विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया है कि जो प्रमाण पत्र अंकिव बैसोया ने दिल्ली विश्वविद्यालय में पेश किया था वो फ़र्ज़ी है, इस यूनिवर्सिटी का नहीं है. अंकिव किसी भी तरह से विश्वविद्यालय के छात्र नहीं रहे हैं.
चेन्नई: तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से कहा है कि दिल्ली विश्वविश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के अध्यक्ष अंकिव बैसोया उनके छात्र नहीं हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए नकली दस्तावेज दिखाने का मामला सामने आने के बाद तमिलनाडु के विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार को यह जानकारी दी. बैसोया ने दावा किया था कि उन्होंने साल 2013 से 2016 के बीच तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी.
फ़र्ज़ी डिग्री सामने आने के बाद तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय ने मामले की जांच कर इस बात की जानकारी तमिलनाडु सरकार को दी है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार वी. पेरुवल्लुति ने तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए कहा कि अंकिव बैसोया ने न तो इस विश्वविद्यालय और न ही इससे संबद्ध किसी अन्य कॉलेज में दाखिला लिया था. वह किसी भी तरह से विश्वविद्यालय का छात्र नहीं रहा है.
उन्होंने आगे कहा, ‘जो प्रमाण पत्र अंकिव बैसोया ने पेश किया था वो फ़र्ज़ी है, इस यूनिवर्सिटी का नहीं है. इसकी प्रमाणिकता की जांच के बाद परीक्षा नियंत्रक ने ये जानकारी दी है.’
उन्होंने बताया कि वेल्लोर स्थित तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय ने तमिलनाडु उच्च शिक्षा विभाग को लिखित में बताया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता अंकिव बैसोया ने इस विश्वविद्यालय या इसके किसी भी घटक या संबद्ध कॉलेज में दाखिला नहीं लिया था.
दिल्ली विश्वविद्यालय इस मामले की जांच कर रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिज़्म विभाग, जहां वर्तमान में अंकिव पढ़ाई कर रहे हैं, ने तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय को इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था. हालांकि विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें अभी विश्वविद्यालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के कुलपति के. मुरुगन ने कहा है कि यह नई बात नहीं है. परीक्षा नियंत्रक ने पहले ही बताया दिया था कि यह एक फ़र्ज़ी डिग्री है.
अंकित से इस बारे में बात नहीं हो सकी है, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में एबीवीपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया कि वे लोग तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से जवाब आने का इंतज़ार कर रहे हैं. अभी दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को जवाब नहीं मिल पाया है. हम इस मामले में तभी कोई निर्णय ले पाएंगे जब दिल्ली विश्वविद्यालय आरोपों की पुष्टि करता है.
बैसोया ने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था. एनएसयूआई द्वारा उनके नकली दस्तावेज देने का आरोप लगाने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा.
एनएसयूआई ने आरोप लगाया था कि अंकिव ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर दिल्ली विश्वविद्यालय के मास्टर आॅफ बुद्धिस्ट स्टडीज़ में प्रवेश लिया था.
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में एनएसयूआई की इंचार्ज रुचि गुप्ता ने कहा, ‘लिंगदोह कमेटी की सिफारिशोंं के अनुसार अगर दो महीनों के अंदर अंकिव की उम्मीदवारी रद्द नहीं की जाती तो उपाध्यक्ष को उनके पद पर प्रमोट कर दिया जाएगा.’
हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में चार में तीन सीटों पर एबीवीपी की जीत हुई थी. एबीवीपी को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर एबीवीपी को जीत मिली थी वहीं एनएसयूआई सचिव पद पर विजयी रही थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)