कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस क्राइम थ्रिलर के नए एपिसोड में सीबीआई के एक डीआईजी द्वारा एक मंत्री, एनएसए, कानून सचिव और कैबिनेट सचिव के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे की पृष्ठभूमि में मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि दिल्ली में ‘चौकीदार ही चोर’ नामक क्राइम थ्रिलर चल रहा है और लोकतंत्र रो रहा है.
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में ‘चौकीदार ही चोर’ नामक एक क्राइम थ्रिलर चल रहा है. नए एपिसोड में सीबीआई के डीआईजी द्वारा एक मंत्री, एनएसए, कानून सचिव और कैबिनेट सचिव के खिलाफ गंभीर आरोप हैं.’
उन्होंने दावा किया, ‘वहीं गुजरात से लाया उसका साथी करोड़ों वसूली उठा रहा है. अफसर थक गए हैं. भरोसे टूट गए हैं. लोकतंत्र रो रहा है.’
कांग्रेस ने सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र जांच की सोमवार को मांग की थी और कहा था कि उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय और मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े हो गए हैं.
पार्टी ने यह भी कहा कि वह संसद में यह मुद्दा उठाएगी. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि डीआईजी एमके सिन्हा ने अपने हलफनामे में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में दखल के कथित प्रयासों को लेकर केंद्रीय मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी के नाम लिए हैं.
पार्थीभाई चौधरी, केवी चौधरी और डोभाल के कार्यालयों की तरफ से फिलहाल कांग्रेस के आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
केन्द्रीय कोयला राज्य मंत्री हरिभाई पी. चौधरी ने सोमवार को सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी एमके सिन्हा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को ‘आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण’ बताया. चौधरी ने कहा कि यदि ये आरोप साबित हो जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
मालूम हो कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, एक राज्यमंत्री और विधि सचिव पर जांच रोकने की कोशिश करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में हुए अपने तबादले को ‘मनमाना और दुर्भावनापूर्ण’ बताते हुए सोमवार को शीर्ष अदालत में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी.
उनका यह भी आरोप है कि उनका तबादला सिर्फ इस उद्देश्य से हुआ क्योंकि उनके द्वारा की जा रही जांच से कुछ ताकतवर लोगों के खिलाफ सबूत सामने आ गए थे.
ज्ञात हो कि सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा राकेश अस्थाना केस की जांच का नेतृत्व कर रहे थे और सीबीआई अधिकारी एके बस्सी के साथ उनका भी तबादला कर दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)