सऊदी अरब ने माना, तुर्की स्थित उसके दूतावास में पत्रकार जमाल ख़शोगी की मौत हो गई

पिछले दो अक्टूबर से लापता थे द वॉशिंगटन पोस्ट में कॉलम लिखने वाले पत्रकार जमाल ख़शोगी. आख़िरी बार तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में देखा गया था. पत्रकार की मौत होने की आशंका से सऊदी अरब लगातार कर रहा था इनकार.

/
Saudi dissident Jamal Khashoggi speaks at an event hosted by Middle East Monitor in London, Sept. 29, 2018. Reuters
पत्रकार जमाल ख़शोगी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

पिछले दो अक्टूबर से लापता थे द वॉशिंगटन पोस्ट में कॉलम लिखने वाले पत्रकार जमाल ख़शोगी. आख़िरी बार तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में देखा गया था. पत्रकार की मौत होने की आशंका से सऊदी अरब लगातार कर रहा था इनकार.

Saudi dissident Jamal Khashoggi speaks at an event hosted by Middle East Monitor in London, Sept. 29, 2018. Reuters
पत्रकार जमाल ख़शोगी. (फोटो: रॉयटर्स)

रियाद/वॉशिंगटन: तकरीबन दो हफ्तों की ख़ामोशी और पत्रकार जमाल ख़शोगी की मौत होने की बात से इनकार करने के बाद शनिवार को सऊदी अरब ने मान लिया कि इस लापता पत्रकार की मौत हो चुकी है.

खशोगी की गुमशुदगी ने सऊदी अरब को अब तक के सबसे ख़राब अंतरराष्ट्रीय संकट में डाल दिया था. गौरतलब है कि सऊदी अरब ख़शोगी की हत्या के बारे में लगातार इनकार करता आ रहा था.

सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल शेख़ साद-अल-मोजेब ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनके और उनसे मिलने वाले लोगों के बीच इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हुई चर्चा पहले विवाद और बाद में लड़ाई में बदल गई जिसके बाद जमाल ख़शोगी की मौत हो गई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’

ख़शोगी की मौत की पुष्टि होने पर वाइट हाउस ने कहा कि वह दुखी है लेकिन उसने अपने प्रमुख सहयोगी देश के ख़िलाफ़ संभावित कार्रवाई का कोई ज़िक्र नहीं किया.

बयान में आगे कहा गया है कि मामले की अभी जांच चल रही है. इस संबंध में खुफिया विभाग के उप प्रमुख अहमद अल असीरी और सऊदी अरब के शाही दरबार के सलाहकार सौद-अल-क़हतनी को बर्ख़ास्त कर दिया गया है.

मालूम हो कि ये दोनों, शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के शीर्ष सहायक थे, जो खशोगी के मामले में बढ़ते दबाव का सामना कर रहे थे. अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि ख़शोगी की मौत के बाद उनका शव कहा है.

उनके लापता होने पर रहस्य बन गया था. तुर्की के अधिकारियों ने सऊदी अरब पर उनकी हत्या करने और उनके शव को ठिकाने लगा देने का आरोप लगाया था.

सरकारी मीडिया ने बताया कि सऊदी अरब के शाह ने शहजादे की अध्यक्षता में मंत्री स्तरीय समिति के गठन के आदेश दिए हैं जो देश की खुफिया एजेंसी का पुनर्गठन करेगी और उसकी शक्तियों को सटीकता से परिभाषित करेगी.’

सऊदी अरब द्वारा, खशोगी की मौत की पुष्टि किए जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रज़ब तैयब एर्दोआन और सऊदी अरब के शाह ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में खशोगी के मामले की जांच में सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई.

सऊदी अरब की यह स्वीकारोक्ति तब आई है जब तुर्की के अधिकारियों ने शुक्रवार को अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए इस्तांबुल शहर में एक जंगल की तलाशी ली थी.

मालूम हो कि द वॉशिंगटन पोस्ट सहित कई मीडिया दूसरे मीडिया संगठनों के लिए आलेख लिखने वाले पत्रकार ख़शोगी सऊदी अरब के शहज़ादे मोहम्मद बिन सलमान की आलोचना में भी ख़ूब लिखते रहे थे.

