इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
इंफाल: मणिपुर विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार रात को हुए आंदोलन के बाद गिरफ्तार किए गए 6 शिक्षकों और 7 छात्रों को सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि अन्य दो छात्रों को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार गुरुवार रात कैंपस में हुए आंदोलन के बाद पुलिस ने शुक्रवार तड़के 90 के करीब छात्रों और 6 शिक्षकों को गिरफ्तार किया था. इनमें से कुल 13 छात्रों और 6 शिक्षकों पर मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने बाकियों को शुक्रवार रात तक रिहा कर दिया था.
गुरुवार रात हुए आंदोलन के बाद नवनियुक्त कार्यवाहक कुलपति वाय युगिन्द्रो सिंह द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर अधिकारियों की एक टीम ने विश्वविद्यालय छात्रावास और आवासीय परिसरों में देर रात छापामारी करते हुए छात्रों व शिक्षकों को हिरासत में लिया था.
एनडीटीवी के अनुसार गिरफ़्तारी करने आयी पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प भी हुई, पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और हल्के बमों का उपयोग किया, जिसमें करीब 10 छात्र घायल हो गए.
पुलिस की छापेमारी कार्यवाहक कुलपति के वाय युगिन्द्रो सिंह के कार्यभार संभालने के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचने के कुछ घंटों बाद हुई. सिंह पूर्व कुलपति और इस समय निलंबित चल रहे कुलपति प्रोफेसर एपी पांडेय के साथ पहुंचे थे.
उनके वहां पहुंचने पर छात्रों ने नाराज़गी जाहिर करते हुए उन्हें कैंपस में आने से रोकने की कोशिश की. इसके बाद सिंह ने एफआईआर दर्ज करवाई, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने देर रात विश्वविद्यालय परिसर से 90 छात्रों और छह शिक्षकों गिरफ्तार किया.
इसके बाद घटना को लेकर ‘गलत सूचना और अफवाहों’ के प्रसार को अगले पांच दिनों तक रोकने के लिए राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है.
ज्ञात हो कि कुलपति एपी पांडेय पर वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों को लेकर छात्रसंघ समेत शिक्षक और स्टाफ ने 85 दिनों तक धरना दिया था. उन पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है.
18 सितंबर को राष्ट्रपति द्वारा इस जांच के पूरे हो जाने तक पांडेय के निलंबन के आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और विश्वविद्यालय के विजिटर होने के नाते राष्ट्रपति ने पांडेय को निलंबित किया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक आदेश में कहा है, ‘परिसर में कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुये पांडे को जांच पूरी होने तक निलंबित किया गया है.’
मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव के हस्ताक्षर वाले निलंबन आदेश में कहा गया है, ‘मणिपुर सरकार ने सूचना दिया है कि पांडे के खिलाफ आंदोलन से राज्य में कानून एवं व्यवस्था के समक्ष गंभीर समस्या और प्रशासनिक संकट खड़ा हो गया है.’
मंत्रालय द्वारा गठित दो सदस्यीय स्वतंत्र जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) टी नंदकुमार हैं, जबकि प्रोफेसर एमके चौधरी इसके सदस्य हैं. कमेटी ने पांडेय की कथित प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं की जांच छह सितंबर से शुरू कर दी है.
कमेटी द्वारा सभी पक्षकारों को 16 सितंबर तक संबंधित विवरण जमा करने को कहा था जिसे बढ़ा कर 24 सितंबर कर दिया गया है.
असम: ‘सुपर 30’ के आनंद कुमार से गौहाटी उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर जवाब मांगा
गुवाहाटी: गौहाटी उच्च न्यायालय ने आईआईटी गुवाहाटी के चार विद्यार्थियों की जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार को शुक्रवार को नोटिस जारी किया.
उच्च न्यायालय ने बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद को भी नोटिस जारी किया, जिन्होंने साल 2002 में कुमार के साथ मिलकर ‘सुपर 30’ की स्थापना की थी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस अजीत बोरठाकुर की खंडपीठ ने आनंद कुमार को नोटिस जारी किया और उन्हें याचिका में लगाये गये आरोपों पर जवाब देने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ताओं के वकील अशोक शराफ ने अदालत से कहा, ‘आनंद कुमार द्वारा गलत तस्वीर पेश करने से हर साल पूर्वोत्तर और देश के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी इस पूर्ण विश्वास और उम्मीद से उनसे संपर्क करते हैं कि आईआईटी बाबा दिखने वाले आनंद कुमार आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कराने में उनकी मदद करेंगे.’
