फिल्म निर्देशक कल्पना लाजमी महिला प्रधान फिल्में बनाने के लिए जानी जाती थीं. पिछले एक साल से वह किडनी के कैंसर से प्रभावित थीं.
मुंबई: फिल्मकार कल्पना लाजमी का मुंबई स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में रविवार की सुबह निधन हो गया. वह 64 साल की थीं. पिछले एक साल से वह किडनी के कैंसर से पीड़ित थीं.
लाजमी एक निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक थीं. वह यथार्थवादी फिल्में बनाने के लिए जानी जाती थीं. उनकी फिल्में अक्सर महिलाओं पर केंद्रित रहती थीं. डिंपल कपाड़िया की मुख्य भूमिका वाली फिल्म रुदाली के अलावा उन्होंने चिंगारी, एक पल और दमन जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था.
उनके भाई देव लाजमी ने बताया, ‘उनका सुबह साढ़े चार बजे (कोकिलाबेन धीरूभाई) अंबानी अस्पताल में निधन हो गया. वह किडनी और लीवर के काम करना बंद करने की बीमारी से पीड़ित थीं. उन्हें डायलिसिस पर रखा गया था. पिछले तीन साल से उन्हें अस्पताल में कई दफा भर्ती कराया गया था.’
अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने सबसे पहले ट्वीट किया कि आज सुबह 4.30 बजे कल्पना लाजमी के निधन की ख़बर मिली. मैं बेहद दुखी हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
Deeply saddened… at around 4:30 am today morning #KalpanaLajmi passed away .. May she rest in peace.
— Huma Qureshi (@humasqureshi) September 23, 2018
लाजमी का पार्थिव शरीर रविवार को ही ओशिवारा श्मशान घाट में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. उनके छोटे भाई देव लाजमी ने शमशान घाट में अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की.
इस मौके पर कल्पना लाजमी को अंतिम विदाई देने के लिए परिवार के सदस्य और नजदीकी दोस्त मौजूद थे. इसमें उनकी मां ललिता लाजमी भी शामिल थीं.
हिंदी फिल्म जगत से अभिनेत्री शबाना आज़मी, नज़दीकी मित्र अभिनेत्री सोनी राज़दान और निर्देशक श्याम बेनेगल ने लाजमी को अंतिम श्रद्धासुमन अर्पित किए.
सबसे पहले पहुंचने वालों में सोनी राज़दान शामिल थीं. वह उनके अंतिम संस्कार के वक़्त भावुक हो गईं.
सोनी राज़दान ने कहा कि यह दिल दुखाने वाली ख़बर है. उन्होंने कहा कि वह लंबे वक़्त से बीमार थीं, लेकिन बीमारी से संघर्ष कर रही थीं. मेरी उनसे पिछले रविवार को बात हुई थी और हम बुधवार को मिले थे. मगर उन्हें फिर से आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा.
राज़दान ने एक फोटो ट्वीट कर लिखा है, ‘मैं उनकी ऊर्जा से भरी मज़बूत आवाज़, कुछ बना देने की उनकी ललक, उनकी हंसी और उनके सेंस आॅफ ह्यूमर को याद करूंगी. सबसे बड़ी चीज़ मैं अपनी मूवी पार्टनर को याद करूंगी. कल्पना भरोसा नहीं कर सकती कि तुम चली गई.’
I will miss her strong energetic voice, her indefatigable drive to create, her laughter that was always so full of real joy and her wonderful sense of humour. Most of all I will miss my movie partner. Cant believe you’re gone Kalpana. RIP sweetheart ❤️ pic.twitter.com/kJFCKtct7e
— Soni Razdan (@Soni_Razdan) September 23, 2018
निर्देशक अपने अंतिम वक़्त में आर्थिक तंगी में थीं और फिल्मी दुनिया के कई सितारों ने उन्हें मदद की थी. इसमें सोनी राज़दान, आलिया भट्ट, आमिर ख़ान, सलमान ख़ान, करन जौहर और नीना गुप्ता शामिल हैं.
लेखक और फिल्मकार सिद्धार्थ काक ने ट्वीट किया, ‘प्रिय कल्पना, आप ऊर्जा और प्यार का रोशनीघर थीं. आप अपनी सकारात्मकता से किसी भी महफिल को रोशनी से भर देती थी. गीता (पत्नी) और मैं एक प्रिय दोस्त और समर्पित फिल्मकार को खो दिया.’
Dearest Kalpana.. you were a lighthouse of energy and love.. you lit up every gathering with your positivity! Gita and I have lost a dear friend and a fiercely committed filmmaker.. Be in peace..
— Siddharth Kak (@sidkakspeaks) September 23, 2018
कल्पना लाजमी ने तीन दशक पहले निर्देशक श्याम बेनेगल के सहायक के तौर पर हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था. वह चित्रकार ललिता लाजमी की बेटी और अभिनेता और निर्देशक गुरुदत्त की भतीजी थीं.
उन्होंने बेनेगल की फिल्म ‘भूमिका’ में सहायक कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर के तौर पर काम किया. उस फिल्म में स्मिता पाटिल, अमोल पालेकर और नसीरूद्दीन शाह ने मुख्य भूमिका निभाई थी.
