पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने सोमवार को कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाई है. पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण भारतीय ख़ुफिया एजेंसी रॉ के लिए जासूसी कर रहे थे.
भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कानून और न्याय के मूलभूत नियमों को अनदेखा करते हुए दी गई मौत की सजा का यदि पाकिस्तान पालन करता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी. विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर बेहद कड़े शब्दों का डिमार्शे दिया जिसमें कहा गया है कि जिस कार्यवाही के आधार पर जाधव को यह सजा दी गई है वह हास्यास्पद है और उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं हैं.
जाधव मामले पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि पिछले साल ईरान से उनका अपहरण किया गया था और पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी के बारे में ऐसा कोई विवरण नहीं दिया गया जो विश्वसनीय हो.
डिमार्शे के मुताबिक भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए वाणिज्य दूतावास को जाधव तक संपर्क देने की मांग की और 23 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 अनुरोध औपचारिक तरीके से किए गए लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी. इसमें कहा गया कि, कार्यवाही जिसके चलते जाधव को यह सजा सुनाई गई वह हास्यास्पद है और उनके खिलाफ बगैर किसी भरोसमंद सबूत के है. इसमें कहा गया कि भारतीय उच्चायोग को जाधव पर मुकदमा चलाने की सूचना तक नहीं दी गई.
विदेश सचिव ने डिमार्शे में कहा, पाकिस्तान की वरिष्ठ शख्सियतों को भी सबूतों के पर्याप्त होने को लेकर संदेह था. आईएसपीआर की विज्ञप्ति में किया गया दावा कि जाधव को कथित मुकदमे के दौरान बचाव अधिकारी मुहैया करवाया गया यह भी इस हालात में पूरी तरह बेतुका लगता है.
इसमें आगे कहा गया, भारतीय नागरिक को यह सजा दी जाती है, वह भी कानून और न्याय के मूलभूत नियमों को अनदेखा करते हुए तो भारत की सरकार और जनता इस मामले को सुनियोजित हत्या करार देगी. जाधव को कथित तौर पर ईरान से प्रवेश करने के बाद पिछले वर्ष 13 मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अशांत बलुचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रॉ में तैनात भारतीय नौसेना का सेवारत अधिकारी है. जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की सेना ने उनके कबूलनामे का वीडियो जारी किया था.
भारत ने यह स्वीकार किया था कि जाधव नौसेना में काम कर चुके थे लेकिन सरकार के साथ उनके किसी भी तरह के संपर्क से इंकार किया था.
पाक कैदियों को नहीं छोड़ेगा भारत
पाकिस्तानी सेना द्वारा कथित जासूसी और तोड़फोड़ गतिविधियों के लिए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा को मंजूरी देने के कुछ घंटे बाद भारत ने फैसला किया कि वह उन एक दर्जन पाकिस्तानी कैदियों को रिहा नहीं करेगा, जिन्हें बुधवार को उनके वतन भेजा जाना था.
आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि सरकार का मानना है कि पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का यह सही समय नहीं है. कैदियों को भारत और पाकिस्तान द्वारा जेलों में बंद एक दूसरे के नागरिकों को सजा पूरी होने के बाद उनके देशों में वापस भेजने की परंपरा के तहत रिहा किया जाना था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)