हिंदुत्ववादी विचारक राजीव मल्होत्रा के साथ पत्रकार से राज्यसभा सांसद बने भाजपा समर्थक स्वपन दासगुप्ता भी विश्वविद्यालय द्वारा मानद प्रोफेसर बनाए गए हैं.
नई दिल्ली: हिंदुत्व विचारक राजीव मल्होत्रा और भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) में मानद प्रोफेसर नियुक्त किया गया है.
सीएमएस के शिक्षक पेज को टैग करते हुए मल्होत्रा ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘जेएनयू के विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर मैं पहला व्याख्यान दो नवंबर की दोपहर में दूंगा. संभवत: मैं ‘संस्कृत नॉन ट्रांसलेटेबल्स’ विषय पर चर्चा करूंगा. अगली बार मैं अन्य विषयों पर चर्चा करूंगा.’
I will probably discuss my project on SANSKRIT NON-TRANSLATABLES. Next time I can proceed to other topics.
— Rajiv Malhotra (@RajivMessage) October 29, 2018
मल्होत्रा हिंदुवादी कार्यकर्ता होने के अलावा लेखक, भौतिक विज्ञानी और कंप्यूटर विज्ञानी भी हैं. उनकी वेबसाइट के अनुसार 1994 में उन्होंने ‘समाजसेवा और रिसर्च करने के लिए’ अपने कारोबार से रिटायरमेंट लेकर इनफिनिटी फाउंडेशन की शुरुआत की थी.
अपने वीडियो लेक्चर के लिए मशहूर मल्होत्रा ने इंद्राज़ नेट: डिफेंडिंग हिंदूइज़्म्स फिलोसॉफिकल यूनिटी, बैटल फॉर संस्कृत और ब्रेकिंग इंडिया: वेस्टर्न इंटरवेंशन्स इन द्रविड़ियन एंड दलित फॉल्टलाइन्स किताबें लिखी हैं.
2015 में इतिहासकार रिचर्ड फॉक्स यंग ने मल्होत्रा पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया था. यंग का कहना था कि मल्होत्रा ने बिना क्रेडिट दिए कई जगह से विचार लेकर प्रकाशित किए हैं. मल्होत्रा ने इन आरोपों का खंडन नहीं किया था, लेकिन अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था कि यंग द्वारा बताए गए शैक्षणिक मानक ‘काफी ऊंचे’ थे.
बीते अगस्त में केरल में आई बाढ़ के समय मल्होत्रा के एक ट्वीट पर विवाद हुआ था, जब उन्होंने लोगों से केरल के हिंदुओं की मदद करने के लिए दान देने को कहा था. उन्होंने लिखा था कि ‘दुनियाभर के ईसाई और मुस्लिम अपने लोगों और एजेंडा के लिए पैसा जमा कर रहे हैं’. विवाद के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर दिया था.
मल्होत्रा के साथ राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता को भी मानद प्रोफेसर बनाया गया है. दासगुप्ता भारतीय जनता पार्टी और इसकी नीतियों के समर्थक माने जाते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)