बेनेगल ने कहा कि वह एक बेहतरीन फिल्मकार थीं. वह लंबे वक़्त से बीमार चल रही थीं जो दुखद है. वह बहुत जल्दी हमें छोड़कर चली गईं.
कल्पना ने 1978 में वृत्तचित्र ‘डी जी मूवी पायनियर’ से निर्देशक के तौर पर पदार्पण किया. बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म 1986 में आई एक पल थी. इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और शबाना आज़मी मुख्य भूमिकाओं में नज़र आए थे.
इसके बाद उन्होंने सिनेमा निर्देशन से कुछ समय का ब्रेक ले लिया था. फिर 1993 में डिंपल कपाड़िया की मुख्य भूमिका वाली और समीक्षकों द्वारा काफी सराही गई फिल्म रुदाली बनाई. इस फिल्म के लिए डिंपल कपाड़िया को सर्वेश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशक (समीर चंदा) और सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन (सिंपल कपाड़िया) का राष्ट्रीय पुरस्कार भी इस फिल्म मिला था.
रुदाली 66वें आॅस्कर अवार्ड समारोह में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी. महाश्वेता देवी द्वारा लिखी एक संक्षिप्त कहानी पर आधारित इस फिल्म ने वर्ष 2018 में 25 साल पूरे किए हैं.
1997 में उन्होंने किरण खेर और तबू की मुख्य भूमिकाओं से सजी फिल्म दरमियां: इन बिटविन बनाई. साल 2001 में उन्होंने दमन: अ विक्टिम आॅफ मैरिटल वॉयलेंस बनाई, जिसमें रवीना टंडन मुख्य भूमिका में थी.
इस फिल्म को भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा गया. तत्कालीन सरकार इस फिल्म के वितरण से भी जुड़ी थी. इस फिल्म के लिए रवीना टंडन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.
फिल्म दमन की शूटिंग के दौरान शूट के एक फोटो के साथ रवीना ने ट्वीट किया, ‘कल्पना जी, हम आपको याद करेंगे. यह आपके जाने का वक़्त नहीं था… आपकी आत्मा को शांति मिले. ‘दमन’ की शूटिंग के दिन मेरे लिए ख़जाना हैं. कल्पना जी ओम शांति.’
You will be missed Kalpanaji.Was not your time to go..but may your heart now be at peace.🙏🏻🕉🙏🏻 . Those days while shooting Daman will be a treasured memory. #KalpanaLajmi Om Shanti. pic.twitter.com/mtteS4nAlZ
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) September 23, 2018
कल्पना की आख़िरी फिल्म 2006 में आई चिंगारी थी, जिसमें सुष्मिता सेना और मिथुन चक्रबर्ती नज़र आए थे. यह फिल्म भूपेन हज़ारिका के उपन्यास ‘द प्रॉस्टीट्यूट एंड द पोस्टमैन’ पर आधारित थी.
कल्पना लंबे समय तक असमी, हिंदी और बंगाली भाषा के गायक, गीतकार, लेखक और निर्देशक भूपेन हज़ारिका की मैनेजर रही थीं. तक़रीबन 40 साल के साथी रहे भूपेन पर उन्होंने एक किताब भी लिखी थी.
इस किताब का नाम ‘भूपेन हज़ारिका – ऐज़ आई न्यू हिम’ है. बीते आठ सितंबर को इस किताब का विमोचन निर्देशक श्याम बेनेगल ने किया था. उस समय कल्पना अस्पताल में भर्ती थीं, इसलिए वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी थीं.
Sorry to hear of the passing of Kalpana Lajmi, a film-maker of rare sensitivity. The repertoire of her work, from depicting strong and resilient women to cinematic renditions of Assamese life, was remarkable. Condolences to her family and well-wishers #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 23, 2018
लाजमी के परिवार और मित्रों के प्रति ट्विटर पर अपने संवेदना संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्दे पर ‘मजबूत और जीवंत’ महिला को चित्रित करने में विरले संवेदनशीलता प्रकट करने के लिए लाजमी की तारीफ़ की. उन्होंने रूपहले पर्दे पर असम की प्राकृतिक सुंदरता को पेश करने के लिये भी लाजमी की सराहना की.
राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में कहा गया है, ‘विरले संवेदनशीलता वाली फिल्मकार कल्पना लाजमी के निधन का समाचार सुनकर दुखी हूं. मज़बूत और जीवंत महिला से लेकर असमिया जीवन का सिनेमाई प्रस्तुतिकरण तक उनके प्रदर्शनों की लंबी सूची उल्लेखनीय है.’
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लाज़मी के निधन पर शोक प्रकट किया है. सोनोवाल की तरफ से लाजमी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाया गया.
Just heard about Kalpana Lajmi passing away. Had worked with her as an editor when she made Darmiyaan. Will always remember her with fondness and respect for being a fearless woman and a powerhouse of a person in a male dominated industry. Rest In Peace dear Kalpana.
— Hansal Mehta (@mehtahansal) September 23, 2018
उन्होंने ट्वीट किया कि ‘दरमियां’ में बतौर संपादक काम करने का मौका मिला. पुरुष प्रधान फिल्म जगत में निडर महिला के तौर पर उनका सम्मान करता हूं और उनके खाने पीने के शौक की हमेशा याद करूंगा.
अभिनेता मनोज वाजपेयी ने ट्विटर पर लिखा, ‘यह बेहद दुखद समाचार है. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)