शराफ ने कहा, ‘लेकिन वहां पहुंचने के बाद आनंद कुमार ने उनसे रामानुज स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स नामक अपने कोचिंग संस्थान में दाखिल लेने को कहा और कोचिंग देने के नाम पर उनसे प्रति विद्यार्थी 33,000 रुपये वसूले. ’
याचिकाकर्ताओं के अन्य वकील अमित गोयल ने कहा कि जनहित याचिका में कहा गया है, ‘लेकिन ज्यादातर समय आनंद कुमार देश में विभिन्न स्थानों और विदेश में यात्रा करते हैं. वह उन आईआईटी प्रवेश परीक्षार्थियों पर पर्याप्त समय नहीं देते हैं जो रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में दाखिला लेते हैं.’
गोयल ने कहा, ‘आईआईटी गुवाहाटी के इन चार विद्यार्थियों द्वारा पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि 2008 के बाद आनंद कुमार ‘सुपर 30’ कक्षाएं नहीं ले रहे हैं. जब भी आईआईटी प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित होता है, तो आनंद कुमार रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स के कुछ विद्यार्थियों और कुछ अन्य विद्यार्थियों के साथ मीडिया के सामने पेश होते हैं और दावा करते हैं कि वे सुपर 30 के छात्र हैं और उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है.’
सराफ ने कहा कि आनंद कुमार के दुष्प्रचार से न केवल आईआईटी प्रत्याशी बल्कि उनके अभिभावक भी ठगे जाते हैं.
सिक्किम: हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ देश के हवाई नक़्शे पर बनेगी सिक्किम की पहचान
गंगटोक: सिक्किम हवाई अड्डे की शुरुआत के साथ राज्य देश के विमानन मानचित्र में शामिल हो जाएगा. यह हवाई अड्डा हिमालयी क्षेत्र में 4,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सिक्किम के पहले हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे. पाकयोंग हवाई अड्डा प्रदेश की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है.
यह जगह भारत-चीन सीमा से करीब 60 किलोमीटर दूर है.
सिक्किम के मुख्य सचिव एके श्रीवास्तव ने बतायाकि यह हवाई अड्डा 201 एकड़ से ज्यादा जमीन में फैला है और समुद्र तल से 4,500 फुट की ऊंचाई पर बसे पाकयोंग गांव के करीब दो किलोमीटर ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है.
श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने इस हवाई अड्डे का निर्माण किया. अभी सिक्किम का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 124 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में है.
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मुख्य रनवे के बगल में 75 मीटर लंबी एक अन्य पट्टी के निर्माण के बाद भारतीय वायुसेना इस हवाई अड्डे पर विभिन्न प्रकार के विमान उतार सकेगी.
इस हवाई अड्डे से उड़ानों के परिचालन की शुरुआत से पर्यटकों को निकटतम बागडोगरा हवाई अड्डे से उतरने के बाद चार-पांच घंटे का मुश्किल भरा सफर नहीं करना पड़ेगा.
साल 2009 में इस हवाई अड्डे की आधारशिला रखे जाने के करीब नौ साल बाद सिक्किम का यह सपना पूरा होगा. इसका निर्माण 605.59 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री के राज्य आगमन पर सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद और राज्य के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग उनकी अगवानी करेंगे.
प्रधानमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि नए हवाई अड्डे से सिक्किम देश के बाकी हिस्सों से बेहतर तरीके से जुड़ सकेगा और इससे राज्य के लोगों को काफी फायदा होगा.
मेघालय: एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी केएचएडीसी
शिलॉन्ग: खासी पर्वतीय स्वायत्त जिला परिषद (केएचएडीसी) ने शनिवार को कहा कि वह मेघालय में कोयला के खनन एवं ढुलाई पर प्रतिबंध लगाने वाले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करेगी.
एनजीटी ने बीते 31 अगस्त को राज्य में कोयला खनन के खिलाफ एक मामले का निपटारा करते हुए कहा था कि मेघालय में कोयला खनन एवं ढुलाई पर प्रतिबंध उच्चतम न्यायालय के अगले आदेश तक जारी रहेगा.
एनजीटी ने राज्य में पर्यावरण को बहाल करने की योजना के मुद्दे एवं अन्य संबंधित मामलों के अवलोकन एवं उन पर नजर रखने के लिये एक समिति भी गठित की है.
