इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, मिज़ोरम, असम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
नई दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में मणिपुर के पुलिसकर्मियों की उस याचिका का समर्थन किया, जिसमें उनके खिलाफ कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ को हटाने की मांग की गयी है.
जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने इस याचिका पर पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. याचिका में इस पीठ को मामले की सुनवाई से हटाने की मांग की गयी है.
इन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध आरोपपत्र दायर किया जा चुका है.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि पीठ की इन कथित टिप्पणियों से पुलिस और सशस्त्र बलों का मनोबल प्रभावित हुआ है कि ये पुलिसकर्मी ‘हत्यारे’ हैं.
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल मणिपुर में उग्रवाद से लड़ने में मुश्किल घड़ी का सामना कर रहे हैं और अदालत की टिप्पणियों ने उनका मनोबल पूरी तरह हिलाकर रख दिया है.
मणिपुर में कथित न्यायेत्तर हत्याओं की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने एसआईटी गठित की थी और प्राथमिकी दर्ज करने एवं जांच करने का आदेश दिया था.
मालूम हो कि न्यायालय ने पिछले साल 12 जुलाई को इन मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया था. इसमें सीबीआई के पांच अधिकारियों को शामिल किया गया था. न्यायालय ने मणिपुर मे ग़ैर-न्यायिक हत्याओं के मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और इनकी जांच का आदेश दिया था.
न्यायालय ने मणिपुर में वर्ष 2000 से 2012 के बीच सुरक्षा बलों और पुलिस द्वारा कथित रूप से की गई 1528 फ़र्ज़ी मुठभेड़ और ग़ैर-न्यायिक हत्याओं की जांच के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले साल जुलाई में 81 प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.
इन मामलों में, 32 मामले जांच आयोग, 32 मामले न्यायिक आयोग और उच्च न्यायालयों की जांच, 11 मामलों में मानवाधिकार आयोग मुआवज़ा दे चुका है और छह मामलों में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस संतोष हेगड़े की अध्यक्षता वाले आयोग ने जांच की थी, शामिल हैं.
पिछले साल जुलाई के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने उग्रवाद से प्रभावित मणिपुर में सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस द्वारा की गई कथित ग़ैर-न्यायिक हत्याओं के मामले की सीबीआई जांच का निर्देश दिया है.
इससे पहले बीते दो जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की मणिपुर में मुठभेड़ के मामलों की जांच में सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए.
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मिज़ोरम: संगमा ने राज्य में एनपीपी की इकाई शुरू की
आइजोल: नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने पार्टी की मिजोरम इकाई की शनिवार को औपचारिक तौर पर शुरूआत की.
संगमा ने बताया कि एनपीपी पूर्वोत्तर और आदिवासी केंद्रित पार्टी है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र की आवाज दिल्ली तक पहुंचे.
राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस समय कांग्रेस सत्ता में है.
उन्होंने बताया कि 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के चुनाव में पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी.
संगमा ने बताया, ‘हम अन्य राजनीतिक दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के बिना चुनाव मैदान में उतरेंगे.’
असम: ऑस्कर में ‘विलेज रॉकस्टार्स’ के प्रचार के लिए सरकार से मदद मांगेंगे: रीमा दास
गुवाहाटी: इस वर्ष एकेडमी अवार्ड्स के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि ‘विलेज रॉकस्टार्स’ की निर्देशक रीमा दास ने गुरुवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी फिल्म के प्रचार के लिए वह सरकार से सहयोग मांगेंगी.
असम की इस फिल्मकार ने कहा कि टीम को ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के प्रचार के लिए कम से कम तीन करोड़ रुपये की आवश्यकता है.
दास ने बताया, ‘ज्यूरी ने मेरी फिल्म को ऑस्कर के लिए चुना है और मुझे उम्मीद है कि वे प्रतिस्पर्धा स्तर पर फिल्म के प्रचार के लिए जरूरी धन उपलब्ध कराने में मदद करेंगे. ऑस्कर में प्रचार के लिए कम से कम तीन करोड़ रुपये और यह सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी हैं कि वह पुरस्कार के लिए अंतिम नामांकन तक पहुंचे.’
