सुरेश शर्मा के घर के पास कलमबाग चौक पर जाम लगाया.
बंद समर्थकों ने शहर स्थित एलएस कॉलेज विश्वविद्यालय को बंद करवा दिया तथा लोगों को पैदल चलने से भी रोका. गया ज़िले में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 82 को दो स्थानों पर जाम कर यातायात बाधित किया.
दरभंगा में बंद के कारण दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन को एक घंटे तक, सहरसा से आने वाली जानकी एक्सप्रेस ट्रेन को 50 मिनट तक लहेरिया सराय स्टेशन पर रोका गया.
दरभंगा शहर में बड़ी संख्या में दुकानें बंद हैं. मिथिला विश्वविद्यालय, केएसडीएस विश्वविद्यालय सहित स्कूल एवं कालेज बंद हैं.
बेगूसराय में एससी/एसटी कानून का विरोध कर रहे लोगों ने एनएच 28 एवं 31 तथा राजकीय राजमार्ग 55 को विभिन्न स्थानों पर अवरुद्ध किया.
जहानाबाद, मुंगेर, भागलपुर, नालंदा ज़िला मुख्यालय, नवादा आदि ज़िलों में भी विभिन्न स्थानों से आंदोलनकारियों द्वारा सड़क और रेलमार्ग रोकने की खबरें हैं.
जमालपुर-किउल रेलखंड के मसुदन रेलवे स्टेशन पर भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को कई घंटे तक रोककर रखा गया.
डिब्रूगढ़-दिल्ली ब्रह्मपुत्र मेल व सियालदह वाराणसी अपर इंडिया एक्सप्रेस ट्रेन जहां जमालपुर रेलवे स्टेशन पर काफी देर से खड़ी हैं वहीं साहिबगंज इंटरसिटी एक्सप्रेस को कजरा में रोके रखा गया है.
इसके साथ ही सहरसा-जमालपुर पैसेंजर ट्रेन मुंगेर स्टेशन में खड़ी है. भोजपुर, समस्तीपुर, शिवहर, लखीसराय, मधुबनी सहित अन्य स्थानों पर भी बंद समर्थकों ने सड़क जाम और प्रदर्शन किया.
उत्तर प्रदेश: योगी ने कहा कि भारत बंद का कोई मतलब नहीं, जनजीवन सामान्य
एससी/एसटी क़ानून के विरोध में सवर्ण समुदायों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान पर प्रदेश में गुरुवार को आम जनजीवन लगभग सामान्य रहा. कहीं से किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नही है.
गोंडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एससी/एसटी क़ानून के विरोध में बंद पर कहा कि भारत बंद का कोई मतलब नहीं है, लोगों की अपनी भावनाएं हैं, लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है.
वह गुरुवार को गोंडा ज़िले के उमरी बेगमगंज में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस देश के प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा, खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने जाति एवं धर्म के आधार पर कभी राजनीति नहीं की. समाज के दबे-कुचले लोगों को संरक्षण देने के लिए यह क़ानून बनाया है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका किसी भी तरह से दुरुपयोग न हो.
इससे पहले जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने नाव पलटने, सर्प दंश, बोर बेल में गिरने, सीवेज सफाई के दौरान, जंगली जानवरों के हमले के दौरान मौत होने पर भी चार लाख रुपये की तत्काल सहायता देने का निर्णय लिया है.
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर उन्होंने विस्तृत विचार विमर्श के उपरांत विकास कार्य कराए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी क्षेत्र को उपेक्षित नहीं रहने देगी.
मऊ, बलिया और सोनभद्र संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार ज़िलों में कुछ स्थानों पर दुकाने आदि बंद रहीं लेकिन कही से किसी अप्रिय घटना की जानकारी नही है.
उत्तर प्रदेश के बलिया में पथराव के दौरान छह पुलिसकमियों समेत नौ घायल
एससी/एसटी क़ानून में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल किए जाने के विरोध में सवर्ण समुदायों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का बलिया एवं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव दिखाई दिया.
बंद के दौरान पथराव में छह पुलिसकर्मी और तीन अन्य लोग घायल हो गए. आंदोलन समर्थकों के दबाव में बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह भी सड़क पर खुलकर सामने आए. उन्होंने संसद द्वारा किए गए संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के साथ हैं.
पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली ने बताया कि दो पक्षों के बीच पथराव हुआ जिसमें पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गया तथा छह पुलिसकर्मी घायल हो गए. बैरिया थाना क्षेत्र के बीबी टोला में बंद के दौरान झड़प में तीन लोग घायल हो गए.
इस बीच गड़वार थाना क्षेत्र के चिलकहर ग्राम में आंदोलन के समर्थन में लोगों ने सड़क जाम कर दी.
मुझे सवर्ण ने विधायक बनाया मुस्लिम और दलित ने नहीं: भाजपा विधायक
बलिया के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का कहना है, ‘उन्हें सवर्ण जनता ने विधायक बनाया है, मुस्लिम और दलित ने नहीं. सवर्ण जो चाहेंगे, वह कुर्बानी देने को तैयार हैं. उनके सवर्ण समर्थक बोलेंगे कि विधायक पद से त्यागपत्र दे दो तो वह त्यागपत्र भी दे देंगे.’
बंद के दौरान आंदोलन समर्थकों की भाजपा के बलिया सदर के विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला से भी झड़प हुई. समर्थकों ने विधायक से आंदोलन में शरीक होने का अनुरोध किया लेकिन विधायक ने मना कर दिया.
नोएडा में भी विरोध देखने को मिला
नोएडा: एससी/एसटी एक्ट के विरोध में आहूत भारत बंद के तहत नोएडा में कई संगठनों ने एक साथ मिलकर विरोध किया. सैकड़ों लोगों ने इस एक्ट में संशोधन किए जाने की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाला.
गुरुवार प्रात: करीब 10 बजे नोएडा के करीब दो दर्जन संगठनों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के लोग नोएडा स्टेडियम में एकत्रित हुए. स्टेडियम के गेट नंबर-4 से सभी ने एक साथ पैदल विरोध मार्च निकाला, जो विभिन्न सेक्टरों में होते हुए सेक्टर-27 स्थित ज़िलाधिकारी कैम्प कार्यालय पहुंचा.
वहां पर प्रदर्शन करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट शैलेश मिश्रा को सौंपा.
राजस्थान: भारत बंद का व्यापक असर
सवर्णों की ओर से आहूत भारत बंद का राजस्थान में व्यापक असर देखा गया. बंद के समर्थन में बाजार में दुकानें, व्यावसायिक संस्थान, स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थाएं गुरुवार को बंद रहे.
पुलिस ने बताया कि बंद के दौरान प्रदेश में कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
राजस्थान के विशिष्ट पुलिस महानिदेशक (क़ानून और व्यवस्था) एनआरके रेड्डी ने बताया कि बंद को देखते हुए स्थानीय पुलिस के साथ साथ सड़कों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. अभी तक कहीं से किसी प्रकार की हिंसा और अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है.
बंद के दौरान जयपुर, करौली, प्रतापगढ़, उदयपुर, पाली, नागौर और अन्य ज़िलों में दुकानें और स्कूल बंद रहे. वहीं समता आंदोलन समिति के सदस्यों ने सरकार पर उनके सदस्यों को हिरासत में लेकर दमनात्मक कार्रवाई का आरोप लगया है.
जाति आधारित आरक्षण के विरोध में मुहिम को चलाने वाले समता समिति के सदस्य योगेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने हमारी आवाज़ को दबाने की कार्यवाही करते हुए हमारे नेताओं को हिरासत में ले लिया है. हमारा हिंसा करने की न तो कोई योजना थी न हीं हमने क़ानून और व्यवस्था को बिगाडने की कोई कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई की.
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) अशोक गुप्ता ने बताया कि समता आंदोन नेता पाराशर नारायण शर्मा और दो अन्य लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है.
उत्तराखंड: भारत बंद का मिला-जुला असर
भारत बंद का उत्तराखंड में मिला-जुला असर देखने को मिला. बंद के आह्वान पर राजधानी देहरादून में कोई खास असर दिखायी नहीं दिया और स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप, बाज़ार आदि अन्य दिनों की तरह खुले.
हालांकि, शहर के कुछ स्थानों पर दूध तथा अन्य ज़रूरी सामान की आपूर्ति सामान्य दिनों की तरह नहीं हुई.
अल्मोड़ा, पौड़ी जैसे प्रदेश के कुछ स्थानों पर बंद का प्रभाव दिखायी दिया और बाज़ार आदि बंद रहे.
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए प्रदेशभर में पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की थी. पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की अब तक कोई खबर नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)