व्यापार प्रभारी परिषद के कार्यकारी सदस्य लतिपलांग खरकोंगोर ने यहां एक बयान में कहा, ‘अपने लोगों के अधिकार की बहाली के लिये केएचएडीसी अगले सप्ताह एनजीटी के आदेश को चुनौती देगी.’
मिज़ोरम: विधानसभा चुनाव लड़ेगी एनपीपी
आइजोल: नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने कहा है कि वह इस साल होने वाले मिज़ोरम विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
एनपीपी केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाले राजग (एनडीए) का हिस्सा है और वह पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) का घटक है.
मेघालय में एनपीपी सत्तारूढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक एलाइंस (एमडीए) का एक बड़ा साझेदार है जबकि नगालैंड और मणिपुर में वह सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है.
एनपीपी के प्रवक्ता जेम्स संगमा ने कहा कि पार्टी प्रमुख कोनराड संगमा 29 सितंबर को मिज़ोरम में एनपीपी का औपचारिक रूप से शुभारंभ करेंगे.
मेघालय के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के बड़े भाई ने हालांकि यह भी कहा कि एनपीपी मिज़ोरम में पार्टी कितने उम्मीदवार उतारेगी, यह अब तक फैसला नहीं हुआ है.
वहीं भाजपा का कहना है कि वह मिज़ोरम में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी भाजपा
15 सितंबर को शिलॉन्ग में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि पार्टी मिज़ोरम विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ेगी. कांग्रेस शासित मिज़ोरम में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं.
भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने संवाददाताओं से कहा, ‘विकास हमारा एजेंडा है. हम छह राज्यों में लोगों के पास इस एजेंडे के साथ गए हैं और मिज़ोरम में भी हम इसी एजेंडे के साथ जाएंगे.’
उन्होंने उम्मीद जताई कि मिज़ोरम भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के तहत अन्य छह पूर्वोत्तर राज्यों के समान ही विकास के पथ पर चलेगा.
कोहली ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने क्षेत्र में विकास कार्यों की निगरानी के लिए 150बार केंद्रीय मंत्रियों को पूर्वोत्तर क्षेत्र में भेजा है.
उन्होंने कहा, ‘मिज़ोरम के गृह मंत्री का इस्तीफा एक बड़ा घटनाक्रम है.’ उन्होंने कहा कि मंत्री के पार्टी छोड़ने की घटना को हल्के से नहीं लिया जा सकता.
मेघालय: शिलॉन्ग लोकसभा सीट से यूडीपी का उम्मीदवार उतारने की मांग
शिलॉन्ग: सत्तारूढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक एलाइंस (एमडीए) के गठबंधन सहयोगी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने सुझाव दिया कि आगामी आम चुनाव में शिलॉन्ग लोकसभा क्षेत्र से गठबंधन का साझा उम्मीदवार उनकी पार्टी का होना चाहिए.
यूडीपी महासचिव जेमिनो मावतोह ने शुक्रवार को संवाददताओं को बताया कि शिलॉन्ग और तुरा लोकसभा क्षेत्रों से एमडीए को साझे उम्मीदार उतारने चाहिए.
शिलॉन्ग लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विपक्षी कांग्रेस के नेता विंसेंट एच पाला पिछले दस सालों से कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शिलॉन्ग लोकसभा क्षेत्र के लिए साझा उम्मीदवार के तौर पर यूडीपी के उम्मीदवार को उतारने का उनका प्रस्ताव है. वहीं, तुरा लोकसभा क्षेत्र से नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का साझा उम्मीदवार होना चाहिए जो गठबंधन सरकार का प्रमुख दल है.
मावतोह ने कहा कि इस प्रस्ताव पर यूडीपी गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चा करेगी ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों पर एमडीए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हो सके. मेघालय से लोकसभा की दो सीटें हैं.
अरुणाचल प्रदेश: पीपीए के दो और विधायक कांग्रेस में शामिल
ईटानगर: राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) में बचे दो विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये. इससे पीपीए को बड़ा झटका लगा है.
शुक्रवार को विधानसभा की यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि पीपीए के विधायक ताकम पारियो और मरकियो टाडो गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो गये.
इसके सभी विधायकों के दल छोड़ देने के साथ ही अरुणाचल विधानसभा में पीपीए का कोई प्रतिनिधि नहीं रह गया है. अब विधानसभा में कांग्रेस के तीन विधायक हो गये हैं.
