बीते दिनों ह्वाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएनएन के पत्रकार के सवाल पूछने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जवाब देने के बजाय अभद्रता करते नज़र आए और पत्रकार का प्रेस पास रद्द कर दिया गया था.
वॉशिंगटन: अमेरिका की एक संघीय अदालत ने ह्वाइट हाउस को सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा का रद्द प्रेस पास तुरंत बहाल करने का आदेश दिया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस के बाद जिम अकोस्टा के प्रेस पास को ह्वाइट हाउस ने निरस्त कर दिया था.
अमेरिकी ज़िला अदालत के न्यायाधीश जज टिमोथी केली ने बीते शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि सुनवाई पूरी होने तक जिम अकोस्टा के प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए ह्वाइट हाउस के आदेश पर अस्थायी तौर पर अदालत ने रोक लगा दी है.
केली ने कहा कि उनका आदेश पत्रकार के लिए उचित प्रक्रिया पर आधारित था और वह स्वतंत्र प्रेस की गारंटी देने वाले पहले संशोधन समेत अन्य संवैधानिक मुद्दों के दांव पर लगे होने को लेकर अलग से सुनवाई करेंगे.
मालूम हो कि बीते सात नवंबर को ह्वाइट हाउस में हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकार जिम अकोस्टा से अभद्र तरीके से बात करते हुए नज़र आए थे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिम अकोस्टा सीएनएन के ह्वाइट हाउस संवाददाता हैं.
Here is a video of the interaction for the world to see: pic.twitter.com/us8u5TWzDz
— CNN Communications (@CNNPR) November 8, 2018
ह्वाइट हाउस में जिम अकोस्टा द्वारा सवाल पूछने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जवाब देने के बजाय अभद्रता करते नज़र आए. अकोस्टा ने ट्रंप से अमेरिकी सीमा की तरफ बढ़ रहे मध्य अमेरिकी प्रवासियों के समूह और 2016 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान रूस की ओर से किए गए हस्तक्षेप को लेकर चल रही जांच के संबंध में सवाल पूछा था.
मालूम हो कि शरणार्थियों का दल मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन्हें देश के लिए ख़तरा बताया था.
दोनों के बीच कहासुनी उस वक़्त हुई जब जिम अकोस्टा ने बैठ जाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश को नहीं माना और अमेरिकी सीमा की तरफ बढ़ रहे मध्य अमेरिकी प्रवासियों के समूह पर उनकी राय जानने के लिए लगातार सवाल करते रहे.
तब बेहद गुस्से में दिख रहे ट्रंप ने कहा, ‘बहुत हो गया.’ इस बहसबाजी के बीच ह्वाइट हाउस की एक इंटर्न ने अकोस्टा का माइक लेने की कोशिश की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने जिम को ‘अड़ियल और अजीब इंसान’ कहा था.
इसके बाद ह्वाइट हाउस ने अकोस्टा का पास रद्द कर दिया. ह्वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने कहा था कि सीएनएन के रिपोर्टर अकोस्टा की मान्यता इसलिए रद्द की गई है क्योंकि उन्होंने ह्वाइट हाउस के इंटर्न पर अपना हाथ रख दिया था.
उन्होंने कहा था, ‘हम यह कभी नहीं बर्दाश्त करेंगे कि कोई रिपोर्टर ह्वाइट हाउस के इंटर्न के तौर पर अपना काम कर रही युवती पर अपना हाथ रखे. यह बर्ताव पूरी तरह अस्वीकार्य है.’
अपने संवाददाता जिम का बचाव करते हुए सीएनएन ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को लोकतंत्र के लिए ख़तरा बताया था.
This morning, CNN filed a lawsuit against @realDonaldTrump and top aides. The White House has violated CNN and @Acosta's First Amendment rights of freedom of the press and Fifth Amendment rights to due process. Complaint: https://t.co/43oX6L8xA7 pic.twitter.com/RvJ0Cgh6oi
— CNN Communications (@CNNPR) November 13, 2018
अकोस्टा ने इन आरोपों को झूठ बताया था. सीएनएन की ओर से कहा गया था, ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनौतीपूर्ण सवाल पूछने के कारण बदले की कार्रवाई करते हुए अकोस्टा का पास निलंबित किया गया. यह अप्रत्याशित फैसला हमारे लोकतंत्र के लिए ख़तरा है और देश इससे बेहतर के क़ाबिल है.’
इसके बाद अमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने बीते 13 नवंबर को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और उनके कुछ सहयोगियों पर मुक़दमा दायर कराया है.
वॉशिंगटन की एक ज़िला अदालत में दायर किए गए मुक़दमे में सीएनएन के ह्वाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा के रद्द किए गए प्रेस पास को बहाल करने की मांग की गई है.
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)