सीआईसी का आदेश, पीएमओ केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों को सार्वजनिक करे

सीआईसी ने ये भी आदेश दिया है कि पीएमओ इस जानकारी का खुलासा करे कि मोदी सरकार में विदेश से कितना कालाधन लाया गया और इसका कितना हिस्सा भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में डाला गया.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi during BJP Parliamentary Party meeting, in New Delhi on Tuesday, July 31, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI7_31_2018_000078B)
New Delhi: Prime Minister Narendra Modi during BJP Parliamentary Party meeting, in New Delhi on Tuesday, July 31, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI7_31_2018_000078B)

सीआईसी ने ये भी आदेश दिया है कि पीएमओ इस जानकारी का खुलासा करे कि मोदी सरकार में विदेश से कितना कालाधन लाया गया और इसका कितना हिस्सा भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में डाला गया.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi during BJP Parliamentary Party meeting, in New Delhi on Tuesday, July 31, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI7_31_2018_000078B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को 2014 से 2017 के बीच केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई का खुलासा करने का निर्देश दिया है.

मुख्य सूचना आयुक्त राधाकृष्ण माथुर ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की अर्जी पर यह फैसला सुनाया है. इसी फैसले में सीआईसी ने ये भी आदेश दिया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान विदेश से लाए गए कालेधन के अनुपात एवं मूल्य के बारे में सूचना देने तथा इस संबंध में की गई कोशिशों के रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाए.

सीआईसी के आदेश में पीएमओ को विदेश से लाए गए कालेधन से भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में सरकार द्वारा जमा की गई रकम के बारे में सूचना का खुलासा करने को कहा गया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कालेधन के संबंध में चतुर्वेदी के प्रश्नों को ‘सूचना’ की परिभाषा के दायरे से बाहर बताया था, लेकिन सूचना आयुक्त ने यह दलील ठुकरा दी. माथुर ने कहा, ‘पीएमओ ने आरटीआई आवेदन के प्रश्न क्रमांक चार (विदेश से लाया गया कालाधन) तथा प्रश्न क्रमांक पांच (विदेश से लाए गए कालेधन से भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में डाली गई धनराशि) पर अपने जवाब में यह बात गलत कही है कि आवेदक द्वारा किए गए अनुरोध आरटीआई कानून की धारा 2 (एफ) के तहत ‘सूचना’ की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते.’

अपने आरटीआई आवेदन में संजीव चतुर्वेदी ने भाजपा सरकार की ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’ और ‘स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’ जैसी विभिन्न योजनाओं के बारे में भी सूचनाएं मांगी थी.

पीएमओ से संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर चतुर्वेदी ने आरटीआई मामलों पर सर्वोच्च अपीलीय संस्था केंद्रीय सूचना आयोग में अपील दायर की.

सुनवाई के दौरान चतुर्वेदी ने आयोग से कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्रधानमंत्री को सौंपी गई शिकायतों की सत्यापित प्रतियों के संबंध में विशेष सूचना मांगी है, जो उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

माथुर ने कहा, ‘आयोग का मानना है कि पीएमओ ने आरटीआई आवेदन के प्रश्न क्रमांक 1बी (मंत्रियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें) तथा प्रश्न क्रमांक 4,5,12 और 13 (एम्स में भ्रष्टाचार के संबंध में) पर अपीलकर्ता को सही और विशिष्ट जवाब/सूचना नहीं दी.’

आयोग ने पीएमओ को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और उसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की कथित भूमिका को लेकर चतुर्वेदी द्वारा लिखे गए पत्र पर की गई कार्रवाई का खुलासा करने का भी निर्देश दिया.

चतुर्वेदी ने इससे पहले हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार में कथित भ्रष्टाचार और वनरोपण घोटाला का मुद्दा उठाया था. इस घोटाले में राज्यभर में कथित रूप से फर्जी पौधारोपण किया गया था.

राज्य सरकार के हाथों कथित रूप से उत्पीड़न का शिकार होने के बाद उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष अपील की थी. केंद्र ने 2010 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में एक समिति बनाई थी. समिति की रिपोर्ट में चतुर्वेदी की दलीलों को सही पाया गया.

इसके बाद मंत्रालय ने चतुर्वेदी का उत्पीड़न होने की पुष्टि की और उनके विरुद्ध दर्ज मामलों को राष्ट्रपति से खारिज करने की सिफारिश की. राष्ट्रपति ने चतुर्वेदी के खिलाफ दर्ज मामलों को खारिज कर दिया था.

कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन यूपीए सरकार में उन्हें एम्स का मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीसी) नियुक्त किया गया. एम्स में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में उनके काम की तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजादी ने सराहना की थी.

अगस्त, 2014 में चतुर्वेदी को एम्स से उत्तराखंड भेज दिया गया जहां वह वन संरक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)