अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने पिता और चित्रकार जतिन दास के ख़िलाफ़ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कहा है कि वह ‘मीटू’ मुहिम का समर्थन जारी रखेंगी.
नई दिल्ली/मुंबई: कागज का उत्पादन करने वाली एक कंपनी की महिला सह-संस्थापक ने बीते मंगलवार को दावा किया कि मशहूर चित्रकार जतिन दास ने 14 साल पहले उसका यौन शोषण किया था. हालांकि दास ने इन आरोपों को अश्लील बताते हुए ख़ारिज कर दिया.
निशा बोरा नाम की महिला ने ट्विटर पर दास से जुड़ी अपनी घटना की जानकारी साझा की. उन्होंने ट्विटर पर साल 2004 की गर्मियों में अपने साथ हुई घटना का ज़िक्र किया है.
उन्होंने कहा कि वह तब 28 साल की थीं और दास ने एक रात्रिभोज कार्यक्रम के दौरान उससे पूछा कि क्या ‘उनके सामान को व्यवस्थित करने में मदद के लिए उनके पास समय और इच्छा है.’ और जब महिला ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया तो काम के दूसरे दिन दास ने नई दिल्ली के खिड़की गांव स्थित अपने स्टूडियो में उनका यौन उत्पीड़न किया.
#MeToo One of India's most feted artists alive. Padma Bhushan recipient. My molestor. Long post alert. @IndiaMeToo and so MANY other women, starting with @Rxyxsx Thank you for so much. pic.twitter.com/a6VFC6iHys
— Nisha Bora (@NishaBora) October 16, 2018
निशा ने ट्विटर पर लिखा, ‘उन्होंने मुझे पकड़ने की कोशिश की. मैं उनके आलिंगन से निकल गई, गुस्सा दिखाया. इसके बाद उन्होंने फिर से ऐसा किया. मैंने उन्हें धक्का दिया और उनसे दूर चली गई.’
निशा ने कहा, ‘उस समय उन्होंने कहा, ‘अरे, अच्छा लगेगा.’ या ऐसा ही कुछ कहा था. मुझे यह याद है कि जब मैं पीछे हट रही थी, उन्हें इस पर विश्वास नहीं हो रहा था. मैंने अपना झोला उठाया और घर के लिए भागी. इसके बारे में कभी बात नहीं की. अब कर रही हूं.’
उन्होंने अपने एक दूसरे ट्वीट में यह भी लिखा कि दो दिन बाद दास की बेटी और मशहूर फिल्म अभिनेत्री-निदेशक नंदिता दास ने उन्हें फोन किया और पूछा, ‘क्या वह (अपनी जैसी ही) कोई दूसरी महिला सहायक ढूंढ़ने में उनकी मदद कर सकती है.’
निशा ने कहा, ‘उन्होंने (नंदिता) मुझे अपने बारे में बताया और कहा कि उनके पिता ने उन्हें मेरा फोन नंबर दिया था. आज उस आदमी की बेशर्मी से मुझे घुटन हो रही है.’
हालांकि चित्रकार ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि आजकल लोगों के ख़िलाफ़ आरोप लगाने का एक खेल चल रहा है जिसका मक़सद केवल मौज लेना है.
उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को अश्लील बताया.
दास ने कहा, ‘मैं स्तब्ध हूं. आजकल हर तरह की चीज़ें हो रही हैं. कुछ लोग कुछ करते हैं तो कुछ लोग आरोप लगाते हैं. मैं उन्हें नहीं जानता, न ही उनसे कभी मिला हूं और अगर मैं किसी से कहीं पर मिला भी तो कोई इस तरह से व्यवहार नहीं करता. यह अश्लील है.’
उन्होंने कहा, ‘एक खेल चल रहा है, जहां कुछ लोगों ने सच में कुछ चीज़ें की हैं, कुछ केवल मौज लेने के लिए आरोप लगा रहे हैं.’
मालूम हो कि 76 वर्षीय जतिन दास देश के जाने-माने चित्रकार हैं. वह पिछले 50 सालों से चित्रकारी कर रहे हैं. एक पेशेवर चित्रकार होने के अलावा वह तमाम सरकारी और निजी निकायों में सलाहकार रह चुके हैं. साल 2012 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
पिता पर आरोपों के बावजूद ‘मीटू’ मुहिम का समर्थन जारी रखूंगी: नंदिता दास
फिल्म अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने अपने पिता और प्रसिद्ध चित्रकार जतिन दास के ख़िलाफ़ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि वह ‘मीटू’ मुहिम का समर्थन जारी रखेंगी.
फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में नंदिता ने कहा कि उनके पिता के ख़िलाफ़ परेशान करने वाले आरोप लगने के बावजूद वह अपने साथ हुई बदसलूकी और उत्पीड़न की दास्तान लेकर सामने आ रहीं महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेंगी.
हालांकि, उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाने से पहले महिलाओं को अपने इल्ज़ाम को लेकर आश्वस्त रहने की ज़रूरत है.
नंदिता ने फेसबुक पर लिखा, ‘मीटू मुहिम की ज़ोरदार समर्थक होने के नाते मैं दोहराना चाहती हूं कि मैं इसमें अपनी आवाज़ जोड़ना जारी रखूंगी, भले ही मेरे पिता के ख़िलाफ़ परेशान करने वाले आरोप लगाए गए हों. मेरे पिता ने आरोपों को साफ़ नकारा है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)