उन्होंने फिल्म के प्रचार के लिए 50 लाख रुपये देने के लिए असम सरकार का शुक्रिया अदा किया लेकिन कहा कि यह राशि पर्याप्त नहीं है.
दास ने उम्मीद जताई कि सरकारी एजेंसियां फिल्म (विलेज रॉकस्टार्स) का समर्थन करेंगी जिसने 2018 में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.
मालूम हो कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ को 91वें अकादमी पुरस्कारों में विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है. 91वां आॅस्कर अवार्ड समारोह 24 फरवरी 2019 को आयोजित होने वाला है.
यह फिल्म असम के छायगांव, जो कि फिल्मकार रीमा दास का अपना गांव भी है, में रहने वाली गरीबी में पली-बढ़ी लड़की धुनू की कहानी है जो एक रॉक बैंड बनाने और किसी दिन अपना इलेक्ट्रॉनिक गिटार हासिल करने के अपने सपने से पीछे नहीं हटती.
फिल्म में बनीता दास, बसंती दास और मानबेंद्र दास ने मुख्य भूमिकाओं में हैं. असमी भाषा की यह फिल्म पिछले साल ही बनकर तैयार हो गई थी और तकरीबन एक साल बाद इस महीने की 28 तारीख़ को रिलीज़ हुई है.
संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’, आलिया भट्ट अभिनीत ‘राज़ी’, रानी मुखर्जी अभिनीत ‘हिचकी’, शूजित सरकार की ‘अक्टूबर’, तबरेज़ नूरानी निर्देशित ‘लव सोनिया’, अक्षय कुमार की ‘पैडमैन’, अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की ‘102 नॉट आउट’, ‘तुम्बड़’, ‘हल्का’, ‘कड़वी हवा’, ‘गुलाबजाम’, ‘महानति’, ‘पीहू’, ‘भोगड़ा’, ‘रीवा’, ‘बाइस्कोपवाला’, ‘भयानकम’, ‘अज्जी’, ‘न्यूड’, ‘गली गुलियां’ और हाल में प्रदर्शित नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की ‘मंटो’ उन 29 फिल्मों की सूची का हिस्सा थी, जिसे अगले साल के ऑस्कर के लिए सौंपा गया था.
इस घोषणा से खुश दास ने कहा कि ‘विलेज रॉकस्टार’ के चुने जाने से पूर्वोत्तर के फिल्म निर्माताओं की एक बड़ी पहचान मिली है.
दास ने कहा, ‘बहुत अच्छा लग रहा है. इसे बताने के लिए मेरे पास ज़्यादा शब्द नहीं हैं. पूरी यात्रा किसी परी कथा के समान है. यह पूर्वोत्तर के लिए एक बड़ी पहचान है और मुझे लगता है कि चयनित होने वाली यह पहली असमिया फिल्म है. इसलिए मेरा मानना है कि इससे क्षेत्र के फिल्मकारों के लिए बड़ा बदलाव आएगा.’
त्रिपुरा: ओडिशा के छात्रों ने लगाया राज्य में यातना दिए जाने का आरोप
अगरतला/भुवनेश्वर: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में पढ़ रहे ओडिशा के कई छात्रों ने आरोप लगाया कि स्थानीय छात्रों ने उन्हें मारा-पीटा और जान से मारने की धमकी भी दी.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब ने संस्थान में बीएड की पढ़ाई कर रहे उड़िया छात्रों को गुरूवार को पूर्ण सुरक्षा देने का आश्वासन दिया. संस्थान एक मानद विश्वविद्यालय है.
