उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले का मामला. हत्या के एक मामले में पुलिस की विवेचना से नाराज़ मुस्लिम परिवार के 13 लोगों ने ज़िलाधिकारी को शपथ-पत्र देकर हिंदू धर्म अपना लिया.
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में पुलिस के रवैये से असंतुष्ठ एक मुस्लिम परिवार ने कथित तौर पर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक युवा हिंदू वाहिनी की देखरेख में बीते मंगलवार को एक धर्मगुरु ने हवन कराकर 13 लोगों को विधिवत रूप से हिंदू धर्म स्वीकार करवाया.
धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने एसडीएम को इस संबंध में शपथपत्र भी सौंपे हैं. ज़िलाधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है. बागपत के ज़िलाधिकारी ऋषिरेंद्र कुमार ने बताया कि ज़िले की बड़ौत तहसील में कुछ लोगों ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के शपथ पत्र दिए हैं. हत्या के एक मामले की विवेचना से पीड़ित लोग संतुष्ट नहीं थे. पुलिस अधीक्षक से वार्ता कर प्रकरण दिखवाया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अख़्तर परिवार के साथ तहसील पहुंचे और एसडीएम को शपथ पत्र दिया. शपथ पत्र में उन्होंने कहा है कि उसके परिवार के सभी लोग स्वेच्छा से हिंदू धर्म स्वीकार कर रहे हैं. उन्होंने अपने नाम भी बदल लिए हैं.
दैनिक जागरण के अनुसार धर्म परिवर्तन करने वालों में एक परिवार के मुखिया अख्तर अली (65) ने धर्म सिंह, उनकी पत्नी (62) नफीसा ने निशा, बेटे दिलशाद (34) ने दिलेर सिंह, पुत्रवधू मंसू (30) ने मंजू, पौत्र अनस (11) ने अमर सिंह, पौत्री शाइस्ता (8) ने सीमा, पौत्री सना (6) ने सोनिया, पौत्री सारिका (3) ने सारिका, पौत्री जोया (1) ने ज्योति, दूसरे बेटे नौशाद (29) ने नरेंद्र सिंह, पुत्रवधू रुकैया ने (26) रूबी, पौत्र नाहिद हसन (7) ने विशाल, तीसरे बेटे इरशाद (26) ने कवि नाम रख लिया है.
वहीं अख़्तर के तीसरे बेटे इरशाद की पत्नी ने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया और मायके चली गईं. उनके चौथे बेटे ज़ाकिर और उसके परिवार ने भी धर्म परिवर्तन करने से मना कर दिया. ज़ाकिर परिवार से अलग रहते हैं.
Dharam Singh, member of the family says, "My name was Akhtar Ali, I have changed my religion because the police did not investigate our case in a fair manner, even the Muslim community did not stand in our support. In Modi's India, Muslims not treated fairly. I demand justice." pic.twitter.com/MYN4VzzYYI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 3, 2018
धर्म परिवर्तन करने वालों में शामिल अख़्तर अली अब धर्म धर्म सिंह बन गए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘मैंने अपना धर्म इसलिए बदला क्योंकि पुलिस मेरे परिवार से जुड़े एक मामले की जांच सही तरीके से नहीं कर रही थी. इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय भी हमारे समर्थन में खड़ा नहीं हुआ. मोदी जी के भारत में मुस्लिमों के साथ सही व्यवहार नहीं होता है और मुझे न्याय चाहिए.’
युवा हिंदू वाहिनी (भारत) के प्रदेश अध्यक्ष शौकेंद्र खोखर ने मंगलवार को बताया कि छपरौली थाने के बदरखा निवासी अख़्तर पिछले छह-सात माह से बागपत कोतवाली क्षेत्र के निवाड़ा गांव के खुब्बीपुरा मोहल्ला में रह रहे हैं. अख़्तर का आरोप है कि कई माह पहले उसके बेटे गुलहसन की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए शव फांसी पर लटका दिया गया था. बार-बार गुहार के बावजूद पुलिस ने इसे विवेचना में आत्महत्या मान लिया. बागपत कोतवाली पुलिस से उन्हें न्याय नहीं मिला.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मृतक गुलहसन के भाई दिलशाद ने बताया कि इस साल जनवरी में गुलहसन का परिवार बेहतर जीवन के लिए बदरखा से नवादा गांव चला गया था. वहां पर उन्होंने एक घर ख़रीदा था और किराये पर कपड़े की दुकान खोल ली थी.
इस साल 22 जुलाई को गुलहसन का शव अपनी दुकान की छत से लटकता हुआ मिला. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार की दावा था कि व्यवसायिक प्रतिद्वंद्वियों ने उनकी हत्या करवाई है.
दिलशाद ने बताया कि गुलहसन के शरीर पर ज़ख़्म के निशान थे. गुलहसन के बड़े भाई नौशाद ने बताया, ‘हमने पुलिस को बताया कि यह योजनाबद्ध हत्या है, लेकिन पुलिस ने बताया कि यह आत्महत्या है.’
कोतवाली एसएचओ दिनेश कुमार ने बताया, ‘परिवार उसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज कराने को लेकर स्थानीय अदालत चला गया. अदालत के आदेश पर नवादा गांव के चार लोगों के ख़िलाफ़ हत्या का केस दर्ज किया गया.’
इसके बाद गुलहसन का परिवार नवादा गांव छोड़कर वापस बदरखा आ गया था.
शौकेंद्र खोखर के अनुसार, मंगलवार सुबह बदरखा गांव में हवन और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ. इसमें विधि-विधान के साथ मुस्लिम परिवार के 13 लोगों ने हिंदू धर्म स्वीकार किया.
वहीं पुलिस अधीक्षक बागपत शैलेष कुमार पांडे ने कहा कि कुछ मुस्लिमों के धर्म परिवर्तन किए जाने की जानकारी मिली है. वह इस मामले की जांच करा रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)