इससे पहले इस साल 16 जुलाई को पीपीए के कुल नौ विधायकों में से सात नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल हो गये थे.
अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 48 विधायक हैं. दो निर्दलीय विधायक भी हैं. वे सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के सह सदस्य हैं.
असम: करंट लगने से 06 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
रूपाही: असम के नागांव जिले में शुक्रवार को बिजली के हाईवोल्टेज तार के एक तालाब में गिर जाने के चलते करंट लगने से 10 साल के एक बच्चे समेत छह लोगों की मौत हो गयी तथा आठ अन्य घायल हो गये.
पुलिस ने बताया कि यह हादसा रूपाही क्षेत्र के अंतर्गत उत्तर खातूल गांव में उस समय हुआ जब लोग मछली पकड़ रहे थे.
असम बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (एपीडीसीएल) पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गुस्साए स्थानीय लोगों ने कंपनी के एक कर्मचारी के घर पर हमला कर दिया.
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जांच के आदेश दिए हैं तथा एक उपमंडल अधिकारी समेत एपीडीसीएल के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.
पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों ने सुबह करीब पांच बजे देखा कि तालाब के ऊपर बिजली का हाई वोल्टेज तार ढीला होकर लटका हुआ है और उन्होंने एपीडीसीएल को इसकी सूचना दी.
ग्रामीणों ने दावा किया कि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि तार में करंट नहीं है और इसलिए कुछ लोग मछली पकड़ने के लिए तालाब में उतरे लेकिन स्थानीय लोगों को सूचित किए बगैर सुबह करीब आठ बजे तार में करंट छोड़ दिया गया, जिससे लोगों को करंट लग गया.
जब शवों को तालाब से बाहर निकाला गया तो वे जले हुए थे या उनमें से धुआं निकल रहा था.
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान रफीकुल इस्लाम, जबर अली, हबीबुर रहमान, मैनुल इस्लाम, इनामुल इस्लाम और आशिफुल इस्लाम (10) के रूप में हुई है.
पुलिस ने बताया कि घायलों को नागांव के बीपी सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एसडीआरएफ के कर्मचारी यह जांच करने घटनास्थल पर पहुंचे कि कहीं तालाब में कोई और शव तो नहीं है.
घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने इलाके में एपीडीसीएल के एक कर्मचारी के घर लाठी-डंडों से हमला कर दिया और उसके घर के फर्नीचर तथा वाहन में तोड़फोड़ की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है तथा वरिष्ठ जिला सिविल तथा पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हैं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, घटना पर नाराजगी जताते हुए सोनोवाल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव और एपीडीसीएल के चेयरमैन जिश्नु बरुआ से जांच के आदेश दिए हैं.
इसमें कहा गया है कि इस बात की जांच की जाएगी कि किन परिस्थितियों में यह हादसा हुआ और सरकार को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिजली मंत्री तपन गोगोई, जल संसाधन मंत्री केसब महंत और एपीडीसीएल चेयरमैन स्थिति का जायजा लेने मौके पर पहुंचे.
महंत ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को ढाई-ढाई लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए.
स्थानीय लोगों ने कहा कि एपीडीसीएल की लापरवाही से यह हादसा हुआ और उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए दस-दस लाख रुपये का मुआवजा मांगा तथा साथ ही परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत शोक संतप्त परिवारों से मिले और उन्होंने घटना की जांच के अलावा पर्याप्त मुआवजा दिए जाने की मांग की.
मिज़ोरम: राज्य में हैं देश के एचआईवी संक्रमित सर्वाधिक वयस्क
आइजोल: देश में पिछले साल मिज़ोरम में एचआईवी संक्रमित वयस्कों के मामले सबसे ज्यादा सामने आए. राज्य में इसके लिए जिन लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई उनमें से 2.04 प्रतिशत लोग इससे ग्रस्त पाए गए.
मिज़ोरम एड्स नियंत्रण सोसायटी (एमएसएसीएस) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा कि राज्य में अक्तूबर 1990 से इस साल अगस्त तक कम से कम 18,081 लोग एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त पाए गए जो 11 लाख की आबादी वाले राज्य में 1.6 फीसदी है.
पिछले साल 16 नवंबर को मिज़ोरम विधानसभा को सूचित किया गया था कि राज्य में 14,632 एचआईवी ग्रस्त लोगों की पहचान की गई है.