डरे-घबराए उड़िया छात्र और शिक्षकों ने अपने दोस्तों एवं परिवारों को भेजे एक वीडियो संदेश में आरोप लगाए हैं कि संस्कृत संस्थान के कुछ छात्रों ने सितंबर के दूसरे हफ्ते में गणेश पूजा समारोह के दौरान कोई विवाद होने के बाद हड़ताल में हिस्सा न लेने के लिए उन पर हमला किया.
एक उड़िया छात्रा ने दावा किया कि कुछ स्थानीय छात्रों ने उसे पीटा. उन्होंने बताया, ‘उन्होंने हमसे तत्काल संस्थान छोड़ने के लिए कहा और ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी.’
छात्रा ने कहा, ‘हमने प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में दाखिला लिया. लेकिन स्थानीय छात्र और लोग हमें परेशान कर रहे हैं.’
कुछ छात्रों ने कहा, ‘हम ओडिशा सरकार से हमारे बचाव के लिए आगे आने का अनुरोध करते हैं क्योंकि हमारी जान खतरे में है.’
ओडिशा पुलिस के महानिदेशक आरपी शर्मा ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने राज्य के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्रिपुरा के अपने समकक्ष अखिल कुमार शुक्ला से बातचीत की जिसके बाद स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने संस्थान का दौरा किया और सुरक्षा एवं मदद का आश्वासन दिया.
On the 26th,the moment I got to know about some #Odiya students at Rashtriya Sanskrit Sansthan being harassed at #Agartala, I spoke with DGP #Tripura Subsequently the SP visited & has assured security & help. Closely monitoring the situation & in regular touch with the DGP there.
— DGP, Odisha (@DGPOdisha) September 27, 2018
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने स्थिति पर करीब से नजर बनाए रखी है और वहां के डीजीपी के संपर्क में हूं.’
त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘संबंधित अधिकारी मामले पर ध्यान दे रहे हैं. उचित कार्रवाई की जा रही है.’
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘ओडिशा के छात्र भी त्रिपुरा के ही बच्चे हैं. मां त्रिपुरसुंदरी की धरती पर किसी भी को असामाजिक गतिविधि की मंजूरी नहीं दी जाएगी. मैं पूरे भारत के छात्रों के त्रिपुरा में सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन देता हूं.’
इससे पहले ओडिशा के उच्च शिक्षा सचिव बीपी सेठी ने कहा, ‘ओडिशा के डीजीपी ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्रिपुरा के अपने समकक्ष से बात की. श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी के कुलपति प्रो. राधा माधव दास और उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक परमेश्वरन बी समस्या के हल के लिए अगरतला जा रहे हैं.’
छात्रों ने दावा किया कि 20 सितंबर को कुलपति को घटना की जानकारी दी गयी थी लेकिन अधिकारियों ने फिर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. छात्रों ने यह भी कहा कि उन्होंने त्रिपुरा में पुलिस के सामने शिकायत दर्ज नहीं करायी है.
मेघालय: खासी और गारो भाषाओं को अष्टम सूची में शामिल करने की मांग का प्रस्ताव विधानसभा में पारित
शिलॉन्ग: मेघालय विधानसभा ने खासी और गारो भाषाओं को संविधान की अष्टम सूची में शामिल करने की मांग केंद्र से करते हुए बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया.
ये दोनों भाषाएं 23 लाख से अधिक खासी और गारो जनजातियों द्वारा बोली, समझी और इस्तेमाल की जाती हैं. उन्हें राज्य की सहयोगी सरकारी भाषा माना जाता है.
मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने यह प्रस्ताव पेश किया जिसे विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘यह सदन निश्चय करता है कि भारत सरकार से खासी और गारो भाषाओं को संविधान की अष्टम सूची में शामिल करने के लिए यथाशीघ्र जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया जाए. ’’
मणिपुर: राज्य बंद से हुआ जनजीवन प्रभावित
इंफाल: मणिपुर विश्वविद्यालय के गिरफ्तार किए गए 15 शिक्षकों एवं छात्रों की ‘बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर 6 छात्र संगठनों द्वारा गुरुवार को बुलाए गए 48 घंटे के बंद से राज्य में कुछ हद तक जनजीन प्रभावित हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि राजधानी के व्यस्ततम बाजारों- पाओना एवं थंगल बाजार में सभी दुकानें बंद रहीं. ज्यादातर वाहन सड़कों से नदारद रहे और शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे.
