एमएनएफ प्रमुख जोरामथांगा का मुख्यमंत्री के बतौर यह तीसरा कार्यकाल है. पांच कैबिनेट और छह राज्य मंत्रियों ने भी ली पद और गोपनीयता की शपथ.
आइजोल: मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरामथांगा ने शनिवार को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वह 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद का नेतृत्व करेंगे.
राज्यपाल के. राजशेखरन ने यहां राज भवन में एक समारोह में जोरामथांगा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. जोरामथांगा ने मिजो भाषा में शपथ ली.
पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर यह उनका तीसरा कार्यकाल है. उन्होंने साल 1998 और 2003 में मिजोरम में एमएनएफ सरकार का नेतृत्व किया था.
तॉनलुइया राज्य के उपमुख्यमंत्री होंगे. जोरामथांगा के साथ 11 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. इनमें पांच कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्री शामिल हैं.
पांच कैबिनेट मंत्रियों में तॉनलुइया, आर लालथंगलियाना, लालचमलियाना, लालजिरलियाना और लालरिनसांगा शामिल हैं, जबकि के लालरिनलियाना, लालचंदामा राल्टे, लालरुआतकिमा, डॉ. के बेइचुआ, टी जे लालनुंत्लुआंगा और रॉबर्ट रोमाविया राल्टे को राज्य मंत्री बनाया गया है.
राज्य में 16 प्रमुख गिरिजाघरों के समूह एमकेएचसी के अध्यक्ष रेव आर लालमिंगथांगा ने समारोह के दौरान बाइबिल पढ़ी और प्रार्थना की.
एनएनएफ 10 साल बाद राज्य की सत्ता में वापसी कर रही है. इस बीच जोरमथांगा ने साफ किया कि वह भारतीय जनता पार्टी के एकमात्र विधायक बुद्धधन चकमा को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करेंगे.
मालूम हो कि एमएनएफ, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) में सहयोगी है.
एमएनएफ हाल ही में विधानसभा चुनाव में 40 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में आई है. एमएनएफ की ओर से यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले पार्टी ने इतनी सीटें कभी नहीं जीती थीं.
विधानसभा चुनाव में 10 साल से मिजोरम के मुख्यमंत्री कांग्रेस के लाल थानहावला दोनों सीटों से हार गए हैं.
वहीं कांग्रेस को राज्य में केवल पांच सीटें मिली हैं. एक सीट पर भाजपा और आठ सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है. ज़ोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने पांच सीटें जीतीं.
मिज़ोरम चुनावों के नतीजे आने के साथ ही पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)