ख़शोगी एक सऊदी पत्रकार थे और वह अमेरिका में वैध स्थायी निवासी के रूप में रह रहे थे. बीते दो अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाखिल होने के बाद से ख़शोगी लापता थे.

तुर्की की जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि वाणिज्य दूतावास में उनकी बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी गई. उन्होंने इसके बारे में आडियो एवं वीडियो साक्ष्य होने का भी दावा किया था.

अभी तक सऊदी अरब इन आरोपों से इनकार करता रहा था और उसका कहना है कि ख़शोगी वाणिज्य दूतावास से चले गए थे. कहा जा रहा था कि सऊदी अरब जल्द ही एक रिपोर्ट लाने की योजना बना रहा है जिसमें यह कहे जाने की उम्मीद है कि ख़शोगी से पूछताछ में गड़बड़ी हुई और वह इस प्रक्रिया में मारे गए.

इस मामले में अमेरिका और सऊदी अरब पर लगातार चौतरफा दबाव बना हुआ था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सऊदी अरब को बचाने के आरोप लग रहे थे.

इन दबावों के बीच ट्रंप में बीते 17 अक्टूबर को अपना पक्ष साफ किया था. इसमें वह सऊदी अरब के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने के किसी भी क़दम के ख़िलाफ़ नज़र आए.

उन्होंने तर्क दिया कि सऊदी अरब अमेरिका का अहम सहयोगी हैं. उन्होंने कहा था कि विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से पत्रकार के रहस्यमय परिस्थितियों में लापता होने के संबंध में पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.

वाइट हाउस में ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा था कि उन्होंने वह ऑडियो मांगा है जिससे ख़शोगी की कथित निर्मम हत्या का सुराग मिलता है.

ट्रंप ने कहा था, ‘मुझे अभी यह पक्का पता नहीं है कि ऐसा कुछ है. हो भी सकता है . पोम्पिओ के आने के बाद मुझे इस पर पूरी रिपोर्ट मिलेगी. पोम्पिओ सऊदी अरब और तुर्की की यात्रा पर गए हैं.’

दरअसल अमेरिका की सऊदी अरब के साथ हथियारों ख़रीद का करोड़ों डॉलर का सौदा होने वाला है और दबावों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि सऊदी अरब को इस घटना का दोषी ठहरा कर वह करोड़ों डॉलर के हथियार सौदे को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं.

उन्होंने सऊदी अरब के साथ 110 अरब डॉलर के हथियार सौदे को रद्द करने के लिए डाले जा रहे दबाव को खारिज करते हुए दावा किया था कि इस प्रकार के क़दम से अमेरिकी अर्थव्यवस्था और रोज़गार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

खशोगी की मौत पर सऊदी अरब की सफाई को सही मानते हैं ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वह पत्रकार जमाल ख़शोगी की मौत झगड़े में होने के सऊदी अरब के स्पष्टीकरण पर भरोसा करते हैं और उन्होंने खाड़ी देश द्वारा 18 लोगों की गिरफ्तारी को पहला सराहनीय क़दम भी बताया.

सऊदी अरब की सफाई पर उनके विश्वास के संबंध में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, मुझे यकीन है.

उन्होंने कहा, ‘एक बार फिर यह पूछना जल्दबाज़ी है. हमने अपनी समीक्षा, हमारी जांच ख़त्म नहीं की है. लेकिन मेरे विचार में यह एक सराहनीय पहला कदम है.’

ट्रंप ने कहा कि सऊदी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी रहेगी जिसमें ख़शोगी की मौत के पीछे की घटनाओं के उनके ब्योरों पर सवाल उठाना शामिल होगा.

वॉइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘ख़शोगी की मौत की पुष्टि के बारे में सुनकर हम दुखी हैं और हम उनके परिवार, मंगेतर एवं दोस्तों के प्रति गहरी सहानुभूति प्रकट करते हैं.’

हाउस ऑफ फॉरन अफेयर्स कमेटी रैंकिंग मेंबर इलियट एंजेल ने घटना का पूरा ब्योरा मांगा. वहीं सांसद जिम कोस्टा ने कहा कि वह ख़शोगी की हत्या में सऊदी अधिकारियों के शामिल होने की ख़बरों से स्तब्ध हैं.

कांग्रेस सदस्य एरिक स्वालवेल ने सवाल किया, ‘शव कहां है?’