#मीटू आंदोलन के मद्देनज़र गठित इस समूह के अध्यक्ष गृह मंत्री राजनाथ सिंह होंगे और सदस्यों में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, मेनका गांधी और नितिन गडकरी शामिल हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने और इसे रोकने के लिए कानूनी एवं संस्थागत ढांचों को मजबूती देने के वास्ते गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्री समूह के सदस्यों में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी शामिल हैं.
मंत्री समूह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी और संस्थागत ढांचों का परीक्षण करेगा.
The GoM will be chaired by Hon’ble Home Minister Shri @rajnathsingh ji, and I along with Shri @nitin_gadkari ji & Smt. @nsitharaman ji will be its members.
— Maneka Sanjay Gandhi (@Manekagandhibjp) October 24, 2018
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि यह समूह उनके मंत्रालय द्वारा महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षित बनाने के उद्देश्य के लिए है.
अधिकारी ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए मंत्री समूह मौजूदा प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन और मौजूदा कानूनी तथा संस्थागत ढांचों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कार्रवाई की सिफारिश करेगा.
मालूम हो कि इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शी बॉक्स नाम से एक इलेक्ट्रॉनिक कम्प्लेंट बॉक्स बनाया है, जहां महिलाएं यौन उत्पीड़न से जुड़ी अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकती हैं. मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि शी बॉक्स में आयी शिकायत सीधे एक प्राधिकारी के पास जाएगी.
मंत्री समूह का गठन मीटू आंदोलन के मद्देनजर किया गया है जिसके तहत कई महिलाओं ने कार्यस्थल पर अपना यौन उत्पीड़न करने वालों का सार्वजनिक रूप से नाम लिया है.
पिछले दिनों मनोरंजन और मीडिया जगत की महिलाओं ने सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए उत्पीड़न के अनुभव साझा किए. इस कड़ी में पूर्व संपादक और विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का नाम भी आया था.
सबसे पहले पत्रकार प्रिया रमानी ने उनका नाम लिया, जिसके बाद अकबर की कई पूर्व महिला सहकर्मियों द्वारा उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए, जिस पर विवाद होने के बाद अकबर ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)