केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने अपनी फिल्म ‘रंगीला राजा’ से 20 दृश्य हटाने के आदेश को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी. पहलाज ने कहा कि अदालत ने कहा है कि सेंसर बोर्ड का काम श्रेणी के अनुसार प्रमाण पत्र जारी करना है न कि किसी फिल्म में कट बताना.
मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) यानी सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी की आने वाली फिल्म ‘रंगीला राजा’ में बोर्ड ने 20 दृश्य हटाने के लिए कहा है. निहलानी ने इसके विरोध में बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
मालूम हो कि सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पद से हटने के बाद निहलानी की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है, जिसमें गोविंदा मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे.
मालूम हो कि सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष रहने के दौरान पहलाज निहलानी का कार्यकाल काफी विवादित रहा था. उन्होंने ख़ुद को संस्कारी करार दिया था. साल 2016 में अनुराग कश्यप की फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म को लेकर निहलानी काफी विवादों में भी रहे थे.
शाहिद कपूर अभिनीत इस फिल्म में बतौर अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने 94 दृश्यों को हटाने को कहा था. निर्देशक अनुराग कश्यप ने उनके इस फैसले के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘उड़ता पंजाब’ को सिर्फ एक दृश्य हटाकर रिलीज़ करने को कहा था. हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सेंसर बोर्ड दादी मां की तरह बर्ताव न करे.
Former Censor Board Chief Pahlaj Nihalani files a plea in Bombay High Court against Censor Board after it reportedly suggested around 20 cuts in his upcoming movie 'Rangeela Raja' (file pic) pic.twitter.com/RhXqE0vpwq
— ANI (@ANI) November 5, 2018
फिल्म रंगीला राजा पर सेंसर द्वारा कट लगाने के संबंध में निहलानी कहते हैं, ‘मैंने अपनी फिल्म के लिए यू/ए प्रमाण पत्र केंद्रीय सेंसर बोर्ड से मांगा था, जिस पर उन्होंने फिल्म में 20 कट दिए हैं, जिसके ख़िलाफ़ मैंने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. मुझे यकीन है अदालत से मेरी फिल्म को बिना किसी कट के मान्यता मिलेगी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं ख़ुद सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष रहा हूं और मेरे कार्यकाल में भी अदालत के आदेश पर बहुत सारी फिल्में सेंसर बोर्ड से पास हुई थीं. अदालत ने यह भी कहा था कि सेंसर बोर्ड का काम श्रेणी के अनुसार प्रमाण पत्र जारी करना है न कि किसी फिल्म में कट बताना.’
पहलाज निहलानी ने कहा, ‘समाज में यह समझ है कि वे कौन सी फिल्म देखना चाहते हैं और कौन सी फिल्म नहीं.’
सेंसर बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष पर हमला करते हुए निहलानी कहते हैं, ‘ये जो सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष हैं प्रसून (जोशी) ये तो दफ्तर आते ही नहीं. ये कोई काम नहीं कर रहे और उनकी गैर-मौजूदगी में क्षेत्रीय अध्यक्ष बतौर प्रॉक्सी अध्यक्ष बना हुआ है.’
पिछले साल 11 अगस्त को पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. उनकी जगह गीतकार और ऐडमेकर प्रसून जोशी को अध्यक्ष बना दिया गया.
बतौर अध्यक्ष विवादित रहा था कार्यकाल
जनवरी, 2015 में निहलानी को केंद्रीय सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जिसके बाद फिल्मों में बार-बार दृश्य को हटाने की नसीहत देने के चलते काफी विवाद में रहे थे. उन्होंने उस समय कहा था, ‘मैं फिल्मों में गाली-गलौज, अश्लीलता और धार्मिक भावना को आहत करने वाले शब्द और दृश्य को बर्दाश्त नहीं करूंगा. इससे पहले भ्रष्टाचार के चलते कई ऐसी फिल्में पास हुईं, लेकिन मैं इसको रोकने के लिए आया हूं.’
जेम्स बांड सीरीज़ की फिल्म ‘स्पेक्ट्रे’ के एक किसिंग सीन विवाद में रहे थे. पहलाज निहलानी ने इस किसिंग सीन को छोटा करने का आदेश दिया था. उन्होंने फिल्म के किसिंग सीन उसके कुछ समय से घटाकर आधा करने को कहा था.
2015 में निहलानी ने मेरा देश महान नाम से एक वीडियो बनाया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान किया गया था. हालांकि वीडियो का सोशल मीडिया पर काफी मज़ाक बना. कहा गया कि उसमें सरकार के विकास कार्यों के जो दृश्य दिखाए गए हैं वो दरअसल भारत के नहीं बल्कि विदेशों के थे.
पहलाज निहलानी के कार्यकाल में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) ने प्रकाश झा प्रोडक्शन की नई फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुरक़ा’ को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है. बोर्ड का कहना है कि फिल्म ‘लेडी ओरिएंटेड’ (महिलान्मुखी) है, और उनके सपनों और फंतासियों को ज़िंदगी से ज़्यादा तवज्जो दी गई है.
सेंसर बोर्ड ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि फिल्म में कई आपत्तिजनक सीन हैं, गालियां हैं, ऑडियो पॉर्नोग्राफी है, साथ ही फिल्म में समाज के एक विशेष समुदाय के बारे में कुछ असंवेदनशील है, इसलिए इसे प्रमाणित करने से इनकार किया जाता है.
मीडिया के संपर्क करने पर सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा था कि यह बोर्ड का एकमत फैसला है और वे इस पर कुछ नहीं कहेंगे.
इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ के ट्रेलर को लेकर भी पहलाज निहलानी ने आपत्ति जताई थी. एक ट्रेलर में शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा के किरदारों के बीच हो रही बातचीत में ‘इंटरकोर्स’ (संभोग) शब्द से सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी को आपत्ति थी.
निहलानी ने कहा था, ‘हमने इस डायलॉग से इंटरकोर्स शब्द डिलीट करने की शर्त पर इस ट्रेलर को U/A सर्टिफिकेट दिया था. पर वे इसे डिलीट करने के बाद हमारे पास नहीं आए. तो नियमानुसार देखा जाए तो यह ट्रेलर अभी पास ही नहीं हुआ है.’
साथ ही उनका यह भी कहना था कि बिना इस शब्द को सेंसर किए ट्रेलर को किसी भी माध्यम से प्रसारित करने की अनुमति नहीं है.
साल 2008 में हुए अहमदाबाद बम विस्फोट पर बनी फिल्म ‘समीर’ के एक डायलॉग को लेकर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई थी. उस वक़्त भी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी थे.
यह आपत्ति फिल्म के एक डॉयलॉग को लेकर है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का ज़िक्र आता है.
फिल्म आख़िरी सीन में मुख्य किरदार और खलनायक के बीच संवाद होता है. मुख्य किरदार कहता है, ‘एक मन की बात कहूं, तुम कैरेक्टर अच्छा बना लेते हो’. इस पर खलनायक कहता है, ‘वैसे सर, चाय से चू** बनाना आप से ही सीखा है.’
अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी में वे भूत के किरदार में थी. उनसे डरकर हीरो हनुमान चालीसा पढ़ने लगता है, लेकिन भूत बनीं अनुष्का नहीं भागती. सेंसर बोर्ड ने इस दृश्य को फिल्म से हटाने के लिए कहा है. बोर्ड का कहना था कि इससे एक धर्म विशेष की भावनाएं आहत हो सकती हैं.