पिछले कुछ समय में नूर ने अपनी रिपोर्ट्स से देश के ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया था. इन्हीं में से एक रिपोर्ट पर देश के बड़े कॉरपोरेट घराने द्वारा मानहानि का मुकदमा भी किया गया है.
नई दिल्ली: द वायर के स्टाफ राइटर और वरिष्ठ पत्रकार नूर मोहम्मद खान का मंगलवार सुबह नई दिल्ली में निधन हो गया. वे 52 वर्ष के थे.
गोरखपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वाले नूर के पास भारतीय अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, इंफ्रास्टक्चर और ऊर्जा के क्षेत्र में रिपोर्टिंग का 25 सालों का लंबा अनुभव था.
मुख्यधारा की पत्रकारिता में आने से पहले वे करीब एक दशक तक रिसर्चर के बतौर इकोनॉमिक टाइम्स में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर जाने-माने कारोबार विशेषज्ञ अरुण गोयल के साप्ताहिक कॉलम ‘इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट नोट्स’ से जुड़े रहे थे.
इसके बाद 2009 से 2013 तक वे फाइनेंशियल एक्सप्रेस में रहे, जहां उन्होंने इंफ्रास्टक्चर और ऊर्जा क्षेत्र पर विस्तृत रिपोर्टिंग की. नवंबर 2017 में वे कंसल्टिंग राइटर के रूप में द वायर से जुड़े और फिर स्टाफ राइटर के बतौर उल्लेखनीय योगदान दिया.
बीते एक साल में उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में व्यवस्थित ढंग से देश के ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया था. इन्हीं में से एक रिपोर्ट पर देश के बड़े कॉरपोरेट घराने द्वारा मानहानि का मुकदमा भी किया गया है.
आज की शोर-शराबे भरी पत्रकारिता के दौर में उनकी खामोश रहकर अपना काम करने की खूबी उन्हें उनके समकालीन पत्रकारों से अलग करती थी. वे अपने काम में यकीन रखते थे.
उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं.
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उनके द्वारा द वायर के लिए लिखी रिपोर्ट्स यहां पढ़ी जा सकती हैं. उनके द्वारा की गई कुछ महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स.
If Gujarat Power Plants Bailout Is Approved, Consumers and Lenders Will Pick up the Tab
Does It Make Economic Sense for IOC and Gail India to Invest in Adani’s LNG Terminals?
(This article is subject of a Rs 100 crore defamation case by the Adanis, in addition to a criminal defamation case)
Why a Multi-Agency Probe Is Needed to Get to the Bottom of India’s Over-Invoicing Scams
Leaving Electricity Out of GST Regime Costs Indians Nearly Rs 30,000 Crore a Year
Audit Businesses of Big 5 Under Govt Scanner for Alleged Regulatory Violations
Move Your Own Coal, Modi Government Will Tell Some Private Power Plants
As Centre Struggles With Oil Conundrum, Will Indebted ONGC Be the Sacrificial Lamb?
Red Flags Over Nirav Modi’s Firm Shines Spotlight on Rampant Import Over-Invoicing in Diamond Trade
In UP, Power Supply Contracts Are Unraveling With Help From the State Electricity Regulator
Over the Past Seven Years, Politically-Connected Sectors Have Tanked at Stock Market