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) की ओर से जारी की गई एचआईवी अनुमान रिपोर्ट 2017 के अनुसार मिज़ोरम उन पांच राज्यों में शामिल है जहां संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर इसमें कमी दर्ज की गई है.
अधिकारी ने बताया कि इंडियन एचआईवी एस्टिमेशन्स 2017 टेक्निकल रिपोर्ट के मुताबिक, मिज़ोरम एचआईवी संक्रमण के मामले में देश में पहले स्थान पर है. यहां जिन लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई उनमें से 2.04 प्रतिशत लोग इससे पीड़ित थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, मिज़ोरम के बाद मणिपुर में 1.43 प्रतिशत और नगालैंड में 1.15 फीसदी मामले मिले हैं.
एमएसएसीएस के अधिकारी ने बताया कि संक्रमण के फैलने का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध है. इसके बाद इंजेक्शन की सुई के दोबारा इस्तेमाल की वजह से संक्रमण फैलना है.
समलैंगिकता के कारण भी लोगों को संक्रमण हुआ है. अधिकारी ने बताया कि 25-34 साल आयु वर्ग में एचआईवी संक्रमित लोगों की संख्या 42 प्रतिशत से अधिक है जबकि 35-49 आयु वर्ग के 26 फीसदी लोग एचआईवी से संक्रमित हैं.
असम: अवैध शराब बेचने वाली महिला पर हमला, निर्वस्त्र किया
गुवाहाटी: असम के करीमगंज जिले में ग्रामीणों ने अवैध शराब बेचने वाली एक महिला पर हमला किया और उसे निर्वस्त्र कर दिया.
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि सोशल मीडिया पर हमले का एक वीडियो वायरल होने के बाद घटना प्रकाश में आयी और पुलिस ने इसके खिलाफ दिन में एक मामला दर्ज किया.
महिला पर हमला करने वाले वीडियो में हमलावरों में महिलाएं भी नजर आ रही हैं.
करीमगंज के पुलिस अधीक्षक गौरव उपाध्याय ने बताया, ‘यह घटना असम-मिज़ोरम सीमा के नजदीक नागरा सीमा चौकी के अंतर्गत बहुत दूर-दराज के एक आदिवासी इलाके में 10 सितंबर को हुई. वीडियो के वायरल होने के बाद हमें इसके बारे में जानकारी मिली और आज एक मामला दर्ज किया गया.’
उन्होंने बताया कि पीड़िता ने पुलिस से संपर्क नहीं किया लेकिन वीडियो देखने के बाद कल करीमगंज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक मामला दर्ज किया गया.
दोपहर में एक मामला दर्ज करने के बाद पुलिस के एक दल ने गांव का दौरा किया और घटना की जांच शुरू की. पीड़ित महिला किसी हमलावर की पहचान नहीं कर सकी.
त्रिपुरा: राष्ट्रीय राजमार्ग के ठेके में अनियमितता के आरोपों से भाजपा सरकार का इनकार
अगरतला: त्रिपुरा में 10,000 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग के काम का ठेका देने में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की ओर से अनियमितता करने के विपक्षी कांग्रेस के आरोप को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है.
त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष गोपाल चंद्र रॉय ने बीते रविवार को गडकरी और देब पर 995.91 किलोमीटर में राष्ट्रीय राजमार्ग का काम सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को सौंपने में अनियमितता के आरोप लगाए थे.
त्रिपुरा के सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग की ओर से सोमवार की रात को बयान जारी किया गया कि यह आरोप समझ की कमी का संकेत है और सच्चाई से बहुत दूर है.
पूर्व विधायक रॉय ने 10 अगस्त को मुख्यमंत्री के सलाहकार भाई विजय छिब्बर की ओर से जारी किए गए एक कार्यालय पत्र (ऑफिस नोट) का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में गडकरी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में शामिल हुए.
नोट के मुताबिक, बैठक में कई फैसलों पर सहमति बनी जिसमें त्रिपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग का 620.91 किलोमीटर हिस्सा एनएचआईडीसीएल को सौंपने का भी फैसला शामिल था.
सड़क के इस हिस्से का रखरखाव राज्य का लोक निर्माण विभाग कर रहा है, जो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से दी जा रही सीमित धनराशि के कारण बदहाली से गुजर रहा है. सड़क की 229 किलोमीटर की अतिरिक्त लंबाई वाला हिस्सा भी राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा एनएचआईडीसीएल को सौंपा जाएगा.