अधिकारियों ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे और कर्मचारियों की उपस्थिति भी ठीक रही. पेट्रोल एवं ईंधन स्टेशन खुले रहे क्योंकि वहां सुरक्षा कर्मी तैनात थे.
मुख्य सचिव जे सुरेश बाबू ने राज्य भर के विभाग प्रमुखों एवं उपायुक्तों को सभी कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
6 छात्र संगठनों ने मणिपुर विश्वविद्यालय के 15 छात्रों एवं शिक्षकों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए बुधवार की मध्यरात्रि से यह बंद बुलाया था.
इन शिक्षकों एवं छात्रों को नव नियुक्त कार्यवाहक कुलपति के युगिंद्रो सिंह की शिकायत पर 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.
सिंह ने आरोप लगाया था कि कुछ छात्रों एवं शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार संभाले जाने के विरोध में उनका ‘घेराव’ किया था. पुलिस ने बताया कि मोइरंगखोम, सिंग्जामेइ और याइसकुल इलाकों समेत इंफाल के कई हिस्सों में सीआरपीएफ कर्मी एवं पुलिस तैनात की गई.
जिला मजिस्ट्रेट एन प्रवीण ने बुधवार को पूरे इंफाल पश्चिम जिले में दो महीने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने का आदेश दिया था.
अरुणाचल प्रदेश: राज्य में 171 प्रजातियों की तितलियां मिलीं
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबनसिरी के याजली इलाके में पांचवें ‘जीरो बटरफ्लाई’ सम्मेलन के दौरान तितलियों की 171 प्रजातियों के बारे में जानकारी सामने आई है.
एक गैर सरकारी संगठन ने एक बयान में बताया कि एनजीओ नगुनुजीरो द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान कुछ दुलर्भ प्रजाति की तितलियों के बारे में पता चला.
सम्मेलन में व्हाइट ड्रैगनटेल, वैनेड जे, बिस्पोट, ब्लैक प्रिंस, लॉर्ज यियोमैन, टाइगर होपर, रेड बेस, जेडेबल, ग्रे पैनसी और चॉकलेट टाइगर नाम की तितलियों की प्रजातियों का पता चला.
बयान में बताया गया कि सम्मेलन में सरकार को प्रस्ताव सौंपने की बात हुयी जिसमें ‘कैसर-ए-हिंद’ को राज्य की तितली और टेली वन्यजीव अभयारण्य को तितली अभयारण्य घोषित करने का अनुरोध किया गया है.
संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) कोज रिनया ने बताया कि लोअर सुबनसिरी जिला तितली केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है. उन्होंने टेली वन्यजीव अभयारण्य में आने वाले सभी आगंतुकों का स्वागत किया जहां दुर्लभ तितलियां पाई जाती हैं.
असम: राज्य सरकार ने 1.6 करोड़ रुपये में खरीदी दीनदयाल उपाध्याय की 60 हजार जीवनी
गुवाहाटी: असम सरकार ने बुधवार को बताया कि उसने भाजपा के विचारक दीनदयाल उपाध्याय की 15 खंड की जीवनी की 60 हजार पुस्तकों को एक करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदा है.
विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया के लिखित सवाल के जवाब में संस्कृति मामलों के मंत्री केशव महंत ने कहा कि सरकार ने विभिन्न पुस्तकालयों, शैक्षणिक एवं अन्य संस्थानों के लिए पुस्तकें खरीदी हैं.
मंत्री ने कहा, ‘सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर लिखी 60 हजार पुस्तकों को खरीदा है. ये पुस्तकें 15 खंडों में हैं.’
