कुलभूषण को बचाने के लिए आॅल इंडिया रेडियो की पाकिस्तानी जनता से अपील

पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के समर्थन में एआईआर की ओर से प्रसारित कार्यक्रम में पाकिस्तानी श्रोताओं को बताया जा रहा है कि इस्लाम में मुसाफिर की हत्या करना गुनाह है.

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पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के समर्थन में एआईआर की ओर से प्रसारित कार्यक्रम में पाकिस्तानी श्रोताओं को बताया जा रहा है कि इस्लाम में मुसाफिर की हत्या करना गुनाह है.

KULBHUSHAN JADAV

भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद आॅल इंडिया रेडियो (एआईआर) ने पाकिस्तानी श्रोताओं के लिए बनाए गए एक विशेष कार्यक्रम में जाधव के लिए मुहिम चलानी शुरू कर दिया है. अपने कार्यक्रम में एआईआर के कार्यक्रम में यह बताया जा रहा है कि किसी मुसाफिर की हत्या को इस्लाम में गुनाह क़रार दिया गया है.

इकोनॉमिक टाइम्स की ख़बर के अनुसार, जाधव को फांसी की सज़ा सुनाई जाने के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अख़्तियार करते हुए कहा है कि अगर इस फांसी को अंजाम दिया गया तो इसे सज़ा नहीं बल्कि एक सुनियोजित हत्या माना जाएगा.

जाधव को लेकर बनाए गए एआईआर के सोमवार से प्रसारित किए जा रहे हैं.

बीते मंगलवार को प्रसारित एआईआर के विशेष बुलेटिन में बताया गया कि मुसाफिर पर अल्लाह की रहमत होती है और उसे अल्लाह सफ़र में रास्ता दिखाता है. किसी भी मुसाफिर की हत्या करना या फिर उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचना भी इस्लाम में गुनाह है.

एआईआर का वाह्य सेवा प्रभाग पाकिस्तान और अफगानिस्तान के श्रोताओं को ध्यान में रखते हुए हर रोज़ सात कार्यक्रम प्रसारित करता है. ये कार्यक्रम छह भाषाओं में हैं, पश्तून, बलूची, पंजाबी, उर्दू, सिंधी और सरैकी. अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के सिंध, पंजाब और बलूच क्षेत्रों में एआईआर के श्रोताओं की संख्या काफी ज़्यादा है.

जाधव को लेकर किए गए पाकिस्तान के दावों को ख़ारिज करते हुए भारत ने कहा है कि जाधव व्यवसाय संबंधी काम के चलते ईरान में थे. लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी जाधव का ईरान में अपहरण कर बलूचिस्तान ले गई और अब उन्हें बिना तथ्य और सबूतों के सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सज़ा सुना दी है.

इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए एआईआर के महानिदेशक फ़ैयाज़ शहरयार ने कहा, ‘हम अपने बुलेटिनों में इस बात पर ज़ोर देने की कोशिश कर रहे है कि पाकिस्तान के लोग अपने देश हो रही इस्लाम विरोधी गतिविधि के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं.’

इन कार्यक्रमों में यह बताने की कोशिश की जा रही है कि मौत की सज़ा बददिमागी और इस्लाम विरोधी है.

फ़ैयाज़ आगे कहते हैं, ‘हमें बलूच क्षेत्र से सैकड़ों संदेशों को प्राप्त किया है जो उन आरोपों को ख़ारिज़ करते हैं कि कुलभूषण जाधव किसी भी प्रकार की पाकिस्तान विरोधी गतिविधि में शामिल थे.’ वे कहते हैं कि बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि जाधव की फांसी पर पाकिस्तान की नागरिक सरकार का चुप रहना दोनों देशों के संबंध ख़राब कर सकते हैं.

बहरहाल, जाधव की फांसी पर लोकसभा में भी सत्ताधारी और विपक्ष में एकजुटता नज़र आई थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को अंजाम भुगतने की धमकी तो दी साथ ही दावा किया कि किसी भी क़ीमत पर जाधव को वापस लाएंगी.