माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. सीबीआई ने ब्रिटेन की कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
नई दिल्ली: भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भारत भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस फैसले को भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वागत किया है.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘मीडिया की खबरों से हमें पता चला है कि लंदन की एक अदालत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.’
62 वर्षीय माल्या के खिलाफ लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में सुनवाई चल रही थी कि क्या उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत भेजा जा सकता है या नहीं, ताकि उनके खिलाफ वहां की अदालत बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सके.
माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. माल्या ने मनी लांड्रिंग के आरोपों के बाद देश छोड़ दिया था. वह मार्च, 2016 से लंदन में है.
CBI welcomes the decision: Central Bureau of Investigation on UK court orders extradition of Vijay Mallya to India https://t.co/BWVBpY7DTn
— ANI (@ANI) December 10, 2018
विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने साल 2004 से 2012 के बीच 17 बैंकों से कुल 7,800 करोड़ रुपये का लोन लिया था. माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लोन मांगते वक्त बैंकों को पर्सनल गारंटी दी थी.
विजय माल्या ने दावा किया था कि देश से बाहर जाने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी.
हाल ही में अगस्ता वेस्टलैंड डील में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद माल्या ने बैंकों का 100 फीसद कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दिया था.
उन्होंने बुधवार को इस संबंध में ट्वीट कर कहा था कि वह बैंकों का पूरा कर्ज चुकाने को तैयार हैं. उनका दावा है कि वह 2016 से ही कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दे रहा हैं, लेकिन भारत सरकार ने उनके प्रस्ताव का कोई उत्तर नहीं दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)