पुस्तक निदेशालय ने संस्कृति विभाग की सलाह पर 1.6 करोड़ रुपये खर्च कर ये पुस्तकें खरीदी हैं.
पुस्तकों को नई दिल्ली के प्रकाशक प्रभात प्रकाशन से खरीदा गया है. उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास दीनदयाल उपाध्याय की तरह दूसरी हस्तियों की जीवनी खरीदने का कोई प्रस्ताव नहीं है.’
मिज़ोरम: राजमार्ग पर जाम लगाया, देश के शेष हिस्से से कटा रहा राज्य
आइजोल: विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) द्वारा कोलासिब जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 54 पर जाम लगाने के कारण बुधवार को भी मिजोरम देश के शेष हिस्से से कटा रहा.
एमएनएफ की कोलासिब जिला इकाई ने राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की दयनीय हालत के विरोध में सड़क मार्ग जाम किया.
एनएच-54 पर वाहन नहीं चले, जो राज्य को देश के शेष हिस्से से जोड़ता है. सुबह 5 बजे सड़क जाम शुरू हुआ. पुलिस ने कहा कि जिले में कहीं से भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.
असम: राज्य में बीस लाख शिक्षित और अर्द्धशिक्षित लोग बेरोजगार
गुवाहाटी: असम सरकार ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में लगभग 20 लाख ऐसे शिक्षित और अर्द्धशिक्षित युवा हैं, जो बेरोजगार हैं जिन्होंने स्वयं को रोजगार कार्यालय में पंजीकृत करवाया है .
असम विधानसभा में एआईयूडीएफ विधायक अबुल कलाम आजाद की ओर से पूछे गए प्रश्न के लिखित में कौशल विकास मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने कहा कि 31 दिसंबर 2017 तक 19 लाख 63 हजार 376 शिक्षित और अर्द्ध शिक्षित युवाओं ने स्वयं को पंजीकृत कराया था .
मंत्री ने कहा कि इनमें से 16 लाख 65 हजार 866 लोग शिक्षित हैं. उन्होंने बताया कि पंजीकृत बाकी लोग दसवीं पास भी नहीं हैं और उनके पास कोई तकनीकी जानकारी भी नहीं है .
त्रिपुरा: बांग्लादेशी निर्यातकों ने मछली की आपूर्ति बहाल की
अगरतला: बांग्लादेश के निर्यातकों ने 25 दिन के अंतराल के बाद त्रिपुरा के कारोबारियों को मछली की आपूर्ति बहाल कर दी. दोनों देशों के निर्यातकों और आयातकों की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.
आयातक एवं निर्यातक उद्यमी संघ के सचिव खोकन भौमिक ने बताया, ‘हमें ‘रोहू’, ‘पाब्दा’, ‘कतला’ ‘भेटकी’ और झींगा सहित अन्य मछलियों की खेप मिली है और अब त्रिपुरा के स्थानीय बाजार में मछलियों का कोई संकट नहीं है.’
उन्होंने बताया कि 4 सितंबर से बांग्लादेश से मछलियों का आयात रुका हुआ था क्योंकि उसने असमाजिक तत्वों ने पैसे की उगाही की थी.
मालूम हो कि बांग्लादेश से आयात रुकने से त्रिपुरा में मछली कारोबार प्रभावित हुआ था. बांग्लादेशी निर्यातकों ने कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा कथित तौर पर रंगदारी मांगे जाने के बाद इस महीने की शुरूआत से त्रिपुरा में मछलियां भेजनी बंद कर दी थीं, जिससे राज्य में मछली का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था.
मछली की आपूर्ति बंद होने के चलते राज्य में रेहू, कातला और पाबदा की कीमतें बढ़ गई हैं. ज्ञात हो कि त्रिपुरा मछली आपूर्ति के लिए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बांग्लोदश पर निर्भर है.
सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि संदिग्ध गुंडों ने कथित तौर पर कुछ निर्यातकों को राज्य में प्रवेश करने से रोक दिया क्योंकि उन्होंने 4 सितंबर को अगरतला-आखुरा एकीकृत चौकी पर रंगदारी की रकम देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने बताया कि इसके चलते लगभग 10,000 किलोग्राम मछलियां नष्ट हो गई थी.
अधिकारी ने बताया कि जब भारतीय व्यापारियों ने बांग्लादेश में लोगों से बात की तो उन्होंने साफ कह दिया कि अगर भारत से कोई जिम्मेदार सरकारी अधिकारी लिखित में आश्वासन देता है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, तभी वे मछली का निर्यात फिर से शुरू करेंगे.
अगरतला निर्यातक एवं आयातक उद्यमी संघ के एक अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी निर्यातकों की उनके देश में 17 सितंबर को एक बैठक हुई थी, जिस दौरान उन्होंने यह सवाल उठाया था कि 4 सितंबर को हुए उन्हें नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी.
राज्य मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त निदेशक अबनी देबवर्मा ने कहा कि कुल उपभोग की करीब 70 फीसदी मछलियों का उत्पादन राज्य में होता है जबकि शेष का बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश से किया जाता है.
मिज़ोरम: सरकार के प्रयासों के बाद भी केवल 31 ब्रू परिवार राज्य में लौटे
आइजोल: त्रिपुरा के शिविरों से 5,407 ब्रू शरणार्थी परिवारों में से केवल 31 परिवार एक महीने की निर्धारित अवधि के दौरान मिजोरम लौटे हैं. मिजोरम के गृह विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
ब्रू परिवारों के मिजोरम लौटने का निर्धारित समय मंगलवार 25 सितंबर को समाप्त हो गया है.
अब जो लोग छह राहत शिविरों में बच गये है, उन्हें एक अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि केंद्र ने पहले ही चेतावनी दी थी कि 1 अक्तूबर से शिविरों में रह रहे ब्रू परिवारों को दी जा रही मदद को बंद कर दिया जायेगा.
अधिकारियों ने बताया, ‘गत 25 अगस्त तक केवल 31 ब्रू परिवार ही मिजोरम पहुंचे है. हमारे पास अनौपचारिक जानकारी हैं कि 16 और परिवार लौटने के इच्छुक हैं और वे शायद इस हफ्ते तक मिजोरम पहुंच जाएंगे.’
राज्य गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘यह देखना होगा कि क्या केंद्र एक अक्तूबर तक छह राहत शिविरों के ब्रू परिवारों के लिए सहायता रोकता है कि नहीं, जैसे कि पहले चेतावनी दी गई थी.’
असम: एनआरसी के दावे और आपत्ति की प्रक्रिया शुरू
गुवाहाटी: असम में 40 लाख लोगों की तकदीर तय करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे को लेकर दावों और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो गयी.
मालूम हो कि इस मसौदे में 40 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी.
एनआरसी का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था और उसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 2.9 करोड़ लोगों को जगह मिली थी.
एनआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि दावे और आपत्ति प्रक्रिया 23 नवंबर तक जारी रहेगी तथा 2,500 केंद्रों पर फार्म उपलब्ध होंगे जहां लोग अपने संबंधित क्षेत्रों में अपनी अपील दायर कर सकते हैं.
अधिकारी ने बताया कि लोग मसौदे में अपने नामों में सुधार के लिए आवेदन दे सकते हैं. वे संदिग्ध विदेशी के खिलाफ आपत्ति भी कर सकते हैं.
राजनीतिक दलों और कई संगठनों ने दावे फाइल करने में लोगों की मदद के लिए केंद्र स्थापित किये हैं. प्रशासन ने 15 दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों के नाम मसौदा सूची में शामिल किये थे.
हाल ही में एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि पांच दस्तावेजों पर अंतिम सूची के लिए विचार नहीं किया जाना चाहिए. उनमें 1951 की एनआरसी, 1971 से पहले की मतदाता सूची, नागरिकता प्रमाणपत्र, शरणार्थी पंजीकरण प्रमाणपत्र और राशन कार्ड शामिल हैं.
