मध्य प्रदेश: मतदान बाद ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल, कांग्रेस ने की चुनाव आयोग से शिकायत

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने खुरई, सतना और भोपाल में ईवीएम से संबंधित कई ग​ड़बड़ियों की शिकायत की है. कांग्रेस का आरोप है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम गृहमंत्री के होटल में रखवाई गई थीं, जिन्हें 48 घंटे बाद सागर पहुंचाया गया.

(प्रतीकात्मक फोटो: ट्विटर)

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने खुरई, सतना और भोपाल में ईवीएम से संबंधित कई गड़बड़ियों की शिकायत की है. कांग्रेस का आरोप है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम गृहमंत्री के होटल में रखवाई गई थीं, जिन्हें 48 घंटे बाद सागर पहुंचाया गया.

यह तस्वीर मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज से साझा किया गया था. आरोप है कि भाजपा के प्रत्याशी और राज्य के गृह मंत्री के होटल में इन ईवीएम को रखा गया था.
यह तस्वीर मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज से साझा किया गया था. आरोप है कि भाजपा के प्रत्याशी और राज्य के गृह मंत्री के होटल में इन ईवीएम को रखा गया था.

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में मतदान ख़त्म होने के बाद ईवीएम को लेकर उपजे विवाद को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की सुरक्षा के लिए चौकसी बढ़ाने की मांग की है.

मालूम हो कि प्रदेश के खुरई विधानसभा क्षेत्र से काफी संख्या में सागर पहुंचाई गईं संदिग्ध ईवीएम को लेकर यह बवाल शुरू हुआ है. बीते 28 नवंबर को मतदान ख़त्म होने के 48 घंटे बाद यानी 30 नवंबर को ये ईवीएम सागर पहुंचाई गईं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस नेताओं ने ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सागर के कार्यालय की घेराबंदी की थी.

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि ये मशीनें खुरई विधानसभा क्षेत्र से आई हैं, जहां से प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. जिस वाहन में ये मशीनें पहुंचीं, उस पर नंबर भी नहीं है, इसलिए संदेह हो रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव में गड़बड़ी की मंशा से यह मशीनें गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के दीपाली होटल में लाकर रखी हुई थीं और यहां से उनमें गड़बड़ी करते हुए गुपचुप ढंग से स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराया जा रहा था.

इधर, राजधानी भोपाल के विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम मशीनों को पुरानी जेल के परिसर में रखा गया है, मगर शुक्रवार की सुबह अचानक स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर लगी एलईडी अचानक बंद हो जाने से हड़कंप मच गया.

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ईवीएम की सुरक्षा की लेकर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने भोपाल के स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर लगी एलईडी के बंद होने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने घटना के पीछे गड़बड़ी की आशंका जताई है, वहीं प्रशासन ने बिजली गुल होने की बात कही है.

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार सुबह आठ बजे अचानक स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर चलने वाली एलईडी स्क्रीन बंद हो गई. इस एलईडी पर स्ट्रॉन्ग रूम में रखी ईवीएम को बाहर से देखा जा सकता है. स्क्रीन के बंद होते ही वहां मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ऐतराज जताया, साथ ही ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया. आरोप है कि लगभग डेढ़ घंटे तक एलईडी बंद रही.

एलईडी स्क्रीन बंद होने की जानकारी मिलते ही ज़िलाधिकारी सुदाम खाडे मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया, साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चर्चा की. खाडे ने कहा कि बिजली गुल होने के कारण एलईडी बंद हो गई थी. यहां त्रिस्तरीय सुरक्षा प्रबंध है, किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है.

खुरई और भोपाल में हुई इस घटना के बाद एक वीडियो सामने आया है, जिसे मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज से साझा किया गया है.

32 सेकेंड के इस वीडियो में दो लोग हाथ में बक्सा उठाए स्टॉन्ग रूप के गेट से भीतर जाते दिख रहे हैं.

कांग्रेस ने ट्वीट में कहा है, ‘खुरई के बाद अब सतना स्ट्रॉन्ग रूम के भीतर अज्ञात बक्से ले जाने के वीडियो फुटेज सामने आए हैं. क्या निर्वाचन की निष्पक्षता अब सत्तासीन भाजपा के आगे लाचार और बेबस है? निर्वाचन की निष्पक्षता और लोकतंत्र की महत्ता बनाए रखने के लिये दोषियों पर सख़्त कार्यवाही अपेक्षित है.’

एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस की ओर से कहा गया है, ‘चुनाव के दिन बड़ी मात्रा में ईवीएम और वीवीपैट में गड़बड़ी पाई गई, मतदान की रफ़्तार दिन भर संदेहास्पद रही और अब ईवीएम की सुरक्षा में सेंध की ख़बरें हैं. क्या किसी अधिकारी की कहीं कोई ग़लती नही? या अधिकारी भी अब भाजपा के दबाव में कार्य कर रहे हैं?’

नियम है कि मतदान के बाद सभी ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में सख़्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखीं जाएं. स्ट्रॉन्ग रूम में अनाधिकृत रूप से किसी भी व्यक्ति का प्रवेश अमान्य है.

मालूम हो कि मध्य प्रदेश में बीते 28 नवंबर को मतदान हुए. चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में कुल 1,146 ईवीएम और 1,545 वीवी पैट में तकनीकी ख़राबी आई थी, जिन्हें बाद में बदल दिया गया था.

इतना ही नहीं बीते दिनों छत्तीसगढ़ में धमतरी के तहसीलदार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि धमतरी के तहसीलदार ने अपने साथ अनाधिकृत व्यक्तियों को बगैर निर्वाचन आयोग व ज़िला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के स्ट्रॉन्ग रूम के भीतर प्रवेश करा दिया था.

27 नवंबर को धमतरी के कलेक्ट्रेट के आगे लाइवलीहुड कॉलेज में स्थापित स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश कराए जाने के संबंध में शिकायत आयोग से की गई थी.

इसके बाद सभी राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन कर तहसीलदार के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने धमतरी से इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई थी, जिसमें कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों को सही पाया गया था.

इसके बाद रायपुर संभाग के कमिश्रर जीआर सुरेंद्र ने तहसीलदार राकेश ध्रुव को निलंबित करने का आदेश जारी किया था.

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की, ईवीएम की सुरक्षा में और चौकसी की मांग

कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम की सुरक्षा और मतगणना के दौरान उनके प्रयोग को लेकर अपनी चिंताएं रखीं. प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश में एक ख़ास तबके के लोगों के नामों को मतदाता सूची से हटाने का भी आरोप लगाया.

निर्वाचन आयोग के साथ बैठक के बाद, पत्रकारों से कांग्रेस नेता और एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि राज्य की धमतरी विधानसभा सीट पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिल रही है.

उन्होंने दावा किया कि सीसीटीवी की मरम्मत करने के बहाने से लैपटॉप और मोबाइल फोन के साथ संदिग्ध लोग स्ट्रॉन्ग रूम के आसपास दिखाई दिए हैं जहां मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को रखा गया है.

पुनिया ने यह भी कहा कि पार्टी ने रायपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के यहां इस बाबत शिकायत भी दर्ज कराई है.

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने दावा किया कि मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में स्ट्रॉन्ग रूम में एक घंटे से ज्यादा वक़्त तक बिजली गुल रही जिस वजह से सीसीटीवी कैमरों ने काम नहीं किया.

उन्होंने कहा कि राज्य में मतदान के 48 घंटे बाद, बिना नंबर प्लेट की एक स्कूल बस ईवीएम लेकर सागर ज़िला कलेक्टर के दफ्तर पहुंची.

तन्खा ने पत्रकारों से कहा, ‘इसका मक़सद ज़ाहिर था कि इन मशीनों को कलेक्टर के कार्यालय में जमा कराना. इन अतिरिक्त ईवीएमों को चुनाव के दो घंटे बाद जमा कराना था न कि दो दिन बाद. ऐसा खुरई सीट पर हुआ है जहां से राज्य के गृह मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बूथ संख्या 44 में मतदाताओं के नामों को गलत तरीके से हटाने जैसी विसंगतियां समाने आ रही हैं.

उन्होंने कहा कि इस बूथ के 100 में से 98 फॉर्मों में ये विसंगतियां पाई गई हैं और एक खास समुदाय के लोगों के नामों को सूची से हटाया गया है ताकि वे सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ मतदान नहीं कर सकें.

सिंघवी ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने हमें आश्वस्त किया है कि वे इसे देखेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)