समाचार एजेंसी रॉयटर्स की इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में सामने आया है कि 1971 से 2000 तक कंपनी के बेबी पाउडर की जांच में कई बार कैंसर फैलाने वाला हानिकारक केमिकल एसबेस्टस पाया गया था.
अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को काफी पहले से पता था कि उसके बनाए बेबी पाउडर में कैंसर फैलाने वाला हानिकारक केमिकल एसबेस्टस मौजूद है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में कुछ गोपनीय दस्तावेजों और सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है.
इसमें कहा गया है कि 1971 से 2000 तक कंपनी के बेबी पाउडर की जांच में कई बार एसबेस्टस पाया गया.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जॉनसन एंड जॉनसन के अधिकारियों, प्रबंधकों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और वकीलों को भी इसकी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे छिपाए रखा.
अमेरिकी नियामक चाहते थे कि कॉस्मेटिक टैल्कम पाउडर में एसबेस्टस की मात्रा सीमित की जाए, लेकिन कंपनी ने इन कोशिशों के खिलाफ नियामकों पर दबाव बनाया और काफी हद तक कामयाब भी रहा.
हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. कंपनी का कहना है कि याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपने फायदे के लिए दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की ताकि अदालत में भ्रम का माहौल पैदा किया जा सके.
उनका कहना है कि उनके पाउडर में कोई हानिकारक पदार्थ मौजूद नहीं है, यह उन सभी टेस्ट्स से ध्यान हटाने की कोशिश है.
जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर पर इससे पहले भी कई बार हानिकारक केमिकल होने के आरोप लगे हैं.
जुलाई में जॉनसन एंड जॉनसन पर अमेरिका में 32000 करोड़ रुपये (4.7 बिलियन डॉलर) के जुर्माने का आदेश जारी किया गया था. यह जुर्माना सैंट लुइस कोर्ट ने कंपनी के पाउडर में कैंसर फैलाने वाला केमिकल ‘एसबेस्टस’ मिलने के बाद लगाया था.
गौरतलब है कि जॉनसन एंड जॉनसन वर्तमान में पूरे अमेरिका में मुकदमों का सामना कर रहा है. इसके उत्पादों के द्वारा गर्भाशय का कैंसर होने का दावा करने वाली महिलाओं द्वारा 9,000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. ज्ञात हो कि ऐसे ही एक मामले में पिछले साल वर्जिनिया में कंपनी को लगभग 70 करोड़ (10 मिलियन डॉलर) का जुर्माना सहना पड़ा था.
इससे पहले 2016 में भी कंपनी को एक कैंसर के मरीज को समान समस्या होने के चलते 375 करोड़ (55 मिलियन डॉलर) का हर्जाना भरना पड़ा था.
बीबीसी के मुताबिक रॉयटर्स की यह रिपोर्ट सामने के आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनी के शेयर्स में भारी गिरावट दर्ज की गई. इसके शेयर 10 फीसदी गिर गए.
इससे पहले 19 जुलाई 2002 को कंपनी के शेयर्स में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. इसके बाद से यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है.