कांग्रेस नेता रॉय ने कहा कि यह पूरा काम 10,000 करोड़ रुपये का है और नियमों के मुताबिक राज्य लोक निर्माण विभाग को इस काम में नौ फीसदी एजेंसी कमीशन भी मिला होता. लेकिन एनएचआईडीसीएल को काम सौंपने का एकतरफा फैसला करके राज्य की निर्माण एजेंसी को धनराशि से वंचित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि एनएचआईडीसीएल केंद्र सरकार का सार्वजनिक उपक्रम है, लेकिन किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा के बगैर यह काम बिना निविदा के उसे नहीं दिया जा सकता.
मणिपुर: मॉब लिंचिंग मामले में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई
इंफाल: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिला में वाहन चोर के संदेह में 26 वर्षीय एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना के तीन दिन बाद पुलिस ने एक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया है जबकि तीन अन्य को बर्खास्त किया गया है.
इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक जोगेश्वर हाओबिजम ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस घटना की कथित वीडियो में मौके पर चार पुलिसकर्मी मौजूद दिख रहे हैं, जब मृतक जीवित था और वह जमीन पर पड़ा हुआ था.
थौबुल जिला के बाशिंदे फारूक खान की पश्चिम इंफाल के थारोइजाम इलाके में बृहस्पतिवार को उन्मादी भीड़ ने वाहन चोर होने के संदेह में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. खान के साथ मौजूद दो लोग बच निकलने में कामयाब रहे थे. उनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है.
स्थानीय लोगों ने एक कार भी आग के हवाले कर दी थी. समझा जाता है कि इसका इस्तेमाल मृतक के दो साथियों ने किया था
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है जबकि ग्राम रक्षा बल के तीन कर्मियों को रविवार को बर्खास्त कर दिया गया.
गौरतलब है कि इस घटना की तीखी निंदा हुई और इलाके में विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.
मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को इसकी जांच करने और 22 सितंबर तक एक रिपोर्ट देने को कहा है.
इस घटना के सिलसिले में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के एक हवालदार सहित पांच लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘हम इस घटना की जांच कर रहे हैं. इस मामले में संलिप्त हर किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
मॉब लिंचिंग के विरोध में पुलिस कर्मियों ने निकाली रैली
मणिपुर पुलिस ने सोमवार को भारत-म्यांमार सीमा पर मोरेह से तेंगनौपाल तक एक रैली निकाल कर राज्य में भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं पर विरोध व्यक्त किया.
तेंगनौपाल के पुलिस अधीक्षक एस इबोंब्चा के नेतृत्व में करीब 70 पुलिस कर्मियों ने इस रैली का नेतृत्व किया और उनके साथ विभिन्न स्थानीय निकायों के करीब 500 लोग शामिल हुए.
एसपी ने कहा, ‘मोरेह पुलिस थाने से लेकर तेंगनौपाल जिला मुख्यालय तक दो किलोमीटर लंबी शांति रैली समाज में कानून व्यवस्था बरकरार रखने की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये निकाली गई.’
नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि यह शांति रैली राज्य में अपनी तरह की पहली पहल है.
त्रिपुरा: कांग्रेस के ‘भारत बंद’ के दिन अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगी सरकार
अगरतला: त्रिपुरा सरकार ने कहा है कि कांग्रेस द्वारा 10 सितंबर को बुलाये गये भारत बंद के दिन दफ्तर से गैरहाजिर रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ज्ञात हो कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ 10 सितंबर को कांग्रेस ने भारत बंद का आह्वान किया था.
त्रिपुरा की भाजपानीत सरकार ने पहले ही अपने सभी कर्मचारियों से कह दिया था कि सरकारी कर्मचारी बंद के दिन अपने कार्यालयों में उपस्थित रहें नहीं तो दंड भुगतने के लिए तैयार रहें.
राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया कि 10 सितंबर को अनुपस्थित रहनेवाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सामान्य प्रशासन विभाग (प्रशासनिक सुधार) के कार्यालय से अवर सचिव एम रेमा द्वारा जारी इस कार्यालय ज्ञापन में संबंधित विभागों से भारत बंद के दिन अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, 10 सितंबर को राज्य सरकार के दफ्तरों में 80 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति दर्ज की गई थी. कांग्रेस की देशव्यापी हड़ताल का राज्य में मिला-जुला असर देखा गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)