चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां बिजली जाने की वजह से करीब एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद थे और इस बीच रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई थी.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद ईवीएम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी वहां बीते शुक्रवार को अचानक बिजली जाने की वजह से सीसीटीवी कैमरे करीब एक घंटे तक बंद रहे. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक आयोग ने यह भी कहा है कि मध्य प्रदेश के सागर में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम को जमा करने के मामले में एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. आरोप है कि अधिकारी ने वोटिंग के दो दिन बाद ईवीएम जमा कर रखी थी.
चुनाव आयोग ने कहा, ‘भोपाल कलेक्टर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 30 नवंबर को बिजली जाने की वजह से स्ट्रांग रूम के बाहर लगे सीसीटीव कैमरे और एलईडी डिस्प्ले सुबह 8.19 से लेकर 9.35 तक काम नहीं कर रहे थे. इसकी वजह से इतनी देर तक रिकॉर्डिंग नहीं की जा सकी थी. बिजली आपूर्ति के लिए एक अतिरिक्त एलईडी स्क्रीन, एक इनवर्टर और एक जनरेटर लगाया गया था.’
चुनाव आयोग ने इस बात की पुष्टि की है कि अब स्ट्रांग रूम में लगे कैमरे काम कर रहे हैं.
Congress leaders @DrAMSinghvi @plpunia @VTankha & @ManishTewari presented a memorandum to the EC demanding a thorough investigation into the matter of EVM tampering in recent state elections. #मोदी_से_EVM_बचाओ pic.twitter.com/q7kafQWG44
— Congress (@INCIndia) December 1, 2018
इंडिया टुडे के अनुसार, ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ होने की वजह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शुक्रवार से पुराने भोपाल जेल में स्ट्रांग रुम की निगरानी कर रहे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे 11 दिसंबर तक इवीएम पर नजर बनाए रखें.
बता दें कि 11 दिसंबर को चुनाव के नतीजें आएंगे. वहीं भोपाल के डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को आस्वासन दिया है कि स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि ईवीएम को तीन स्तर की सुरक्षा में रखा गया है और कोई भी इजाजत के बगैर अंदर नहीं जा सकता है.
बता दें कि मध्य प्रदेश में मतदान ख़त्म होने के बाद ईवीएम को लेकर उपजे विवाद को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की सुरक्षा के लिए चौकसी बढ़ाने की मांग की है.
मालूम हो कि प्रदेश के खुरई विधानसभा क्षेत्र से काफी संख्या में सागर पहुंचाई गईं संदिग्ध ईवीएम को लेकर यह बवाल शुरू हुआ है. बीते 28 नवंबर को मतदान ख़त्म होने के 48 घंटे बाद यानी 30 नवंबर को ये ईवीएम सागर पहुंचाई गईं.
मध्य प्रदेश में बीते 28 नवंबर को मतदान हुए. चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में कुल 1,146 ईवीएम और 1,545 वीवी पैट में तकनीकी ख़राबी आई थी, जिन्हें बाद में बदल दिया गया था.
इतना ही नहीं बीते दिनों छत्तीसगढ़ में धमतरी के तहसीलदार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि धमतरी के तहसीलदार ने अपने साथ अनाधिकृत व्यक्तियों को बगैर निर्वाचन आयोग व ज़िला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के स्ट्रॉन्ग रूम के भीतर प्रवेश करा दिया था.
27 नवंबर को धमतरी के कलेक्ट्रेट के आगे लाइवलीहुड कॉलेज में स्थापित स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश कराए जाने के संबंध में शिकायत आयोग से की गई थी.
इसके बाद सभी राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन कर तहसीलदार के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने धमतरी से इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई थी, जिसमें कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों को सही पाया गया था.
इसके बाद रायपुर संभाग के कमिश्रर जीआर सुरेंद्र ने तहसीलदार राकेश ध्रुव को निलंबित करने का आदेश जारी किया था.