एनआरसी अपडेट पर नजर रख रही शीर्ष अदालत हाजेला के अनुरोध पर 23 अक्तूबर को आदेश देगी.
राज्य सरकार ने एनआरसी अपडेट प्रक्रिया में किसी भी दखल से इनकार
असम सरकार ने सोमवार को इस आरोप से इनकार किया कि वह लोगों के नामों को बाहर रखने के लिए एनआरसी की अपडेट प्रक्रिया में दखल दे रही है और कहा कि किसी भी असली भारतीय का नाम इस सूची से नहीं छूटेगा.
संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में प्रश्नकाल में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी विदेशी का नाम एनआरसी की अपडेट प्रक्रिया में शामिल न हो जाए.
वह मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की तरफ से बोल रहे थे जिनके पास गृह मंत्रालय है. सोनोवाल स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि सभी भारतीय नागरिकों के नाम उसमें शामिल किये जाएंगे.
एनआरसी से लोगों के नाम बाहर रह जाने के डर को दूर करते हुए पटवारी ने कहा कि यह गलत है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआसी के अंतिम मसौदे में नहीं हैं वे दावे और आपत्तियां दर्ज करने के हकदार हैं क्योंकि अंतिम नागरिक पंजीकरण के प्रकाशन से पहले उचित मौके उपलब्ध हैं.
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम के इस आरोप पर कि सरकार नामों को विदेशी न्यायाधिकरण के पास भेजकर एनआरसी प्रक्रिया में दखल दे रही है, मंत्री ने कहा कि एनआरसी उच्चतम न्यायालय की सीधी निगरानी में अपडेट की जा रही है और किसी भी दखल का सवाल ही नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्रालय के निर्देश के तहत असम सरकार ने सभी पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों को निर्देश जारी किया है कि न्यायाधिकरण को नई जांच या मामले भेजे जाने के लिए प्रशासन या पुलिस द्वारा तबतक कोई कार्रवाई न की जाए जबतक एनआरसी प्रकाशित न हो जाए.’
पटवारी ने कहा कि लेकिन न्यायाधिकरण उसके पास भेजे गए मामलों में अंतिम एनआरसी के प्रकाशन से पहले नोटिस जारी कर सकते हैं.
मणिपुर: सरकार ने दो कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ अभियान निलंबन समझौता किया
नई दिल्ली: मणिपुर के कुकी बहुल क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने इस समुदाय के दो उग्रवादी संगठनों के साथ एक करार पर दस्तखत किया है.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि केंद्र ने कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) और यूनाईटेड पीपुल्स फ्रंट ऑफ मणिपुर के साथ अभियान निलंबन संधि पर दस्तखत किये.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, अब सुरक्षाबलों का अभियान और एक साल 31 अगस्त, 2019 तक स्थगित रहेगा.
दो कुकी शीर्ष उग्रवादी संगठन और समुदाय के कुछ अन्य संगठन मणिपुर में पृथक कुकी राज्य की मांग कर रहे हैं.
केएनओ और यूपीएफ के कई सदस्य राज्य के कुकी बहुल क्षेत्रों में सरकार के विशेष शिविरों में हैं.
असम: कांग्रेस नेता ने की भाजपा कार्यालय से आई कथित फोन कॉल की जांच की मांग
गुवाहाटी: असम कांग्रेस की महासचिव बबीता शर्मा ने एक व्यक्ति द्वारा टीवी पत्रकार बताकर भाजपा के दिल्ली मुख्यालय से कथित रूप से फोन करने की जांच कराने और जरूरी कार्रवाई की पुलिस प्रमुख से अपील की है.
पिछले शुक्रवार को शर्मा को दिल्ली के एक नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने खुद का नाम रॉबिन बताया और कहा कि वह एक चैनल से है. उसने गौहाटी पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारियां मांगी जहां, से वह 2016 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार थीं.
शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उस व्यक्ति ने 2019 के एक्जिट पोल के नाम पर दिसपुर, गौहाटी पश्चिमी, जालुकबारी, पलासबारी और हाजो जैसे आसपास के निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में भी ऐसी ही जानकारियां मांगी.
बाद में सामने आया कि कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया और अन्य पार्टी नेताओं को भी ऐसे कॉल आए.
शर्मा ने आरोप लगाया कि फर्जी और घृणास्पद खबरें तैयार करने में कांग्रेस नेताओं के स्वर नमूनों का इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस घटना की जांच की मांग की है.
सिक्किम: मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दो समुदायों की सीटों के आरक्षण के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया
पाकयोंग: सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह राज्य विधानसभा में लिंबु और तमांग समुदायों के लिए सीटें आरक्षित करें.
यहां एक हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद एक कार्यक्रम में चामलिंग ने कहा कि राज्य सरकार पिछले 16 वर्षों से यह मांग कर रही है कि विधानसभा में सीटों की मौजूदा संख्या 32 से बढ़ाकर 40 की जाये और उसमें दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों को शामिल करे.
प्रधानमंत्री ने सोमवार को पाकयोंग में सिक्किम के पहले हवाई अड्डे का उद्घाटन किया.
चामलिंग ने कहा, ‘हम आपसे सीटों के आरक्षण संबंधी लंबे समय से लंबित मांग पर विचार करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि लंबे समय से यह लोगों की इच्छा है.’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लंबे समय से लंबित अन्य मांगों में बाहुन, छेत्री, भुजेल, राय, गुरुंग, दीवान, यामाहा, योगी, संन्यासी ,मुंबाई और थामी समुदाय को जनजाति का दर्जा देना शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘सिक्किम को आप में और आपकी सरकार में भरोसा है इसलिए हमारी इच्छाओं को पूरा करें ताकि देश के सर्वाधिक शांतिपूर्ण राज्य में शांति कायम रहे.’
उन्होंने कहा कि सिक्किम चीन, नेपाल और भूटान से घिरा और बेहद संवेदनशील राज्य है.
चामलिंग ने मोदी की प्रशंसा की और राज्य में नये हवाई अड्डे के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा, ‘आपके सक्षम नेतृत्व में समूची दुनिया भारत को सम्मान के साथ देखती है और दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है.’
असम: करीमगंज में महिला को निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में 4 को जेल भेजा गया
गुवाहाटी: करीमगंज जिले में ग्रामीणों द्वारा कथित तौर पर एक महिला को निर्वस्त्र कर उस पर हमला करने के मामले में पुलिस ने रविवार को 4 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
करीमगंज के पुलिस अधीक्षक गौरव उपाध्याय ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, ‘हमने शक के आधार पर 19 लोगों को पकड़ा था. पूछताछ के बाद हमनें 4 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया. उन्हें बीते रविवार को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.’
उन्होंने कहा कि पुलिस ने बाकी के आरोपियों की भी पहचान कर ली है जो अभी फरार हैं.
उपाध्याय ने कहा, ‘आरोपियों को पकड़ने के लिए हम विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं. हमारी जांच जारी है. हम यह कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि समाज में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’
यह घटना असम-मिजोरम बॉर्डर पर करीमगंज के बाजारीछेरा पुलिस थाना क्षेत्र के नागरा आउटपोस्ट के पास एक बेहद सुदूरवर्ती आदिवासी गांव में 10 सितंबर को घटी थी.
सोशल मीडिया पर हमले का वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई जिसके बाद पुलिस ने 21 सितंबर को मामला दर्ज किया था.
पीड़ित ने पुलिस से संपर्क नहीं किया था लेकिन 20 सितंबर को करीमगंज में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला दायर किया था.
उपाध्याय ने पहले कहा था कि महिलाओं समेत ग्रामीणों ने पीड़िता पर हमला किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)